इस पिता ने बेटी की शादी में सोने-चांदी की जगह दहेज़ में दे दी ऐसी चीज, लोग कर रहे हैं जमकर तारीफ
आज तक आपने कई बार देखा होगा की जब भी किसी बेटी की शादी होती है तो घर वाले अपनी बेटी की सभी इच्छाओं को पूरा करते है, घर वाले अपनी बेटी को प्यार से पाल पास कर इतना बड़ा करते हैं इसीलिए वो चाहते हैं की शादी में उसकी कोई भी चाहत अधूरी ना रह जाये. क्योकि शादी के बाद बेटी अपना सब कुछ छोड़ कर अपने ससुराल चली जाती है. इसीलिए अपनी बेटी को खुश करने के लिए माँ बाप अपनी को बेटी को बहुत सारा सोना चांदी और गाडी वगेरह भी देते है ताकि उनकी बेटी हमेशा खुश रहे. अब ये सब कुछ तो हमेशा से होता आ रहा है और हमेशा होता रहेगा. मगर हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से ऐसा कुछ बताने जा रहे है जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान रह जायेंगे.
ये मामला गुजरात का है. गुजरात राज्य के राजकोट शहर में रहने वाली किन्नरी बा का विवाह पूर्वजीत सिंह के साथ में तय हुआ था. पूर्वजीत सिंह पेशे से एक इंजिनियर है. जब किन्नरी बा का विवाह तय हो गया तो उनके पिता ने उनसे पूछा कि उन्हें अपनी शादी में क्या क्या चाहिए. अपने पिता के इस सवाल पर किन्नरी बा ने अपने पिता से कहा कि उन्हें सोचने के लिए थोडा सा समय चाहिए.किन्नरी बा के ऐसा कहने पर सभी लोगों को लगने लगा की वो दहेज़ में जेवर या फोरेन ट्रिप टाइप की डिमांड करेंगी. पर आपको जानकर हैरानी होगी किन्नरी बा ने इस तरह की कोई भी डिमांड अपने पिता के सामने नहीं रखी.
किन्नरी बा ने अपने पिता को एक लिस्ट दी जिसमे 2200 किताबो के नाम लिखे थे. इस लिस्ट को अपने पिता को देते हुए किन्नरी बा ने अपने पिता से कहा की मुझे दहेज़ में ये चाहिए. अपनी बेटी की इच्छा का मान रखते हुए उनके पिता बेटी द्वारा बताई गयी किताबों को जमा करने में लग गए. लिस्ट में लिखी हुई सभी किताबों को जमा करने में पूरे 6 महीने लग गये लेकिन उनके पिता ने हार नहीं मानी और जब उनकी बेटी की विदाई हुई तो उन्होंने अपनी बेटी को सभी किताबे तोहफे के रूप में दी और इन ढेर सारी किताबो के साथ किन्नरी बा को उनके ससुराल के लिए विदा किया.
समय बीतने के साथ अब कही न कही ऐसा महसूस होने लगा है की वाकई में लोगों की सोच में बदलाव आया है और लोग थोड़े समझदार होने लगे है. और अगर किन्नरी बा की बात करें तो वो हमेशा से बहुत ही होशियार बच्ची रही है. किन्नरी बा को बचपन से किताबे पढने की शौक़ था. वो पढ़ने में भी बहुत तेज थी. इसलिए जब उनकी शादी में उनके पिता ने उसने पुछा की उन्हें दहेज़ में क्या चाहिए तो उन्होंने किताबो की मांग की. किन्नरी बा की शादी में लोगों की तरफ से भी लगभग 200 किताबे तोहफे के रूप में आयी थी.