जब भी कोई दूसरे देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति देश में आते हैं तो सरकार को तैयारियां बहुत जोरों से करनी होती हैं। जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनकर भारत का नेतृत्व पूरी दुनिया में कर रहे हैं तब से कई बड़े देशों से हमारे देश के संबंध अच्छे हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के साथ तो नरेंद्र मोदी का काफी याराना लगता है तभी तो जब मौका मिलता है नरेंद्र मोदी अमेरिया या ट्रंप भारत आ जाते हैं। कुछ कुछ दिनों के बाद ट्रंप भारत आने वाले हैं और उनके आने के कई दिनों पहले ही उनकी ये खास कार भारत आ गई है जिसमें कई ऐसी खासियतें हैं जो भारत में देखा जाना काफी मुश्किल है।
ट्रंप के पहले भारत पहुंची उनकी कार
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 और 25 फरवरी को दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। राष्ट्रपति बनने के बाद ये ट्रंप का पहला भारत का दौरा है जिनकी अगुवाई के लिए नरेंद्र मोदी सहित कई बड़े मंत्री शामिल होंगे। इनका पहला पड़ाव गुजरात का अहमदाबाद होगा, जहां पर वे मोटेरा स्टेडियम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्यक्रम में पहुंचेंगे और इसके बाद उनके अगले पड़ाव एक के बाद एक सामने आएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप की कार प्रेसीडेंशियल लिमोजिन जिसे बीस्ट कहा जाता है भारत पहुंच चुकी है। साल 2018 में इस कार को सीक्रेट सर्विस फ्लीट में शामिल किया गया था और इस कार को किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का सबसे शाही व्हीकल माना जा रहा है। इस नई कार को बीस्ट 2.0 नाम मिला है और साल 2009 के मॉडल की जगह इस कार को शामिल किया गया था। बीस्ट का मतलब जंगली या पागल जानवर या फिर क्रूर इंसान होता है। कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये किसी बैटल टैंक से कम नहीं है। एक ऐसी कार जिसे ट्रांसपोर्ट करने के लिए दुनिया के सबसे हैवी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का प्रयोग होता है और एयरफोर्स वन और मरीन वन की तरह ही इस कार को कैडियलिक वन कहते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति की आधिकारिक कार को शेवरलेट कंपनी ने तैयार किया है और बीस्ट अमेरिकी राष्ट्रपति की आधिकारिक कार है। बीस्ट से पहले कई कारों को अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी ऑफिशियल कार के तौर पर इस्तेमाल में ला चुके हैं और राष्ट्रपति ट्रंप की ये कार जनरल मोटर्स की है। साल 1930 में अमेरिका की फेडरल सरकार ने राष्ट्रपति के लिए एक आधिकारिक कार को इसकी मंजूरी दी थी और इसके लिए सिर्फ उन कारों का ही प्रयोग होता है जो एडवांस्ड कम्यूनिकेशन इक्विपमेंट्स, आर्मर प्लेटिंग और एडवांस डिफेंस एक्विपमेंट्स से लैस होता है।
बीस्ट राष्ट्रपति वो कार है जिसे हाल ही में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कस्टमाइज की गई है। राष्ट्रपति की इस कार की कीमत 12 करो़ड़ रुपये है और इसमें करीब 5 लीटर फ्यूल की कैपिसिटी है। ये कार सिर्फ 15 सेकेंड में ही 60 मील की रफ्तार में चलती है और इस गाड़ी में राष्ट्रपति के साथ 7 लोग भी बैठते हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को बीस्ट के अलावा किसी दूसरी कार में सफर करने की इजाजत नहीं है। वे जब भी किसी दूसरे देश के दौरे पर जाते हैं तो इसी कार में सफर करते हैं। साधारण लोगों के लिए इसका नाम बीस्ट है लेकिन सीक्रेट सर्विस एजेंट्स इसे स्टेजकोच कहकर बुलाते हैं। बीस्ट को अमेरिका से दूसरे देशों में ट्रांसपोर्ट करने के लिए सीक्रेट सर्विस एजेंट्स सी-17 ग्लोबमास्टर का प्रयोग होता है। सी-17 को दुनिया का सबसे भारी ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट माना जाता है।
बीस्ट को ड्राइव करने के लिए ड्राइवर सीक्रेट सर्विस एजेंट होता है जो कार को ड्राइव करने से पहले कुछ टेस्ट देता है। बीस्ट का निक नेम रोडरनर है और इसे रोलिंग कम्यूनिकेशन ऑफिस भी कहते हैं। इस कार में सीधे मिलिट्री सैटेलाइट कनेक्टेड होता है और इसमें 8 इंच मोटी आर्म प्लेटिंग लगी है। इसके दरवाजों को वजन बोइंग 757 एयरक्राफ्ट के दरवाजों के जितना बनाया गया है और पांच इंच मोटी बुलेटप्रूफ लेयर से बनी इसकी विंडो है। इसमें कौन से हथियार मौजूद है इसकी जानकारी सिर्फ एजेंट्स को है लेकिन ड्राइवर के पास एक शॉटगन जरूर रहती है। इस गाड़ी के फ्यूल टैंक में आर्मर प्लेट लगी है और इसके साथ ही इसमें स्पेशल डिजाइन फोम भी है। इसके होने से कार पर डायरेक्ट अटैक होने के बाद भी इसके फ्यूल टैंक पर कोई असर नहीं होगा और ये ब्लास्ट नहीं हो सकती।