50 साल से बिना शादी ‘लिव इन’ में था बुजुर्ग जोड़ा, गाँव वालों ने धूमधाम से करवा दी शादी
‘जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं.’ ये कहावत आप कई बार सुन चुके होंगे. ये बात रियल लाइफ में भी कई बार देखने को मिल जाती हैं. जब हमे अपना सच्चा जीवनसाथी मिल जाता हैं तो हम उससे शादी करने में देर नहीं लगाते हैं. हालाँकि कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बिना शादी एक दुसरे के साथ रहना पसंद करते हैं. आधुनिक भाषा में इसे ‘लिव इन रिलेशनशिप’ कहा जाता हैं. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे बुजुर्ग दंपत्ति से मिलाने जा रहे हैं जो पुरे 50 साल लिव इन में रहे और हाल ही में शादी के बंधन में बंधे हैं. छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के खैरझिटी कला गांव में हुई इस शादी को देख लोग तब हैरान रह गए जब उन्हें पता लगा कि दुल्हा 73 का हैं तो दुल्हन 67 की हैं.
अब सोशल मीडिया पर इस बुजुर्ग जोड़े की शादी बहुत वायरल हो रही हैं. बीते शनिवार को हुई इस शादी के चर्चे पुरे गाँव में हैं. कई लोगो को तो ये जानकार ही हैरानी हो रही हैं कि 73 साल के दुल्हे सुकाल निषाद और 67 वर्ष की दुल्हन गौतरहिन बाई पिछले 50 सालों से लिव इन में रह रहे थे. दरअसल इन दोनों को तो लिव इन क्या होता हैं ये भी नहीं पता था. बात ये थी कि दोनों की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय थी ऐसे में दोनों शादी करने और गाँव वालो को भोज कराने का खर्चा नहीं उठा सकते थे. इसलिए 50 साल पहले जब इनकी मुलाकात हुई थी तो दोनों ने बिना शादी के ही साथ में रहने का निर्णय ले लिया था.
मीडिया को इंटरव्यू देने के दौरान बूढ़े दुल्हे ने बताया कि वे आज से 50 साल पहले बेमेतरा जिले के बिरसिंगी में अपने लिए एक लड़की देखने गए थे. वे जिस लड़की से मिलने गए थे उसकी छोटी बहन पर सुकाल का दिल आ गया था. चुकी सुकाल तब मजदूरी किया करते थे इसलिए उनके पास शादी ब्याह के पैसे नहीं थे. ऐसे में सुकाल और गौतरहिन ने फैसला लिया कि वे साथ में शादी के बिना रहना शुरू कर देंगे. दिलचस्प बात ये थी कि बिना शादी के रहने के बावजूद उनके परिवार या समाज के किसी लोगो को कोई आपत्ति नहीं हुई.
हाल ही में सुकाल ने गाँव में अपने एक दोस्त से इच्छा जताई कि उनकी ख्वाहिश हैं कि वे जीवन में हिंदू रीती रिवाजों के साथ शादी जरूर करे. उनका मानना था कि बिना शादी के जीवन में मोक्ष नहीं मिलता हैं. ऐसे में उनके दोस्त ने ये बात गाँव के बाकी लोगो और सुकाल के बच्चों को बताई. फिर सब ने मिलकर इनकी शादी का प्रोग्राम जमाया और दोनों की पूरी रस्मों के साथ शादी करवा दी. सुकाल और गौतरहिन के दो बेटे और एक बेटी हैं. इसके अलावा उनके पौते पौतियाँ और नाती नातिन भी हैं. इस तरह ये सभी अपने पिता और दादा दादी, नाना नानी की शादी में शामिल हुए.
गाँव वालो ने भी इनकी शादी में आर्थिक रूप से सहयता प्रदान की. ये शादी बड़ी ही धूमधाम से संपन्न हुई. सुकाल 50 साल बाद गौतरहिन से शादी कर बेहद खुश हैं.