फेसबुक फ्रेंड से मिलने 4600 किमी दूर राजस्थान आई रूस की अनास्ता, खुद बनाई मक्के की रोटी
इस दुनिया में दोस्ती को बहुत बड़ा माना जाता है और दो दोस्तों के बीच दूरियां कितनी भी हो लेकिन अगर एक दोस्त तड़पता है तो दूसरा उससे मिलने चला आता है। कुछ ऐसी ही कहानी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के एक गांव सेगवा के कन्हैया लाल गाडरी की भी है। कन्हैया लाल का घर इन दिनों पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बना है और इसकी वजह ये है कि फेसबुक पर हुई दोस्ती के बाद रूस से अनास्ता मिलने आई हैं। इसके बाद जो हुआ वो काफी दिलचस्प है।
दोस्त से मिलने रुस से राजस्थान आई अनास्ता
कन्हैया का घर चर्चा में बना है क्योंकि इनके घर विदेशी दोस्तों का जमावड़ा लगा हुआ है और ये कन्हैया के घर, गांव और खेतों को घूमना काफी एन्जॉय कर रहे हैं। इस विदेशी दल ने इनके घर दो दिन गुजारे और सभी को यहां आना काफी पसंद भी आया। दरअसल पूरी कहानी राजस्थानी लड़की और रूसी लड़की की दोस्ती की है और इनकी दोस्ती फेसबुक के जरिए हुई थी। अनास्ता कन्हैया की इतनी अच्छी दोस्त बन गईं कि 46 सौ किलोमीटर की दूरी तय करके उनके घर पहुंच गईं। शनिवार को अनास्ता रूस और नीदरलैंड के 8 लोग भारत भ्रमण पर निकले थे तो ये सभी कन्हैया के घर भी आए।
कन्हैया से मिलने के लिए अनास्ता कार से अपने साथियों के साथ चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय पहुंची और फिर 10 किलोमीटर दूर स्थित गांव पहुंच गईं। अनास्था और उनके साथियों के स्वागत को कन्हैया लाल और उनके परिवार व ग्रामिणों ने पलक पांवडे बिछाए। बड़ी आत्मीयता से उनका स्वागत किया गया और फेसबुक के दोस्तों के घर आने पर पूरा गांव उनसे मिलने आया।
विदेशी पर्यटक अपने दोस्त कन्हैया लाल के घर कच्चे चूल्हे पर बनी मक्के की रोटी भी खाई। इस दौरान उन्होंने सिर्फ देसी भोजन ही किया और सर्दी से बचने के लिए अलाव का भी सहारा लिया। फिर दूसरे दिन रविवार को उनसे खेतों को घूमने गए औऱ ग्रामिण परिवेश को भी जाना। इके बाद उन विदेशियों ने ग्रामिण बच्चों के साथ बातचीत भी की। कन्हैया लाल से मिलकर अनास्ता और उनके दोस्त काफी खुश हुए और सभी उनके परिवार से घुल-मिल गए। रूसी पर्यटक के दल में शामिल एक युवती ने तो कन्हैया लाल के घर की महिलाओं के साथ खाना तक बनाया। कन्हैया लाल ने फेसबुक पर रूस की अनास्ता से बात करते हुए अपने परिवार और दोस्तों के बारे में बताया और यही वजह थी कि अनास्ता कन्हैया और उनके परिवार से मिलने के लिए उत्सुक हो गईं। कन्हैया लाल ने इस बारे में मीडिया को एक वीडियो के जरिए बताया कि अनास्ता बिल्कुल भी अलग नहीं लगीं, उन्हें लगा कि वे उनके ही परिवार का हिस्सा हैं। अनास्ता के दोस्त भी काफी खुश होकर यहां से वापस गए।