क्या वाकई में सरकार ने देवानंद के काला कोट पहनने पर लगा दिया था बैंन? जानिए क्या है सच्चाई
बॉलीवुड में 60 और 70 के दशक में ऐसे बहुत सारे अभिनेता रहे हैं जिनकी अदायगी और स्मार्टनेस की लाखों लडकियां दीवानी थी. आज हम आपको बॉलीवुड के ऐसे ही बड़े और महान सुपरस्टार के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग और स्मार्टनेस के बल पर सभी लोगों को अपना दीवाना बना लिया था. इस महान सुपरस्टार का नाम है देव आनंद…. देवानंद अपने समय के बहुत ही स्मार्ट और जाने-माने अभिनेता रहे हैं. देव आनंद का जन्म साल 1923 में 26 सितंबर को हुआ था. देवानंद पंजाब के गुरदासपुर के एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते थे. देवानंद का पूरा नाम देवानंद और धरमदेव पिशोरी आनंद था.
देवानंद को बचपन से ही अभिनय करना बहुत पसंद था. जब देवानंद बड़े हुए तो इन्हें मिलिट्री सेंसर ऑफिस में नौकरी मिल गई, पर अपने एक्टिंग के शौक को पूरा करने के लिए इन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. देवानंद को बी-टाउन का सबसे स्मार्ट और हैंडसम एक्टर माना जाता था. देवानंद की एक्टिंग और स्मार्टनेस पर लाखों लड़कियां फ़िदा थी. उस वक्त देवानंद हमेशा सुर्खियों में रहते थे. साल 1946 में “हम एक हैं” फिल्म के द्वारा देवानंद ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. यह फिल्म बहुत बड़ी सुपरहिट रही थी, और पहली फिल्म के हिट होने के बाद लड़कियां इन पर फिदा हो गई थी. उस वक़्त ना जाने कितनी ही लडकियां थी जो देवानंद के साथ शादी करना चाहती थी.
इसके बाद देवानंद ने “जिददी” “हमसफर” “बंबई का बाबू” “हरे रामा हरे कृष्णा” “मिस्टर प्राइम मिनिस्टर” “अमन के फरिश्ते” जैसी एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया. देवानंद उस समय रोमांटिक और फैशन आईकॉन माने जाते थे. वैसे तो देवानंद के बहुत सारे किस्से मशहूर हैं, पर अगर आज के समय देवानंद के किसी हिस्से की सबसे ज्यादा चर्चा की जाती है तो वह है उनके काले कोट का किस्सा…. कहा जाता है कि उस समय देवानंद जब भी कालाकोट और वाइट शर्ट पहन कर घर से बाहर निकलते थे तो लड़कियां उन्हें देखकर दीवानी हो जाती थी. कई लड़कियों ने तो उन्हें काले कोट में देखने के बाद आत्महत्या भी कर ली थी. इन मामलों को देखने के बाद इसकी गंभीरता को समझते हुए सरकार ने देव आनंद के काला कोट पहनने पर बैन लगा दिया था.
पॉजिटिव भूमिकाएं निभाने के साथ साथ देव आनंद ने कुछ नकरात्मक भूमिकाएं भी निभायी देवानंद ने फिल्म “टेक्सी ड्राईवर” में एक्ट्रेस कल्पना कार्तिक के साथ काम किया. ये फिल्म हिट साबित हुई.
इस फिल्म में काम करने के दौरान कल्पना और देवानंद के बीच की नज़दीकियां बढ़ने लगी और बाद में इन दोनों ने शादी कर ली. साल 1956 इनके घर एक बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम सुनील आनंद रखा गया. कल्पना कार्तिक से शादी करने से पहले देवानंद और सुरैया के प्यार के किस्से भी बहुत मशहूर हुए थे. पर ये दोनों शादी नहीं कर पाए. फिर 88 साल की उम्र में 3 दिसंबर 2011 को देवानंद इस दुनिया को अलविदा बोलकर चले गए.