पिता सब्जी बेचकर करते हैं परिवार का गुज़ारा, बेटी ने इस एग्जाम में टॉप कर किया नाम रोशन
आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जो बहुत ही साधारण और गरीब परिवार से सम्बन्ध रखती है. पर इस लड़की ने अपने हौसले और उम्मीद के बल पर आज के समय में एक ऐसा मुकाम हासिल कर लिया है जिसपर उनके पिता और परिवार वालों को बहुत गर्व महसूस हो रहा है. ये मामला कर्नाटक का है. भले ही ये मामला थोड़ा पुराना हो चूका है. पर जिन लोगों के अंदर कुछ कर दिखने का जज्बा होता है उनकी कहानियां कभी पुरानी नहीं होती.
आज हम आपको ललिता के बारे में बताने जा रहे है. इनकी कहानी भी लोगों के अंदर जोश और हौसला पैदा कर सकती है. ललिता एक बहुत ही साधारण परिवार से सम्बन्ध रखती हैं. ललिता के पिता सब्जी बेच कर अपने परिवार का गुज़र बसर करते हैं. पर जब ललिता के पिता को इस बात का पता चला कि उनकी बेटी ने एयरोनॉटिकल इंजीनियरिग की परीक्षा सबसे ज्यादा नंबरों से पास की है, तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया.
Bravo, dear Lalitha beti! You and your parents are true inspiration. Chase your dream with same determination and self confidence. @thebetterindia https://t.co/HjteWMAcpt
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) February 8, 2020
ललिता ने कर्नाटक की Vishvesvaraiah टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की परीक्षा में सबसे ज़्यादा अंक लाकर गोल्ड मेडल हासिल किया है. ललिता को टॉप करने और गोल्ड मेडल हासिल करने के लिए नॉबेल प्राइज सम्मानित कैलाश सत्यार्थी ने भी भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं.
स्थानीय मीडिया के अनुसार ललिता नियमित रूप से सुबह 3:00 या 4:00 बजे उठ जाती हैं. वह पहले सब्जी बेचने में अपने माता-पिता की सहायता करती हैं और उसके बाद बेंगलुरु के ईस्ट वेस्ट कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग जाने से पहले सब्जी की दुकान पर बैठकर पढ़ाई करती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि ललिता के माता-पिता ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं. ललिता के पिता केवल पहली कक्षा तक पढ़े हैं और मां ने पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की है. ललिता के माता-पिता सब्जी की एक छोटी सी दुकान चलाते हैं.
Karnataka: Vegetable Vendor’s 22-Year-Old Daughter Tops Aero-Science Exam https://t.co/wVTxK5qVpx pic.twitter.com/GMPO78dcdF
— The Web Next News (@TWNEXTNEWS) February 7, 2020
ललिता के माता पिता नियमित रूप से किसानों से सब्जियां खरीदने के लिए सुबह सुबह 4:30 बजे घर से निकल जाते हैं. किसानो से सब्जियां खरीदने के बाद ललिता के माता-पिता सुबह 6:00 बजे से रात के 10:00 बजे तक अपनी सब्जी की दुकान चलाते हैं. ललिता की उम्र 22 साल है. ललिता साल 2015 में पहली बार बेंगलुरु गई थी. शहर के रंग ढंग और यहाँ की आबो हवा में अच्छे से एडजस्ट होने में उन्हें कुछ समय लगा.
नेशनल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम में उनका चुनाव होने के बाद अब वो एक एयरोस्पेस कंपनी में इंटर्नशिप कर रहे हैं. ललिता को यह आशा है कि उन्हें आगे जाकर इसी फर्म में जॉब मिल जाएगी. हम ललिता के हौसले और जोश की सराहना करते हैं.ललिता को देखर सभी लोगों को ये प्रेरणा मिलती है की पढ़ने और आगे बढ़ने के लिए साधनो की नहीं बल्कि कुछ कर दिखाने के हौसले और जोश की ज़रूरत होती है. अगर इंसान के अंदर कुछ कर दिखाने की चाहत हो तो वो किसी भी परिस्थिति में आगे बढ़ सकता है.