Mahashivratri 2020: महाशिवरात्रि पर 59 साल बाद फिर से बन रहा हैं ये राजयोग, मिलेगा शुभ फल
इस साल 21 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व आ रहा है और इस महाशिवरात्रि पर 59 साल बाद विशेष योग बन रहा है। ज्योतिषों के अनुसार इस बार महाशिवरात्रि पर ग्रहों की विशेष स्थिति बन रही है। इस वर्ष महाशिवरात्रि पर शनि अपनी ही राशि मकर में होंगे, जिसके कारण शश योग बन रहा है। इस योग को राजयोग कहा जाता है। इसके अलावा मकर राशि में शनि और चंद्रमा रहेंगे, कुंभ में सूर्य-बुध की युति रहेगी, शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। ग्रहों के ये सभी योग इससे पहले साल 1961 में बने थे और अब 59 साल बाद फिर से ग्रहों के ये योग बन रहे हैं।
मिलेगा शुभ फल
ग्रहों के बन रहे इन विशेष योगों से महाशिवरात्रि के दौरान की गई पूजा का शुभ फल मिलेगा। महाशिवरात्रि के दिन जो लोग सच्चे मन से पूजा-पाठ करेंगे उनकी हर कामना पूरी हो जाएगी। ग्रहों के इन योगों के अलावा इस बार महाशिवरात्रि पर सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहा है। सर्वार्थसिद्धि योग के दौरान शिव-पार्वती की पूजा करने से पूजा जरूर सफल होती है। इसलिए आप महाशिवरात्रि के दिन शिव-पार्वती की पूजा जरूर करें।
ऐसे करे पूजन
- महाशिवरात्रि की पूजा सुबह और शाम के समय की जाती है। कई लोग रात तक जागकर शिव जी की पूजा करते हैं। पूजा करने हेतु सुबह आप स्नान कर शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर पानी चढ़ाएं। पानी चढाने के बाद शिव का अभिषेक करें।
- शिव जी को प्रसन्न करने के लिए उनपर बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि चीजें अर्पित करें। इसके बाद शिव जी को चंदन का तिलक लगाएं और शिव जी के पास एक दीपक जला दें।
- शिव जी की तरह ही मां पार्वती की पूजा भी इस दिन जरूर करें। मां पार्वती की पूजा करने के लिए उन्हें मोली का धागा अर्पित करें। हो सके तो मोली के धागे को शिवलिंग और पार्वती पर एक साध लपेट दें। इसके बाद मां को फूल और हरे रंग की चूड़ियां पहनाएं।
- अब मां के सामने एक घी का दीपक जला दें और मां की पूजा करें।
- शिव जी और मां पार्वती की पूजा करते समय आप शिव पुराण का पाठ भी कर सकते हैं।
- जो लोग किसी रोग से ग्रस्त हैं वो महाशिवरात्रि के दिन महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करें। ये मंत्र पढ़ने से रोग से मुक्ति मिल जाती है। इस मंत्र को कम से कम 1001 बार बढ़ें।
- जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा है वो लोग शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से सच्चा जीवन साथी मिल जाएगा। इस मंत्र का जाप कम से कम 101 बार करें।
- आप चाहें तो इस दिन रात के समय जागरण भी कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि का व्रत
महाशिवरात्रि के व्रत के दौरान केवल दूध और फलों का ही सेवन किया जाता है और ये व्रत अगले दिन तोड़ा जाता है। इस व्रत को करने के लिए आप शिव की पूजा करते समय व्रत रखने का संकल्प लें और सच्चे मन के साथ इस व्रत को पूरा करें।