जानिए कौन है हवा सिंह जिनपर बन रही है बायोपिक, सलमान खान जैसा स्टार जिसे कर रहा है प्रमोट
हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान ने अपनी आने वाली फिल्म हवा सिंह का पोस्टर जारी कर दिया है. सलमान खान की आने वाली फिल्म भारत के महान मुक्केबाज हवा सिंह के जीवन पर बनायी गयी है. सलमान खान प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म में हवा सिंह की भूमिका अभिनेता आदित्य पंचोली के बेटे सूरज पंचोली निभाने वाले हैं. पर इस फिल्म का पोस्टर जारी होने से पहले बहुत कम लोगों ने ही हवा सिंह का नाम सुना होगा. कम ही लोगों को साधारण सी ज़िंदगी बिताने वाले इस असाधारण इंसान के बारे में पता होगा. साल 1950 के आसपास मुक्केबाज़ी भारत में इतना अधिक मशहूर खेल नहीं था. मगर तभी मुक्केबाज़ी के खेल में हवा सिंह आए.
हवा सिंह का जन्म 16 दिसंबर 1937 को आजादी से पहले उमर नाम के एक गांव में हुआ था, आज के समय में ये गाँव हरियाणा में है. हवा सिंह साल 1956 में सिर्फ 19 साल की उम्र में आर्मी में भर्ती हो गए.आर्मी में नौकरी करने के दौरान ही हवा सिंह ने अपने बॉक्सिंग करियर की शुरुआत की. हवा सिंह ने बहुत कड़ी मेहनत और लगन के साथ मुक्केबाज़ी की प्रैक्टिस की जिसकी वजह से वो बहुत जल्द वेस्टर्न कमांड का चैंपियन बन गए. हवा सिंह ने 1960 में ये तमगा प्राप्त कर लिया था. सेना में पिछले चैंपियन मोहब्बत सिंह को हराकर हवा सिंह वेस्टर्न कमांड में चैंपियनशिप हासिल की थी. इस चैम्पियनशिप को हासिल करने के बाद हवा सिंह साल 1961 से लेकर 1972 तक लगातार 11 साल तक राष्ट्रीय बॉक्सिंग चैंपियन रहे.
भारत-चीन सीमा विवाद की वजह से मुक्केबाज़ी में इंडिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए योग्य दावेदार होने के बाद भी हवा सिंह साल 1962 में जकार्ता एशियन गेम्स में भाग नहीं ले पाए. इसके बाद हवा सिंह ने 1966 और 1970 के एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक हासिल कर अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर दिया. ये दोनों एशियाई खेलों का आयोजन थाइलैंड के बैंकाक में हुआ था. इसके बाद हवा सिंह ने साल 1974 के तेहरान एशियन गेम्स में ईरान के अपने प्रतिद्वंद्वी बुरा को पटक दिया. पर रेफरी के विवादास्पद फैसले की वजह से उन्हें स्वर्ण पदक नहीं मिल पाया .
बाद में हवा सिंह एक बॉक्सिंग कोच बन गए. वो हमेशा कहते थे की बॉक्सिंग एक बेहद सरल खेल है. यह खेल सिर्फ पंच लगाने और पंच से बचने का ही है. हवा सिंह का प्रशिक्षण देने का तरीका भी काफी अलग था. भारत के स्टार बॉक्सर रह चुके हवा सिंह एक बार ओलिंपिक में महान बॉक्सर मोहम्मद अली के साथ मुकाबला करना चाहते थे. मगर उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो सकी.
साल 1966 में हवा सिंह को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया, और साथ ही साल 1968 में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ द्वारा बेस्ट स्पोर्ट्समैन ट्रॉफी दी गई. साल 2000 में हवा सिंह को भारत सरकार ने द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित किया.साल 20000 में 4 अगस्त को अचानक हवा सिंह की मृत्यु हो गयी. मौत के वक़्त हवा सिंह की उम्र 62 साल थी. उस समय हवा सिंह भिवानी में ही थे और 15 दिन बाद ही उन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड दिया जाने वाला था. हवा सिंह की मौत के बाद ये पुरुस्कार उनकी पत्नी अंगूरी देवी ने ग्रहण किया.