इन 10 बीमारियों के मरीज़ों को रेलवे में मिलती है 100 % तक की छूट, नहीं लिया जाता है पूरा किराया
रेल का सफर आपने जीवन में एक बार जरूर किया होगा। रेल का सफर हवाई सफर से काफी सस्ता पड़ता है और रेल में सफर करना आरामदायक भी होता है। रेल की यात्रा करने वाले लोगों को रेलवे द्वारा कई तरह की सहुलियत भी दी जाती है। ताकि सफर के दौरान यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी ना हो। इसके अलावा मरीजों के लिए विशेष तरह की छूट भी रेलवे टिकट पर दी जाती है और मरीज यात्राओं से सफर का किराय कम लिया जाता है। कई मरीजों को तो रेलवे द्वारा 50% से लेकर 100% तक टिकट पर छूट दी जाती है।
दरअसल रेलवे के नियमों के अनुसार जिन लोगों को ये 11 रोग होते हैं उनसे कम किराया लिया जाता है। वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों या छात्रों को टिकट किराए में छूट दिए जाने के बारे में तो अधिकतर लोगों को जानकारी होता है। लेकिन मरीजों को दी जाने वाली छूट के बारे में कम ही लोग जानते हैं और इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। किन रोगों के रोगियों को रेलवे द्वारा छूट दी जाती है, इसके बारे में आज हम आपको जानकारी देने जा रहे हैं।
कैंसर
कैंसर से ग्रस्त लोगों को रेलवे में सफर करते समय कम किराए चुकाना पड़ता है। अगर कोई कैंसर का रोगी रेलवे में सफर करता है तो उसे किराए में भारी छूट दी जाती है। रोगी और उसके साथ सफर कर रहे सहयोगी को AC चेयर कार, फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास के किराए में 75% तक की छूट मिलती है, स्लीपर और 3AC में सफर करने पर 100%, जबकि 1 AC और 2 AC में सफर करने पर 50% किराया कम लिया जाता है।
दिल के रोग
दिल की बीमारी से ग्रस्त लोगों से भी रेलवे कम किराया वसूलती है और ऐसे रोगियों को फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, 3AC, AC chair car और स्लीपर कोच के किराए पर 75% तक की छूट दी जाती है। जबकि 1AC और 2AC में सफर करने पर इनसे 50% ही किराया लिया जाता है। इसलिए जिन लोगों को दिल का रोग हो या जिनकी सर्जरी हुई हो वो कम पैसे देकर सफर किया करें।
टीबी
टीबी, ट्यूपस वलगारिस और कुष्ठ रोगों के मरीजों को भी रेल में सफर करने के दौरान पूरा किराया नहीं देना होता है और इन लोगों से 2nd class, 1st class और स्लीपर क्लास में सफर करने के लिए किराए की 25 % राशि ही वसूली जाती है।
एड्स, ऑस्टोमी और हीमोफीलिया
एड्स और ऑस्टोमी के रोगियों को 2nd class में सफर करने पर 50% तक की छूट मिलती है। जबकि हीमोफीलिया के रोगियों को 2nd class, 1st class, 3AC, AC chair car, और स्लीपर क्लास के किराये में 75% की छूट दी जाती है।
किडनी
किडनी के रोगियों को 2nd Class, 1st class, 3AC, AC chair car और स्लीपर कोच में सफर करने के दौरान किराया की केवल 25 प्रतिशत राशि ही देनी पड़ती है। जबकि 1AC और 2AC के किराये में 50% की छूट इन रोगियों को मिलती है।
थैलेसीमिया
थैलेसीमिया के रोग से ग्रस्त लोगों को 2nd Class, 1st class, 3AC, AC chair car और स्लीपर कोच में किराए पर 75%, 1AC और 2AC के किराए में 50% की छूट दी जाती है।
एनीमिया
एप्लास्टिक एनीमिया और सिकल सेल एनीमिया के रोगी अगर रेलवे में सफर करते हैं तो उन्हें AC-2-tier, 3AC, AC chair car और स्लीपर कोच के किराए पर 50% की छूट मिलती है।
रोगियों को किराए में छूट देने से जुड़े नियम –
- केवल उन्हीं रोगियों को सफर के दौरान किराए में छूट दी जाती है जो कि इलाज या पीरियॉडिक चेकअप करवाने के लिए जा रहे होते हैं।
- इलाज या पीरियॉडिक चेकअप करवाने के लिए जो रोगी एक शहर से दूसर शहर जाते हैं। उन रोगियों के अलावा उनके साथ सफर कर रहे परिवार के एक सदस्य को भी किराए में छूट दी जाता ही।
- नामी अस्पताल या सरकारी अस्पताल में इलाज करवाने जा रहे रोगियों को ही रेलवे द्वारा किराए में छूट देती है।
- किराए में छूट लेने के लिए टिकट लेते समय कुछ दस्तावेज दिखाने होते हैं और इनके आधार पर ही ये तय किया जाता है कि सफर कर रहे रोगी से कम पैसे लिए जाए की नहीं।