एक मामूली से जूसवाले ने दुनियां को किया प्रेरित, प्लास्टिक की बजाए ‘फल’ में दे रहा जूस
इस सुंदर प्रकृति की रक्षा करना हम इंसानों का ही कर्तव्य हैं. हालाँकि अपने निजी लाभ और मोह के चलते हम ये ड्यूटी ठीक से नहीं निभाते हैं. इस प्रकृति को सबसे ज्यादा नुकसान प्लास्टिक वेस्ट से होता हैं. आज दुनियांभर में प्लास्टिक का कचरा सबसे बड़ी समस्यां बन चूका हैं. बाकी कचरों के मुकाबले प्लास्टिक के कचरे से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं होता हैं. ये अन्य पदार्थों की तुलना में पड़े-पड़े गलता या सड़ता नहीं हैं. इस प्लास्टिक की वजह से कई जीव जंतु और मछलियाँ, पक्षी इत्यादि भी अपनी जान गवा बैठते हैं. ये प्लास्टिक जाने अंजाने में उनके पेट के अंदर प्रवेश कर जाता हैं. इतना ही नहीं जमीन में जब प्लास्टिक एकत्रित होता हैं तो बारिश का पानी जमीन में अच्छे से प्रवेश नहीं कर पाता हैं. मतलब इसकी वजह से बोरिंग कुएं भी जल्दी सूखने लगते हैं.
प्लास्टिक का सबसे ज्यादा कचरा दुकानों की वजह से भी होता हैं. जब भी कोई खाने पीने की चीज दी जाती हैं तो प्लास्टिक का ही इस्तेमाल होता हैं. ऐसे में कर्नाटक में रहने वाले एक जूसवाला अपने नए अंदाज के लिए तारीफें बटोर रहा हैं. आमतौर पर जब भी हम जूस पीने जाते हैं तो अधिकतर लोग हमें प्लास्टिक के ग्लास में ही इसे दे देते हैं. ऐसे में ये जूस वाला अपने सभी जूस फलों के खोल में ही देता हैं. जूसवाले का ये अंदाज़ प्रकृति प्रेमियों को बड़ा लुभा रहा हैं. इस जुसवाले की दूकान में जीरो प्लास्टिक वेस्ट होता हैं. जो जिन फलों के शेल में वो जूस देता हैं उसे बाद में पशुओं को खिला दिया जाता हैं. जानकारी के मुताबिक Eat Raja नाम की ये दूकान बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में स्थित हैं.
इस बात की जानकारी न्यूज़ एजेंसी ‘एएनआई’ ने ट्विटर के माध्यम से दी. उन्होंने लिखा कि ‘कर्नाटक के बेंगलुरु के मल्लेश्वरम में Eat Raja नाम जूस की दूकान में ग्राहकों को प्लास्टिक कप की बजाए फलों के खोल में जूस सर्व किया जाता हैं. ग्राहकों का कहना हैं कि हमें इस बात का पता सोशल मीडिया और यूट्यूब के माध्यम से चला. ये बहुत ही अच्छी पहल हैं. इसमें प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होता हैं और फलों के खोल पशुओं को खिला दिए जाते हैं.‘
Karnataka: ‘Eat Raja’, a juice shop in Bengaluru’s Malleshwaram offers juice to customers, in fruit shells instead of plastic cups. Customers say “We got to know about this via social media&YouTube. It’s a great initiative as no plastic is used&shells can later be fed to cattle.” pic.twitter.com/ySls4Fuy0K
— ANI (@ANI) February 5, 2020
उधर सोशल मीडिया पर भी लोग जूस वाले के इस काम की बहुत तारीफ़ कर रहे हैं. लोगो का कहना हैं कि हमें इस तरह की चीजों को बढ़ावा देना चाहिए. यदि सभी दूकान वाले इससे सिख लेकर प्लास्टिक का कोई दूसरा विकल्प खोज ले तो आने वाले समय में ये प्रकृति प्लास्टिक वेस्ट फ्री हो सकती हैं.
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