राम मंदिर ट्रस्ट के एलान से फिर से दुखी हो गयी कांग्रेस, कहा घोषणा करने की इतनी जल्दी क्यों थी
जैसा कि आप सभी जानते हैं दिल्ली में इन दिनों विधानसभा चुनाव का माहोल हैं. ऐसे में सभी राजनितिक पार्टीयां अपनी अपनी नैया पार लगाने की फिराक में हैं. ऐसे में इस बीच मोदी सरकार ने श्रीराम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान भी किया हैं. बता दे कि पीएम मोदी ने हाल ही में संसद में बोला कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हमने राम मंदिर निर्माण हेतू जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन किया हैं.
हालाँकि मोदी सरकार का ये एलान कांग्रेस पचा नहीं पा रही हैं. वे इस एलान पर सवाल उठाते हुए इसे सीधा दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से जोड़ रही हैं. कांग्रेस का ये सवाल हैं कि केंद्र सरकार चुनाव के ठीक पहले ही राम मंदिर ट्रस्ट का ऐलान क्यों कर रही हैं.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बीते बुधवार ही मोदीजी ने इस बात की सूचना दी कि उनकी सरकार ने राम मंदिर निर्माण करने हेतू ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट का गठन किया हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस राम मंदिर को अपने दिल के नजदीक बताया. उन्होंने कहा कि इस मंदिर के निर्माण का सपना अब जल्द पूरा होने को हैं. कैबिनेट द्वारा इस ट्रस्ट को मंजूरी दी जा चुकी हैं. इस ट्रस्ट का नाम श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र रखा गया हैं. मोदीजी ने ये भी बताया कि इस ट्रस्ट की बाकी रूपरेखा से संबंधित एलान कैबिनेट की प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा दोहपर में किया जाएगा.
उधर शिवसेना ने मोदी सरकार के इस एलान का दिल से स्वागत किया हैं. गृह मंत्री अमित शाह भी इस फैसले से खुश हुए. उन्होंने अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ‘राम मंदिर भारत की आस्था और अटूट श्रद्धा का प्रतिक हैं. इसके प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिबद्धता को देख मैं उनका कोटि कोटि अभिनंदन करता हूँ. आज का दिन पुरे भारत के लिए खुशहाली और गौरव का दिन हैं.’
इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले ‘पूर्ण ऑथराइज्ड ट्रस्ट द्वारा ही भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर विशाल राम मंदिर का निर्माण होगा. यूपी सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने की जो विनती की गई हैं उसे लेकर कार्य तेजी पर हैं. भारत में सभी धर्म के लोग सामान हैं. एक सुखी और समृद्ध परिवार हैं. इसी से देश का विकास होगा. इसलिए हम सबका साथ और सबका विकास स्लोगन पर चल रहे हैं. अयोध्या में राम मनिदर निर्माण हेतू सभी के एक स्वर में मत देने की जरूरत हैं.