प्रवचन में कही बातों का सही से पालन करने पर ही बुरी आदतों से निजात पाई जा सकती है
कई लोग रोज प्रवचन सुना करते हैं और प्रवचन सुनने के बाद खुद को एक अच्छा इंसान मानने लग जाते हैं। लेकिन महज प्रवचन सुनने से इंसान की नियत और आदत नहीं बदल सकती है। इस विशेष से जुड़ी एक कथा के अनुसार एक व्यक्ति बेहद ही कंजूस हुआ करता था और नशा किया करता था। ये व्यक्ति पूरी तरह से बुरी आदतों से घिरा हुआ था। लाख कोशिशों के बाद भी ये व्यक्ति अपने अंदर बदलाव नहीं ला पा रहा था। एक दिन इस व्यक्ति के एक दोस्त ने इसे संत के पास जाकर प्रवचन सुनने की सलाह दी और कहा संत के प्रवचनों को सुनकर तुम्हारी सारी आदते छुट जाएंगी।
अपने दोस्त की बात को मानते हुए ये व्यक्ति संत के आश्रम रोज जाने लग जाता है और रोज संत के प्रवचनों को गोर से सुनता है। लेकिन ये फिर में अपनी आदतों को नहीं छोड़ पाता है। एक दिन संत का प्रवचन खत्म होने के बाद ये व्यक्ति संत के कक्ष में जाता है और संत से कहता है कि, मेरे अंदर बहुत सारी बुरी आदतें हैं और मेरे एक मित्र मे मुझे सलाह दी थी कि अगर मैं आपके आश्रम में आकर रोज प्रवचनों को सुनु तो मेरी आदते छुट जाएगी और मैं एक अच्छा इंसान बन जाऊंगा। मैं एक महीने से आपके आश्रम रोज आ रहा हूं और बड़े ध्यान से आपके प्रवचनों को सुन रहा हूं। लेकिन उसके बाद भी मेरी बुरी आदतें नहीं बदली।
व्यक्ति की बात सुनते ही संत एक दीवार के पास जाकर खड़ा हो जाता है और व्यक्ति से कहता है कि दीवार पर जो परछाई दिखाई दे रही है उस परछाई को ये फल खिला दो। संत की बात सुनकर व्यक्ति हैरान हो जाता है और कहता है कि ये असंभव है। ऐसा कैसे हो सकता है। परछाई कैसे फल खा सकती है ?
तभी संत कहता है कि जिस तरह से परछाई फल नहीं खा सकती है। उसी तरह से केवल प्रवचन सुनने से बुरी आदतों से निजात नहीं पाई जा सकती है। तुम बेशक रोज ही मेरे दिए हुए हर प्रवचन को सुनते होंगे। मगर सिर्फ प्रवचन को सुनने से ही बुरी आदतों से मुक्ति नहीं मिलती है। जो तुम प्रवचन सुनते हों उनमें दिए गए संदेशों का पालन करने से ही बुरी आदतों को छोड़ा जा सकता है। जब तुम प्रवचन में कही हर बात को जीवन में उतारों गए तब तुम्हारी बुरी आदतें अपने आप ही छुट जाएंगी। व्यक्ति को संत की बात समझ आ गई और उसने संत द्वारा दिए गए हर प्रवचन को अपने जीवन में उतार लिया और हर संदेश का पालन किया। जिसके चलते कुछ ही समय में इस व्यक्ति की हर बुरी आदत छुट गई और इसकी जिंदगी बेहतर बन गई।
कथा से मिली सीख- केवल प्रवचन सुनने से बुरी आदतों को नहीं छोड़ा जा सकता है। प्रवचन में कही बातों का पालन करने पर ही गलत आदतों से निजात पाई जा सकती है।