भगवान गौतम बुद्ध की जीवनी और अनमोल विचार
गौतम बुद्ध (Gautam Buddha in Hindi) बौद्ध धर्म के संस्थापक हैं और इन्हीं से इस धर्म की शुरुआत हुई थी। गौतम द्वारा बनाया गया यह धर्म आज दुनिया भर में प्रसिद्ध है और इस समय यह धर्म मानने वाले लोगों की संख्या 50 करोड़ से भी अधिक है। भारत के अलावा चीन, जापान, नेपाल, तिब्बत और इत्यादि देशों में करोड़ की संख्या में लोग इस धर्म का पालन करते हैं। आज इस लेख में आपको हम गौतम बुद्ध की जीवनी और इनके अनमोल वचन बताने जा रहे हैं।
गौतम बुद्ध की जीवनी
गौतम बुद्ध (Gautam Buddha in Hindi) बौद्ध धर्म के संस्थापक थे। इन्हें एशिया का ज्योति पुंज के नाम से भी जाना जाता हैं। गौतम के बचपन का नाम सिद्धार्थ था। बुद्ध के अनमोल वचनों का पालन करने से जीवन सफल बन जाता हैं। आइये जानते हैं गौतम बुद्ध का जीवन परिचय :
असल नाम | सिद्धार्थ गौतम |
जन्म | 563 ईसा पूर्व, नेपाल |
मृत्यु | 483 ईसा पूर्व , भारत |
पिता का नाम | शुद्धोदन (एक राजा और कुशल शासक) |
माता का नाम | माया देवी |
पत्नी का नाम | राजकुमारी यशोधरा |
बच्चे का नाम | एक पुत्र, राहुल |
बौद्ध धर्म की स्थापना | चौथी शताब्दी के दौरान |
गौतम बुद्ध का जन्म
गौतम का जन्म नेपाल में हुआ था और जन्म के वक्त इनका नाम सिद्धार्थ गौतम रखा गया था। इनके पिता शुद्धोदन एक राजा हुआ करते थे। बुद्ध की मां का नाम माया देवी था। इतिहासकारों के अनुसार गौतम बुद्ध (Gautam Buddha in Hindi) के जन्म के सात दिनों बाद ही इनकी मां का निधन हो गया था। जिसके बाद इनके लालन पालन की सारी जिम्मेदारी इनकी मौसी गौतमी के पास आ गई थी और बुद्ध की मौसी द्वारा उन्हें बड़ा किया गया था।
16 साल की आयु में हुआ विवाह
गौतम बुद्ध का विवाह 16 साल की आयु में हुआ था। इनकी पत्नी का नाम यशोधरा था और इस विवाह से इन्हें एक पुत्र हुआ था। जिसका नाम इन्होंने राहुल रखा था। विवाह के कुछ सालों बाद गौतम बुद्ध ने अपने राज्य, पत्नी और बच्चे का त्याग कर दिया था और सन्यासी का जीवन धारण कर लिया था। कहा जाता है कि 29 वर्ष की आयु में बुद्ध ने अपना सब कुछ त्याग दिया था और इस त्याग को बौद्ध धर्म में महाभि-निष्क्रमण कहा जाता है।
गौतम की तपस्या और ज्ञान की प्राप्ति
अपने राज्य और परिवार को छोड़ने के बाद गौतम बुद्ध (Gautam Buddha in Hindi) ज्ञान की खोज में निकल पड़े। इस दौरान गौतम ने अनोमा नदी के तट पर अपना सिर मुड़वा लिया था और भिक्षुओं के वस्त्र धारण कर लिए थे। ज्ञान की खोज में बुद्ध ने कई सालों का तप किया। वहीं जब गौतम बुद्ध बिहार के वैशाली में पहुंचे तो उनकी मुलाकात समीप अलार क़लाम नामक संयासी से हुई और बुद्ध उनके आश्रम में रहने लगे। कुछ दिनों तक वैशाली में रहने के बाद गौतम बुद्ध बोधगया चले गए।
गौतम बुद्ध ने पीपल वृक्ष के नीचे लगभग 6 सालों तक कठोर तपस्या की और अंत में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। जिस दिन गौतम को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी उस दिन वैशाख पूर्णिमा थी। दरअसल बुद्ध वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष के नीचे बैठकर तप कर रहे थे और उसी दौरान सुजाता नामक एक महिला खीर लेकर पीपल के वृक्ष के पास आई। इस महिला ने पीपल के वृक्ष से बेटे होने की मन्नत मांग रखी थी और इसी मन्नत के पूरे होने पर यह इस पेड़ पर खीर चढ़ाने आई थी। जब सुजाता पेड़ के पास आई तो उन्होंने गौतम बुद्ध (Gautam Buddha in Hindi) को पेड़ के नीचे पाया और इन्हें खीर भेंट कर कहा कि जिस तरह से मेरी मनोकामना पूरी हुई उसी तरह आपकी भी कामना पूरी हो जाएगी। उसी रात को ध्यान लगाते समय गौतम बुद्ध की साधना सफल हो गई और उन्हें सच्चाई का बोध हुआ।
ज्ञान प्राप्ति के बाद गौतम ने उपदेश देने का कार्य शुरू किया और तपस्या और काल्लिक नामक दो शूद्रों बौद्ध धर्म के सर्वप्रथम अनुयायी बनें। जिन्होंने इस धर्म को प्रचलित करने का काम किया था।
गौतम बुद्ध से जुड़ी अन्य जानकारी
1. गौतम बुद्ध ने बचपन में विश्वामित्र से शिष्य ग्रहण की थी और यह इनके गुरु थे। विश्वामित्र से इन्होंने वेद और उपनिषद् का ज्ञान हासिल किया था।
2. जिसे पीपल वृक्ष के नीचे बुद्ध को बोध मिला था उस वृक्ष को बोधिवृक्ष कहा जाता है और यह पेड़ बोधगया में है। इस जगह गौतम बुद्ध का मंदिर बनाया गया है और हर साल लाखों की संख्या में लोग इस जगह आया करते हैं।
3. गौतम बुद्ध (Gautam Buddha in Hindi) हिंसा के खिलाफ थे और हमेशा इसका विरोध करते थे। इनके अनुसार अहिंसा धर्म सर्वोपरी था।
4. भगवान बुद्ध को विष्णु भगवान का अवतार भी माना जाता है।
5. भगवान बुद्ध ने 80 वर्ष की आयु में अपने जीवन की अंतिम सांस ली थी। 400 ईसा पूर्व में इनका निधन हुआ था। इन्होंने अपने जीवन के आखिर पल कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में बिताए थे।
गौतम बुद्ध के अनमोल वचन
- जैसे मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती है। उसी तरह से इंसान बिना आध्यात्मिक जीवन के जीवित नहीं रह सकता।
- हम ये सोचते हैं कि आज कोई काम अधूरा रह गया है तो उसे हम कल पूरा कर लेंगे।लेकिन जो वक्त अभी गुजर गया वो वापस नहीं आता है। इसलिए हर कार्य को समय पर ही करें।
- जब आप गुस्से में होते हैं तब आपके शब्द ही आपको धोखा देते हैं।
- हम वहीं बनते हैं जो हमारी सोच होती है। इसलिए अपनी सोच को सदा सकारात्मक रखें और अच्छी बातें ही सोचें।
- गुस्सा दुश्मनों की हत्या करने के साथ-साथ आपकी भी हत्या करता हैं। इसलिए क्रोध से दूरी बनाए रखें।
- जीभ एक चाकू के जैसे होती है जो कि बिना खून निकाले ही मार देती है।
- हजार खोखले शब्दों की जगह एक शब्द बेहतर है जो शांति लाता है।
- बूंद-बूंद से पानी का घड़ा भरता है।
- दूसरो की संपत्ति का लालच मत करो।
- किसी जीव की हत्या मत करो।
- नशे वाली चीजों का सेवन करने से बचें।
- धन की बचत करे।
- झूठ का त्याग करो।
- मनुष्य और जानवर दोनों के साथ प्रेम के साथ रहना चाहिए।
- तीन चीजें अधिक देर तक नहीं छुप सकती- सूरज, चंद्रमा और सत्य।
- शरीर को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य है वरना हम अपने दिमाग को स्वच्छ और मजबूत नहीं रख पाएंगे।
- आपके पास जो कुछ भी है उसे कभी भी बढ़ा-चढ़ा कर मत बताइए।
- अपने मोक्ष के लिए खुद ही प्रयत्न करे, किसी और पर निर्भर न रहे।
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