बेहद ही रहस्यमय है यह गायत्री मां का मंदिर, मां गायत्री की मूर्ति पानी में तैरती है यहां
गायत्री मंत्र गायत्री मां से जुड़ा हुआ मंत्र है। गायत्री मां को प्रसन्न करने के लिए ये मंत्र बोला जाता है। ये एक चमत्कारी मंत्र माना जाता है और इस मंत्र का जाप करने से ना केवल गायत्री मां बल्कि सभी देवी-देवताओं की कृपा पाई जा सकती है। वेदों में इस मंत्र को सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण मंत्र माना गया है।
गायत्री मां का जिक्र हमारे चारों वेदों में किया गया है। वेदों में गायत्री मां को मां पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी का अवतार कहा गया है। साथ में ही इनको ब्रह्मा जी की दूसरी पत्नी भी कहा जाता है। वेदों में इनको ज्ञान-गंगा का भी नाम दिया गया है।
शास्त्रों के अनुसार एक बार भगवान ब्रह्मा एक यज्ञ में शामिल हुए थे। इस यज्ञ में पत्नी का साथ में बैठना अनिवार्य था। लेकिन भगवान ब्रह्मा की पत्नी सावित्री उनके साथ किन्हीं कारण के चलते इस यज्ञ में नहीं आ पाई थी। यज्ञ में शामिल होने के लिए ब्रह्मा जी ने देवी गायत्री से विवाह कर लिया और उनके साथ इस यज्ञ में शामिल हुए।
गायत्री मां का मंदिर
मध्यप्रदेश में गायत्री मां का एक प्रसिद्ध मंदिर है। जहां पर गायत्री मां की एक विचित्र मूर्ति है। इस मंदिर का नाम नृसिंह मंदिर है जो कि नृसिंह भगवान को समर्पित है और इसी मंदिर के अंदर मां गायत्री की एक अनोखी मूर्ति रखी गई है। दरअसल नृसिंह मंदिर में मां गायत्री को जो मूर्ति स्थापित की गई है। उसके तीन पैर है। मां गायत्री की ऐसी मूर्ति शायद ही और किसी मंदिर में देखने को मिले।
भगवान की तीन मूख या चार भुजा वाली मूर्तियां होना आम बात है लेकिन ये पहली ऐसी मूर्ति है जिसके तीन पैर है। इस मंदिर के पुजारी के अनुसार तीन पैरों वाली प्रतिमा इस मंदिर के अलावा किसी भी मंदिर में नहीं है। गायत्री मां की इस प्रतिमा को ‘त्रिपदा गायत्री’ कहा जाता है और इस मंदिर में आकर मांगी गई हर कामान पूरी हो जाती है।
नृसिंह मंदिर में गायत्री मां की तरह नृसिंह की भी मूर्ति है और ये मूर्ति पानी में तैरती है। ये मंदिर एक प्रचानी मंत्र है और इस मंदिर को किसने बनाया है और ये मूर्ति कब स्थापित की गई है ये अभी तक रहस्य बना हुआ है।
कहां है ये मंदिर- गायत्री मां का ये मंदिर मध्यप्रदेश के देवास जिले के हाटपीपल्या गांव में स्थित है।
गायत्री मंत्र
गायत्री मंत्र शक्तिशाली मंत्र है और इस मंत्र का जाप करने से शरीर रोग मुक्त रहता है। जो लोग रोज इस मंत्र का जाप करते हैं उन लोगों का जीवन खुशियों से भरा रहता है। शास्त्रों के अनुसार गायत्री मंत्र को दिन में तीन बार पढ़ने से हर मनचाही चीज मिल जाती है।
गायत्री मंत्र :
ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।।
गायत्री मंत्र का अर्थ
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।