‘डॉन’ फिल्म में अमिताभ बच्चन का ‘बॉडी डबल’ बना था ये खलनायक, मौ’त की वजह आज तक बनी हुई है रहस्य
80 और 90 के दशक में रिलीज हुई फिल्मों में बहुत सारे ऐसे खलनायकों ने काम किया जिन्होंने भले ही फिल्म में छोटी सी भूमिका निभाई हो पर फिर भी इन्होने दर्शकों के दिलों में अपनी एक खास पहचान बना ली. इन्हीं खलनायकों में से एक है माणिक ईरानी, माणिक ईरानी को ज़्यादातर लोग ‘बिल्ला’ के नाम से भी जानते हैं. इनकी अजीबो-गरीब वेशभूषा, हेयर स्टाइल, दांत, बालों के रंग के साथ अजीब तरीके से हंसते हुए डायलॉग बोलना ही माणिक को भीड़ से अलग बनता था. आज के समय में माणिक अब इस दुनिया में नहीं हैं. पर इनकी मौत कैसे हुई, इस बारे में किसी के पास कोई जानकारी मौजूद नहीं है.
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार 90 के दशक में अधिक शराब पीने के कारण माणिक की मृत्यु हुई थी, तो कुछ ख़बरों के अनुसार इनकी मौत एक एक्सीडेंट में हुई थी. कुछ रिपोर्ट्स में ऐसा भी बताया गया है कि माणिक ने आत्महत्या की थी. साल 1978 में “डान” फिल्म आयी थी. इस फिल्म के डायरेक्टर चंद्रा बारोट थे. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, प्राण, जीनत अमान, इफ्तेखार, कमल कपूर और जगदीश राज जैसे अभिनेता मुख्य भूमिका में थे. जिन्हें फिल्म के सफल होने का क्रेडिट भी दिया गया था. पर कहा जाता है कि इस फिल्म में माणिक ईरानी एक्शन सीन्स के लिए अमिताभ बच्चन के बॉडी डबल थे. पर इन्हे क्रेडिट नहीं दिया गया था.
माणिक को सुभाष घई की फिल्म “कालीचरण” में काम करने के बाद पहचान मिली. इस फिल्म में माणिक ने एक गूंगे हत्यारे का किरदार निभाया था. यह किरदार इतना मशहूर हुआ कि फिल्म ‘नटवरलाल’ में भी उन्हें गूंगे की भूमिका ही मिली. इस फिल्म के बाद आयी दो-तीन और फिल्मों में भी माणिक सिर्फ लड़ाई झगड़ा करते ही नजर आए. उस वक़्त लोगों को ऐसा लगने लगा था कि माणिक अपनी रियल लाइफ में भी गूंगे ही है. माणिक ने अपने फ़िल्मी करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया.माणिक बॉलीवुड इंड्रस्ट्री का एक बहुत ही जाना-पहचाना चेहरा थे. पर इन्हे अपने असली नाम की जगह ‘बिल्ला’ नाम से पॉपुलैरिटी मिली. माणिक ने सुभाष घई की फिल्म ‘हीरो’ में बिल्ला नाम के गुंडे की भूमिका निभायी थी.
जो लोगों को इतनी पसंद आयी की बिल्ला नाम ही माणिक की पहचान बन गयी. हीरो फिल्म 1983 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में जैकी श्रॉफ, मीनाक्षी शेषाद्रि, शम्मी कपूर, संजीव कुमार, शक्ति कपूर और मदन पुरी भी मुख्य भूमिका में थे. माणिक ईरानी ने ‘पाप और पुण्य’ (1974), ‘त्रिशूल’ (1978), ‘जॉनी आई लव यू’ (1982), ‘नास्तिक’ (1983), ‘कर्मा’ (1986), ‘जख्म’ (1989) और ‘शानदार’ (1990) जैसी बहुत सारी फिल्मों में किराये के गुंडे की भूमिका निभाई. माणिक ने 1976 में रिलीज हुई फिल्म ‘कालीचरण’ में मदन पुरी के बेटे का किरदार निभाया था. इसके अलावा माणिक ‘शान’ (1980) में शाकाल (कुलभूषण खरबंदा) के असिस्टेंट की भूमिका में दिखाई दिए थे.