पाकिस्तान किस तरह से करवाता है सरहद के भोले-भाले किसानों से नशे और हथियारों की तस्करी, जानें!
पाकिस्तान में नशे के व्यापार की वजह से ही आतंकवाद का खर्चा निकलता है। खुले तौर पर तो किसी देश की सरकार इसकी मंजूरी नहीं देती है। इसलिए नशे के सामानों की तस्करी की जाती है। पाकिस्तान से जो भी हथियार और हेरोइन की खेप भारत आती है, उसमें भारतीय और पाकिस्तानी तस्करों का हाथ होता है। दोनों देशों के तस्कर सरहद पर रहने वाले किसानों को मोटी रकम का लालच देकर कुरियर ब्यॉय की तरह इस्तेमाल करते हैं।
किसानों की दी हुई है पाकिस्तान की सिम:
ख़ुफ़िया सूत्रों से इस बात का पता चला है कि पाकिस्तानी तस्करों ने कुछ भारतीय सरहद पर रहने वाले किसानों को पाकिस्तान की सिम भी दी हुई है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि उन्होंने जो हथियार और हेरोइन खेतों में छुपाकर रखा हुआ है, उसके बारे में उन्हें बता सकें। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पूरी घटना को अंजाम देने वाले मुख्य तस्कर भारत के बड़े शहरों दिल्ली और मुंबई में छुपे होते हैं।
मजबूर किसान तस्करी के आरोप में जाता है जेल:
अगर कभी कोई पकड़ा भी जाता है तो बड़े तस्कर का नाम सामने नहीं आता है। वह साफ़-साफ़ बच जाता है, जबकि मजबूर किसान तस्करी के आरोप में जेल जाता है। ख़ुफ़िया सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है कि हथियारों और हेरोइन की तस्करी करने वाले लोग ऐसे किसानों को ढूँढते हैं, जिनके खेत अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर से सटे होते हैं। वह उनमें से भी सबसे गरीब और मजबूर किसान का चुनाव करते हैं, जो पैसे के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाता है।
फेसिंग में पाइप डालकर पहुँचाते हैं सामान:
ज्यादातर किसान फेसिंग पार किसी से लीज पर खेत लेकर खेती करते हैं, इससे उनका गुज़ारा नहीं हो पता है। इसलिए तस्कर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। उन्हें मोटे पैसे का लालच देकर उनसे तस्करी करवाते हैं। ख़ुफ़िया सूत्रों से यह बात भी पता चली है कि तस्कर सरहद पार से हथियार और हेरोइन लाने के लिए फेसिंग के बीच में प्लास्टिक की पाइप डालकर सामान इस तरफ पहुँचा देते हैं। आपको बता दें इसी तरह हथियार फेंकते हुए तस्करों पर कई बार बीएसएफ के जवानों ने गोलियाँ भी चलाई है।