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सीएए के विरोध में राष्ट्रिय ध्वज का अपमान, ‘अशोक चक्र’ को हटा कर लिखा ‘ला इलाहा इल्लल्लाह’

हैदराबाद में CAA के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक चौंकाने वाला दृश्य सामने आया। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अशोक चक्र को इस्लामिक शहादा ‘ला इलाहा इल्लल्लाह ’से प्रतिस्थापित किया गया था जिसका अर्थ है “अल्लाह के अलावा और कोई ईश्वर नहीं है ”।

द न्यूज इंडियन एक्सप्रेस, तेलंगाना (TNIE, तेलंगाना) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर, 04 जनवरी, 2020 को निम्न ट्वीट देखा गया, जिसकी छवि को फोटो जर्नलिस्ट विनय मडापू को श्रेय दिया गया था।

हमने ने TNIE से छवि और दावे की सत्यता की पुष्टि करने के लिए संपर्क किया, जिसकी पुष्टि सही और सही थी।

मतलब ‘ला इलाहा इल्लल्लाह ’के नारे का अर्थ है,“ अल्लाह के अलावा कोई दूसरा ईश्वर नहीं है ” ।अब खुले तौर पर संविधान और भारत के राष्ट्रीय ध्वज के अशोक चक्र को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर इस्लामिक कट्टरवाद और जिहाद फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है एक बार जनवरी, 1990 में भोले भाले कश्मीरियों को भड़काया गया ताकि उन्हें हिन्दुओं के खून से अपने हाथ धोने के लिए उकसाया जा सके,कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की कहानी अल्लाह के नाम पर लिखी गयी थी।

फ्लैग कोड ऑफ़ इंडिया (भारतीय ध्वज संहिता), 2002 में भारतीय ध्वज को फहराने व प्रयोग करने के बारे में दिये गए निर्देश हैं। ।भारत का राष्ट्रीय झंडा, भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिरूप है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी सार्वजनिक स्थान पर या किसी भी ऐसे स्थान पर सार्वजनिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय झडे या उसके किसी भाग को जलाता है, विकृत करता है (झंडे पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए), विरूपित करता है, दूषित करता है, कुरूपित करता है, नष्ट करता है, कुचलता है या अन्यथा उसके प्रति अनादर प्रकट करता है या (मौखिक या लिखित शब्दों में, या कृत्यों द्वारा) अपमान करता है तो उसे तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माने से, या दोनों से दंडित किया जाएगा।

ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए जो देश को धर्म के नाम पर अलग-थलग करते हैं। यह देशद्रोह का स्पष्ट वाक़या है, सरकार को तुरन्त संज्ञान लेकर कठोर कार्यवाही करनी ही चाहिए ।

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