कथा: एक संत राजा को ताबीज देता है और इस ताबीज पर लिखा मंत्र राजा के प्राण बचाता है
एक राज्य में बेहद ही ज्ञानी संत आता है और इस संत के आने से राज्य का हर व्यक्ति खुश हो जाता है। ये संत रोज शाम को प्रवचन दिया करता था और संत के प्रवचन सुनने के लिए राजा भी आता था। एक दिन राजा ने संत को अपने महल में आने का निमंत्रण दिया और संत से कहा कि, कल आप वापस से अपने आश्रम जा रहे हैं। मैं चाहता हूं कि आप आश्रम जाने से पहले मेरे महल में आएं। मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं। संत राजा का निमंत्रण स्वीकार कर लेता है। संत राजा के महल जाता है और राजा संत की खूब अच्छे से सेवा करता है। संत राजा की सेवा से बेहद ही प्रसन्न हो जाता है और राजा को एक ताबीज देता है। ताबीज देते हुए संत कहता है कि ये ताबीज कोई साधारण ताबीज नहीं है। इस ताबीज के अंदर एक कागज है जिसमें एक मंत्र है। जब भी जीवन में तुम्हें ये लगे की तुम्हारा अंत होने वाला है और तुम सब कुछ खोने वाले हो तो इस ताबीज को खोल लेना और इसमें लिखा हुआ मंत्र पढ़ लेना। राजा संत का दिया हुआ ताबीज धारण कर लेता है।
कुछ साल बाद राजा के नगर पर पड़ोसी राज्य आक्रमण कर देता है। इस आक्रमण में राजा बुरी तरह से हार जाता है और अपनी जान बचाते हुए युद्ध क्षेत्र से भागकर एक जंगल में चले जाता है। जंगल में राजा को एक गुफा दिखती है और राजा उस गुफा के अंदर घुस जाता है। तभी राजा को शत्रु के सैनिकों की आवाज सुनाई देती है जो कि राजा को खोज रहे होते हैं। उस समय राजा को समझ आ जाता है कि उसका अंत पास है और उसे कोई भी नहीं बचा सकता है। तभी राजा को संत के ताबीज के बारे में याद आता है और राजा तुरंत ताबीज को खोलकर उसपर लिखा मंत्र पढ़ने लग जाता है। जब राजा कागज को खोलता है तो उसपर लिखा होता है कि ये बुरा वक्त भी टल जाएगा बस अपने ऊपर विश्वास रखों।
ये चीज पढ़कर राजा के अंदर आत्मविश्वास आ जाता है। वहीं शुत्र के सैनिक भी वहां से चले जाते हैँ। जिसके बाज राजा हिम्मत करते हुए गुफा से बाहर निकलता है और किसी तरह से अपने राज्य पहुंच जाता है। राज्य पहुंचकर राजा को सुकून मिलता है और इस तरह से राजा की जान बच जाती है। कुछ दिनों बाद राजा संत से मिलने जाता है और संत का शुक्रिया करता हैै और संत को बताता है कि किस तरह से उनके ताबीज की वजह से वो दुश्मनों से बच पाए।
कथा की सीख
इस कथा से हमें सीख मिलती है कि जीवन में बुरे दिन आने पर डरना नहीं चाहिए और हिम्मत के साथ बुरे दिनों का सामना करना चाहिए। क्योंकि बुरा वक्त सदा नहीं रहता है और समय आने पर टल जाता है। बुरे दिनों में धैर्य से काम लें ।