अध्यात्म

5 फरवरी को है जया एकादशी, जानिये जया एकादशी से जुड़ी व्रत कथा

एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ व्रत माना जाता है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु जी की कृपा बन जाती है। ये व्रत हर महीने आता है। माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है और ये एकादशी समस्त एकादशियों में सबसे सर्वश्रेष्ठ मानी गई है। जया एकादशी का व्रत रखने से भाग्य खुला जाता है और जीवन में हर सुख मिलने लग जाते हैं।

कब है जया एकादशी

जया एकादशी का व्रत 5 फरवरी के दिन आ रहा है। इस एकादशी के दिन भगान विष्णु की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से नीच योनि से मुक्ति मिल जाती है। जया एकदाशी से जुड़ी कथा के अनुसार नंदन वन उत्सव के दौरान पुष्यवती नामक गंधर्व कन्या नृत्य कर रही थी। नृत्य करते हुए पुष्यवती माल्यवान को मोहित करने लगी। पुष्यवती के नृत्य को देख माल्यवान भी उनकी और आकृषित हो गए। सभा में मौजूद इंद्र को पुष्यवती और माल्यवान की इस हरकत पर क्रोध आ गया है और इंद्र ने पुष्यवती और माल्यवान को श्राप दे दिया कि उनको मृत्यु लोक में अति नीच पिशाच योनि मिलेगी। ये श्राप देते ही ये दोनों पिशाच बन गए। इस श्राप के बाद पुष्यवती और माल्यवान हिमालय पर्वत पर चले गए। श्राप से बचने के लिए इन दोनों ने माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन व्रत रखा और इस व्रत को रखने से इनको पिशाच योनि से मुक्ति मिल गई। इतना ही नहीं माल्यवान और पुष्यवती अधिक सुंदर भी गो गए और इन दोनों को स्वर्ग लोक में जगह भी मिल गई।

पिशाच योनि से मुक्ति मिलने के बाद ये दोनों स्वर्ग लोक में रहने लगे। वहीं इन दोनों को स्वर्ग लोक में देखा इंद्र हैरान हो गए और उन्होंने इनसे सवाल करते हुए पूछा कि, तुम दोनों को पिशाच योनि से मुक्ति कैसे मिली? माल्यवान ने इंद्र को बताया कि उन्होंने जया एकादशी का व्रत रखा था जिसके कारण उन्हें श्राप से मुक्ति मिल गई।

कैसे करें जया एकादशी का व्रत

इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु जी की पूजा करने से पहले पूजा करने का संकल्प लें। उसके बाद भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल, तिल और पंचामृत अर्पित करें। भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद उनकी आरती गाएं।

शास्त्रों के अनुसार जया एकदाशी के दिन नारायण स्तोत्र एवं विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना चाहिए। पाठ करने के बाद भगवान विष्णु के नामों का जाप करें। एकादशी के दिन अगर आप व्रत रखते हैं तो केवल फलों का ही सेवन करें और ये व्रत दशमी तिथि यानी अगले दिन तोड़े।

जया एकादशी का महत्व

  • जया एकादशी का व्रत रखने से नीच योनि से मुक्ति मिल जाती है और धन-संपत्ति, सुख, वैभव की प्राप्ति होती है।
  • जो लोग ये व्रत रखते हैं उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है और स्वर्ग में जगह मिल जाती है।

ना करें ये काम

  • जया एकादशी के दिन चावल का सेवन ना करें।
  • इस दिन केवल जमीन पर ही बैठना चाहिए और जमीन पर ही सोएं।

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