ओडिशा के ‘आनंद कुमार’ ने ‘सुपर 30′ की तर्ज पर शुरू की पहल, गरीब बच्चों को दे रहे हैं फ्री कोचिंग
आनंद कुमार की तरह ही ओडिशा में भी एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा ‘सुपर 30’ जैसी पहल चलाई गई है। जिसके तहत गरीब बच्चों का भविष्य उज्जवल बनाया जा रहा है। इस पहल के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी करवाई जा रही है और उनसे एक रुपया भी नहीं लिया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य उन गरीब बच्चों की मदद करना है जो कि डॉक्टर बनना चाहते हैं। इस पहल को ‘‘जिन्दगी’’ नाम दिया गया है और इसकी मदद से सब्जी विक्रेताओं, मछुआरों, मजदूर और किसानों के परिवार से नाता रखने वाले बच्चों को कोचिंग दी जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को एक साल तक मुफ्त में कोचिंग दी जाती है जो कि जुलाई के महीने से शुरू होती है।
क्यों शुरू की गई ये पहल
इस पहल को शुरू करने के पीछे अजय बहादुर सिंह का हाथ है और अजय बहादुर सिंह ने सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार से प्रेरित होकर इस कार्यक्रम को शुरू किया है। अजय बहादुर सिंह के अनुसार वो डॉक्टर बनना चाहते थे। लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी के कारण वो अपना ये सपना सच नहीं कर पाए। जिंदगी फाउंडेशन के संस्थापक अजय बहादुर सिंह के अनुसार वो गरीब बच्चों की मदद करना चाहते हैं ताकि ये बच्चे अपने सपने पूरे कर सकें। अजय सिंह के मुताबिक ऐसा करने के लिए उन्हें आनंद कुमार से प्रेरणा मिली है।
ये कार्यक्रम साल 2016 में शुरू हुआ था और इस समय करीब 19 छात्रों को मुफ्त में मेडिकल की तैयारी करवाई जा रही है। ये सभी 19 छात्र आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इन छात्रों में अंगुल जिले के एक गरीब किसान की बेटी क्षीरोदिनी साहू है, जो डॉक्टर बनना चाहती है। लेकिन पैसों के कारण वो राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) की कोचिंग लेने में असमर्थ थी। मगर ‘जिंदगी’ नामक इस पहल के चलते क्षीरोदिनी साहू को अपना सपना सच करने का मौका मिला। इसी तरह से कोरापुट के एक मजदूर की बेटी रेखा रानी बाग, एक ट्रक ड्राइवर का बेटे स्मृति रंजन सेनापति, एक सब्जी विक्रेता केा बेटे सत्यजीत साहू और एक मछुआरे का बेटे मंजीत बाला को भी इस पहल के जरिए फ्री में कोचिंग दी जा रही है।
14 बच्चों को मिली सफलता
साल 2018 में जिंदगी फाउंडेशन के इस कार्यक्रम से जु़ड़े चौदह छात्रों ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को पास किया था और इस समय ये देश के अच्छे कॉलेजों से डॉक्टर बनने की पढ़ाई कर रहे हैं। 14 छात्रों में से 12 छात्र को ओडिशा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिला है। साथ में ही राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को पास करने वाले इन छात्रों को इस राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा सम्मानित भी किया गया था।
इस तरह से चुने जाते हैं बच्चे
जो गरीब बच्चे राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के लिए इस कार्यक्रम के तहत कोचिंग लेने चाहते हैं उनको पहले एक राज्य स्तरीय परीक्षा देनी होती है। इस परीक्षा को पास करने वाले छात्रों की मदद की जाती है। उन्हें पढ़ाने के साथ- साथ उनके रहने, खाने और तमाम सुविधाएं भी फ्री में दी जाती है।