कोरोनोवायरस ने भारत में दी दस्तक, इस शहर में वायरस के संक्रमण का पहला मामला आया सामने
भारत में गुरुवार को कोरोनोवायरस संक्रमण से संक्रमित होने के पहला मामला सामने आया है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि की कि चीन के वुहान से केरल वापस लौटे हुए एक छात्र में कोरोनोवायरस का संक्रमण पाया गया है ।
“वुहान विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले एक छात्र में कोरोनावायरस संक्रमण पाए जाने का पहला मामला सामने आया है। यह मामला केरल का है । स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि मरीज में कोरोनावायरस के संक्रमण का टेस्ट किया गया और जांच में पॉजिटिव पाया गया है।
केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि महिला छात्र की हालत स्थिर है और उन के स्वास्थ का उचित ख्याल रखा जा रहा है । केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने आज एक आपात बैठक बुलाई है।
इस बीच, दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती तीन रोगियों को गुरुवार को कोरोनावायरस के परीक्षण में नेगेटिव पाए जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी है । सोमवार से इन तीन लोगों को सांस की बीमारियों की शिकायत के बाद कोरोनावायरस के संदेह में चिकित्सा उपचार के लिए राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दाखिल किया गया था।
“तीनों मरीज की आयु क्रमशः 24, 34 और 48 वर्ष की हैं। अस्पताल में चिकित्सा अधीक्षक डॉ मीनाक्षी भारद्वाज ने कहा कि एक मरीज पढ़ने के लिए , जबकि अन्य दो चीन में व्यापार कार्य के लिए गए थे जो अब वापस लौट आए हैं।
वायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण यात्रा सलाह जारी किया, जिसमें लोगों को चीन की यात्रा करने से परहेज करने के लिए कहा गया।
भारत ने अब तक कोरोनोवायरस के घातक संक्रमण के 28 नमूनों का परीक्षण किया है। कोरोनोवायरस का पहला मामला एक चीनी शहर वुहान में पाया गया था जिस की आवादी १ करोड़ से अधिक है और अब यह वायरस दुनिया भर के विभिन्न देशों में फैल रहा है।
कोरोनोवायरस से अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अकेले चीन में 1700 से अधिक मामले इस वायरस के संक्रमण के दर्ज किए गए हैं। ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और चीन के अलावा कई एशियाई देशों में इस बिमारी का वायरस फैल रहा है, दुनिया भर के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थाएं इस महामारी को रोकने का रास्ता ढूंढ़ रहे हैं
कोरोनोवायरस, एक ख़ास तरह का वायरस है जो सामान्य सर्दी से लेकर रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS-CoV) और एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS-CoV) का कारण बनता है।पूरे विश्व में इस से पहले कोरोनावायरस से संक्रमित मरीज़ का कोई मामला सामने नहीं आया था.