इस 15 साल के बच्चे के फैन हैं PM मोदी, मिला वीरता पुरस्कार और अब बनेगी इनपर डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म
आज हम आपको 15 साल के ईशान शर्मा से मिलाने जा रहे हैं इस बच्चे की सबसे खास बात ये है की देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनके फैन हैं. ईशान शर्मा को कुछ दिनों पहले ही वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया है और अब ईशान के ऊपर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनायीं जाएगी.
ईशान शर्मा हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले है. कुछ दिनों पहले मास्टर ईशान शर्मा ने एक विदेशी महिला की मदद करके पुरे देश का गौरव बढ़ाया. ईशान शर्मा के इस कार्य के लिए उन्हें राष्ट्रीय बाल वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया. अब रूस के बहुत सारे प्रोड्यूसर ईशान की इस बहादुरी पर एक डॉक्यूमेंट्री का निर्माण करके अपने देश में रहने वाले लोगों को उनकी गौरवगाथा बताएंगे. इंटरनेशनल डिप्लोमेटिक क्लब के प्रेजीडेंट सरजे डवेरयानोव ने सोमवार के दिन ईशान के दिल्ली से घर वापस आने के पहले ही ईशान को कॉल किया और उनसे बातचीत की.
ईशान शर्मा ने दर-दर भटक रही रशियन महिला की सहायता की और अब वो एक इंटरनेशनल सेलिब्रेटी बन चुके हैं. ईशान शर्मा ने 26 जनवरी को लाल किले में होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा लिया और इससे पहले केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ईशान के साथ मुलाकात की.
15 साल के ईशान शर्मा ने धोखे और लूट का शिकार हुई रूसी महिला की मदद करके अतिथि देवो भव: को सार्थक किया है जिसकी वजह से पुरे देशवासियों को उनपर गर्व है. ईशान शर्मा ने धोखे का शिकार हुई रशियन महिला को पुलिस की मदद दिलवाई. पुलिस में कम्प्लेन करने के बाद पुलिस फौरन एक्शन में आ गयी और फौरन धोखा व लूट करने वाले आरोपी को पकड़ लिया. इसके बाद रशियन महिला कुशलता पूर्वक अपने देश लौट गई. ईशान को इस बहादुरी के लिए छह दिन के लिए राष्ट्रपति का मेहमान बनाकर रखा गया. ईशान के साथ उनकी मां रेणुका शर्मा व पिता संजीव शर्मा को भी यह मौका मिला. एक इंटरव्यू में ईशान शर्मा ने अपने इस एक्सपीरिएंस के बारे में बताया.
इंटरव्यू के दौरान ईशान शर्मा ने कहा कि उन्हें छह दिनों तक दिल्ली के फाइव स्टार होटल द अशोका में ठहरने का अवसर मिला. प्राइस सेरेमनी से लेकर 26 जनवरी तक का पूरा शेड्यूल पहले से ही तय किया गया था. यह एक बहुत ही प्रोफेशनल शेड्यूल था. इससे पहले ईशान ने कभी ना तो इसके बारे सुना और न ही कभी देखा था. इस शैड्यूल को फॉलो करने में उन्हें थोड़ी दिक्कत भी हुई, पर उनके साथ और भी 48 बच्चे थे इसलिए सभी चीजे आसानी से हो गयी इंटरव्यू में ईशान ने कहा कि देश की बड़ी बड़ी हस्तियों से मुलाकात करना बिलकुल एक सपने की तरह था.
उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि वे इन सभी से मिल भी सकते हैं. पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से से मुलाकात करके उन्हें यह सीखने को मिला की भले ही इंसान कितनी भी ऊंचाई पर क्यों ना पहुँच जाये पर उसके पैर जमीन पर ही रहने चाहिए. ईशान ने बताया कि उन्होंने उस रशियन महिला की मदद इंसानियत के तौर पर की थी. महिला की मदद करते समय ईशान ने किसी इनाम और सम्मान की चाहत नहीं की थी. लेकिन उनके इस प्रयास ने उन्हें बहुत बड़े सम्मान से सम्मानित किया. ईशान का कहना है की वो भविष्य में भी दूसरों की मदद करने को तैयार रहेंगे.