मूंगा रत्न धारण करने से मिलते हैं यह लाभ, जानें इस रत्न से जुड़ी तमाम जानकारी
ग्रहों के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए रत्नों को धारण किया जाता है। प्रत्येक ग्रह से एक रत्न जुड़ा होता है। रत्न धारण करने से उससे जुड़ा ग्रह शांत हो जाता है और शुभ फल देने लग जाता है। ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों के बारे में बताया गया है और मंगल ग्रह इन्हीं ग्रहों में से एक है। कुंडली में मंगल ग्रह के भारी होने पर मूंगा रत्न (Munga Ratna in Hindi) पहनने की सलाह दी जाती है। यह रत्न धारण करने से मंगल ग्रह शांत रहता है और जातक को किसी भी तरह की पीड़ा नहीं होती है। मूंगा रत्न क्या है, मूंगा पहनने के फायदे और प्रक्रिया क्या होती है यह तमाम जानकारी इस लेख में दी गई है।
मूंगा रत्न
इस रत्न को अंग्रेजी भाषा में कोरल कहते हैं। मूंगा रत्न (Munga Ratna in Hindi) देखने में लाल रंग का होता है और इस रत्न को जैविक रत्न माना जाता है। इस रत्न को लॉकेट या अंगूठी में जड़वाकर पहना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह की दिशा सही नहीं चल रही होती है, उन लोगों को मूंगा रत्न जरूर पहनना चाहिए। यह रत्न समुद्र में पाया जाता है।
मूंगा पहनने के फायदे
मूंगा रत्न धारण करते ही मंगल ग्रह शुभ फल देना शुरू कर देता है। दरअसल कुंडली में मंगल ग्रह के भारी होने पर जातक के जीवन में परेशानियां आने लग जाती है। इस ग्रह की वजह से जातक का विवाह देरी से होता है और विवाह अगर हो जाए तो उसके जीवन साथी की सेहत हमेशा खराब रहती है। मंगल ग्रह के कारण संतान का सुख भी नहीं मिल पाता है। इस ग्रह की बुरी दिशा के चलते व्यापार या नौकरी में तरक्की नहीं मिल पाती है।
हालांकि मूंगा पहनने से यह ग्रह आपके अनुकुल हो जाता है। इस रत्न को धारण करते ही आपका विवाह जल्द हो जाता है। मूंगा रत्न धारण करने से सेहत सही बनीं रहती है और हर कार्य में प्रगति मिलने लग जाती है। मूंगा पहनने के फायदे और भी हैं, जैसे इस रत्न को पहने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मन शांत रहता है। तनाव में रहने वाले लोग अगर इस रत्न को धारण करते हैं तो उनका तनाव दूर हो जाता है।
जरूर परखें मूंगा
बाजार में नकली रत्न भी बेचे जाते हैं और नकली रत्न पहनने से किसी भी तरह का लाभ नहीं पहुंचता है। इसलिए जब भी आप रत्न खरीदें तो यह जरूर परख लें की वो रत्न असली रत्न हो। हर रत्न को परखने का अलग-अलग तरीका होता है। मूंगा रत्न को परखने के लिए आप नीचे बताई गई प्रक्रिया को करें। इसकी मदद से आपको पता चल जाएगा की मूंगा रत्न (Munga Ratna in Hindi) असली है या नकली।
- मूंगा रत्न पर पानी नहीं टिकता है और इस रत्न पर पानी डालते ही पानी फिसल जाता है। रत्न खरीदते समय उसपर पानी को डालें। अगर पानी उस पर रुक रहे तो समझ लें की रत्न नकली है।
- मूंगा के ऊपर सफेद खडी़ रेखाएं होती हैं जो कि मैग्निफाइंग ग्लास की मदद से दिखती हैं। मैग्निफाइंग ग्लास से देखने पर अगर यह रेखाएं ना दिखें तो यह रत्न नकली होगा।
- मूंगा रत्न पर किसी भी तरह का दाग या धब्बा होने पर उसे ना खरीदें।
कौन पहन सकते हैं मूंगा रत्न
- रत्नों को केवल कुंडली के आधार पर ही पहना जाता है। जिन लोगों की कुंडली में मंगल ग्रह गलत घर में स्थित होता है उन लोगों को यह रत्न पहनना चाहिए।
- कुंडली में अगर मंगल की नजर सातवें, दसवें और ग्यारवें भाव में हो तो यह रत्न धारण करना शुभ फल देता है।
- चौथे भाव में मंगल के होने पर जीवन साथी की सेहत खराब रहती है। इस भाव में मंगल होने पर मूंगा धारण जरूर करें। यह धारण करने से जीवन साथी स्वस्थ्य रहता है।
- छठे, आठवें और बारहवें भाव में मंगल स्थित होने पर मूंगा धारण किया जा सकता है।
- कुंडली में छठें भाव और आठवें भाव के स्वामी के साथ अगर मंगल बैठा हो तो मूंगा धारण करना लाभकारी होता है।
- प्रथम भाव, सप्तम और द्वादश भाव में मंगल के होने पर जातक को अशुभ फल मिलते हैं। अगर आपकी कुंडली में मंगल सप्तम और द्वादश भाव में हो तो इस रत्न को पहन लें।
- जिन लोगों को अधिक गुस्सा आता है वो लोग भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
रखें इन चीजों का ध्यान
- मूंगा रत्न के साथ आप केवल मोती रत्न को ही धारण करें। इस रत्न के साथ हीरा, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया और नीलम रत्न को धारण करना अशुभ फल देता है
- मूंगा रत्न (Munga Ratna in Hindi) को सोने की अंगूठी या लॉकेट में जड़वाकर धारण किया जाता है। हालांकि आप चाहें तो चांदी या तांबे में भी इस रत्न को जड़वा सकते हैं। लेकिन सोने की धातु को ज्यादा उत्तम माना जाता है।
- इसका वजन कम से कम 6 रत्ती होना चाहिए। इससे कम वजन का मूंगा धारण ना करें।
- मूंगा धारण करने के बाद अगर यह टूट जाए को समझ लें की आपका ग्रह टल गया है।
इस तरह से धारण करें मूंगा
- इस रत्न को केवल शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन ही खरीदें और मंगलवार के दिन ही इसे धारण करें।
- मूंगा धारण करने से पहले इसे पवित्र करें। पवित्र करने हेतु इसे गाय के कच्चे दूध में रख दें। इसके बाद इसे मंदिर में हनुमान जी के चरण में रख दें।
- दस हजार बार ऊं अं अंगारकाय नम: का जाप करें। जाप करने के बाद इसे धारण कर लें। याद रखें की इसे सूर्योदय होने के एक घंटे बाद पहने और रात के समय बिलकुल धारण ना करें।
- इस रत्न को तर्जनी, मध्यमा और अनामिका उंगली में पहनना चाहिए।
- एक बार यह रत्न पहनने के बाद इसे ना निकालें।
- मूंगा धारण करने के 9 दिनों बाद ही आपको इसका असर देखने को मिल जाएगा।
मूंगा रत्न (Munga Ratna in Hindi) क्या है, मूंगा पहनने के फायदे और प्रक्रिया पढ़ने के बाद आपको इस रत्न से जुड़ी हर जानकारी मिल गई होगी। अगर आप यह रत्न धारण करने का विचार कर रहे हैं तो पंड़ित से सलाह जरूर ले लें।
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