सम्राट अशोक का जीवन परिचय (Samrat Ashok ki Jeevani)
सम्राट अशोक का जीवन परिचय (Samrat Ashok ki Jeevani): भारत की धरती पर कई महान योद्धाओं ने जन्म लिया है और जब भी हमारे देश के महान योद्धाओं का नाम लिया जाता है। तो अशोक को जरूर याद किया जाता है। सम्राट अशोक ने पूरे भारत पर अपना राज किया था और यह एक वीरा योद्धा थे। आज हम आपको अपने देश की इसी योद्धा की जीवनी बताने जा रहे हैं।
सम्राट अशोक का जीवन परिचय (Samrat Ashok ki Jeevani)
अशोक एक हिन्दू सम्राट था और इनका जन्म पटना में हुआ था। अशोक प्राचीन भारत में मौर्य राजवंश का एक वीर राजा था। इन्होने कई आक्रमण में दुश्मनों को नाको चने चबाए हैं। जानते हैं अशोक का जीवन परिचय:
पूरा नाम | राजा प्रियदर्शी देवताओं का प्रिय अशोक मौर्य |
अन्य नाम | ‘देवानाम्प्रिय’ एवं ‘प्रियदर्शी’ |
जन्म | 304 ईसा पूर्व |
जन्म भूमि | पाटलिपुत्र (पटना) |
मृत्यु तिथि | 232 ईसा पूर्व |
मृत्यु स्थान | पाटलिपुत्र, पटना |
पिता/माता | बिन्दुसार और रानी धर्मा |
पत्नी | देवी, कारुवाकी, असंधिमित्रा,पद्मावती, तिष्यरक्षिता |
बच्चों के नाम | महेन्द्र, संघमित्रा, चारुमती, तीवर, पुत्र कुणाल |
राज्य सीमा | सम्पूर्ण भारत |
शासन काल | ईसापूर्व 274 |
शासन अवधि | 40 वर्ष |
राज्याभिषेक | 272 ईसा पूर्व के मध्य |
धर्म | हिन्दू धर्म, बौद्ध धर्म |
प्रसिद्धि | अशोक महान, साम्राज्य विस्तारक, बौद्ध धर्म प्रचारक |
वंश | मौर्य |
अशोक का जन्म
सम्राट अशोक (Samrat Ashok) का जन्म 304 ईसा पूर्व में हुआ था और इनका पूरा नाम देवानांप्रिय अशोक मौर्य था। इनके पिता राजा थे और उनका नाम सम्राट बिन्दुसार था। जबकि इनकी मां का नाम धर्मा था। सम्राट बिन्दुसार की कुल 16 पत्नियां थी और इनकी कुल 101 संतान थी। बिंदुसार की मृत्यु के बाद अशोक ने मौर्य राज्य को संभाला था। इतिहास में अशोक के अलावा इनके केवल तीन भाईयों का ही जिक्र मिलता है जिनके नाम सुसीम, विटअशोक और तिष्य है।
सम्राट अशोक की पत्नियां
अशोक ने कुल पांच विवाह किए थे। अशोक ने रानी कौर्वकी से प्रेम विवाह किया था और यह इनकी आखिर पत्नी थी। इनसे पहले अशोक ने विदिशा महादेवी साक्या कुमारी से विवाह किया था। अशोक जब उज्जैन में अपना इलाज करवा रहे थे। उस दौरान अशोक की मुलाकात विदिशा की राजकुमारी से हुई थी। जिसके बाद अशोक ने इनसे विवाह कर लिया था। अशोक की अन्य पत्नियों के नाम पद्मावती, देवी और असंधिमित्र है।
सम्राट अशोक ने अपने कितने भाइयों की हत्या की थी?
- अशोक के पिता की मृत्यु 272 इसा पूर्व में हुई थी। बिंदुसार की मृत्यु के बाद उनका साम्राज्य पाने के लिए अशोक ने अपने बड़े भाई से दो सालों तक युद्ध किया था। कहा जाता है कि राजा बनने के लिए अशोक ने अपने 99 भाईयों की हत्या कर दी थी और केवल सबसे छोटे भाई विटअशोक को ही जीवन दान दिया था।
- दो साल तक युद्ध करने के बाद अशोक का राजभिषेक 269 इसा पूर्व में हुआ और वो मौर्य साम्राज्य के तीसरे सम्राट बनें थे।
- राजा बनने के बाद अशोक ने मौर्य सम्राज्य को बढ़ाने के लिए खूब मेहनत की।
- सम्राट अशोक का कब्जा उत्तर भारत से लेकर दक्षिण में मैसूर तक था। अशोक तमिल नाडू, केरल और श्रीलंका को भी मौर्य सम्राज्य के अधीन लाना चाहते थे। लेकिन ऐसा करने में सफल नहीं हो सके थे।
- सम्राट अशोक को एक कठोर राजा माना जाता है। अशोक के शासनकाल के दौरान लाखों लोगों को मौत के घाट उतारा गया था। हालांकि कलिंग युद्ध के बाद सम्राट अशोक ने शांति का मार्ग चुना था।
कलिंग युद्ध – Kalinga War in Hindi
अपने राज्य को विस्तृत करने के लिए अशोक द्वारा कलिंग युद्ध किया गया था। इस युद्ध के दौरान अशोक ने कलिंग प्रदेश पर हमला किया था। यह युद्ध 261 इसा पूर्व में लड़ा गया था। कलिंग युद्ध इतिहास का बेहद ही खौफनाक युद्ध माना जाता है। क्योंकि इस युद्ध में 100000 सैनिक और लोगों की मृत्यु हुई थी। युद्ध के कारण इतने लोगों की मृत्यु देख सम्राट अशोक को बेहद ही धक्का लगा था और उन्हें शस्त्रों को त्याग दिया था।
सम्राट अशोक से जुड़े अन्य जानकारी
- मौर्य वंश के सभी राजाओं में से अशोक ने अपने राज्य पर लंबे समय तक शासन किया था। अशोक ने करीब 40 सालों तक अपने राज्य की भागदौड़ संभाली थी।
- सम्राट अशोक ने अपने पूरे जीवन में एक भी युद्ध नहीं हरा था। अशोक द्वारा जितने भी युद्ध लड़े गए थे उनमें यह सदा विजय ही रहे थे।
बौद्ध धर्म का प्रचार
- सम्राट अशोक का जन्म हिन्दू परिवार में हुआ था। लेकिन बाद में बौद्ध धर्म से प्रेरित होकर इन्होंने अपने धर्म को बदल लिया था और बौद्ध धर्म को अपनाया था। दरअसल कलिंग युद्ध के दौरान हुई लाखों लोगों की मौत के बाद अशोक ने अपना धर्म बदला था।
- बौद्ध धर्म को अपनाने के बाद अशोक ने इस धर्म का खूब प्रचार किया।
- इस धर्म को भारत के हर कोने से लेकर कई देशों तक पहुंचाने में अशोक का ही योगदान है और आज अशोक के कारण ही बौद्ध धर्म दुनिया के सबसे बड़े धर्मों में से एक माना जाता है।
- बौद्ध धर्म से अशोक इतना प्रभावित हुए थे कि उन्हें अपने बेटे महेंद्र और बेटी संघमित्रा को यह धर्म प्रचार करने का कार्य सौंप था और महेंद्र और संघमित्रा ने श्रीलंका में जाकर इस धर्म का प्रचार किया था।
- श्रीलंका के अलाव बौद्ध धर्म को अफगानिस्तान, सीरिया, मंगोलिया, चाइना, कंबोडिया, लाओस ग्रीस, इटली, थाईलैंड, वियतनाम, नेपाल, भूटान, और बर्मा देश में फैलाने के पीछे सम्राट अशोक का ही हाथ था।
अशोक स्तंभ
अशोक स्तंभ एक ऐतिहासिक स्मारक है। जिसे सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया था। इस स्तंभ पर चार सिंह बने हुए हैं और इस स्तंभ को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मुहर बनाया गया है। अशोक स्तंभ के अलावा भी सम्राट अशोक के शासनकाल में कई सारी स्मारकों का निर्माण करवाया गया था। जिनमें से कुछ प्रसिद्ध स्मारकों के नाम इस प्रकार हैं –
- धमक स्तूप, सारनाथ, उत्तर प्रदेश
- महाबोधि मंदिर, बिहार
- नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार
- तक्षशिला विश्वविद्यालय
- भीर माउंड, तक्षशिला, पाकिस्तान
- भारहत स्तूप, मध्य प्रदेश
- देवकोथार स्तूप, मध्य प्रदेश
- बुत्कारा स्तूप, स्वात, पाकिस्तान
- सन्नति स्तूप, कर्नाटक
- मीर रुकुन स्तूप नवाबशाह, पाकिस्तान
अशोक द्वारा दक्षिण एशिया और मध्य एशिया में बुद्ध भगवान के अवशेषों का संग्रह करके के लिए लगभग 84000 स्तूप बनवाएं गए थे। जो कि आज ऐतिहासिक स्मारक के तौर पर जाने जाते हैं।
सम्राट अशोक का निधन
सम्राट अशोक का निधन 232 ई. पू के दौरान हुआ था। इतिहासकारों के अनुसार अशोक का देहावसान तक्षशिला में हुआ। जिस समय इनकी मृत्यु हुई थी उस समय इनकी आयु 72 साल की थी। इन की मृत्यु के बाद मौर्य सम्राज्य का धीरे-धीरे पतन होने लगा था और 180 ईसीबी में मौर्य सम्राज्य पूरी तरह से समाप्त हो गया था। मौर्य सम्राज्य को जटली बनाए रखने में सम्राट अशोक का सबसे बड़ा योगदान था।
यह भी पढ़ें – महाराणा प्रताप की जीवनी