इन दोषों के कारण नहीं होती संतान की प्राप्ति, जानें इन दोषों के बारे में और इनसे बचने के उपाय
कुंडली में नीचे बताए गए दोष होने पर कई दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति नहीं हो पाती है और लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें माता-पिता होने का सुख नहीं मिल पाता है। ज्योतिष शास्त्र में ऐसे कई श्राप और दोषों के बारे में बताया गया है। जिनके कारण संतान नहीं हो पाती है या संतान हो जाने पर उसकी मृत्यु हो जाती है। कई बार इन दोषों के कारण दंपत्तियों को पुत्र का सुख भी नहीं मिल पाता है। अगर आपकी कुंडली में नीचे बताए गए योग, दोष या श्राप हैं तो इनका उपाय जल्द से जल्द करें। क्योंकि इनके कारण ही संतान होने में बाधाएं आती हैं।
इन दोषों या श्राप की वजह से नहीं होती है संतान की प्राप्ति
सर्प श्राप
सर्प श्राप का योग कुंडली में राहु के कारण बनता है और इसकी वजह से संतान नहीं हो पाती है। सर्प दोष कुंडली में होने पर सर्प यानी नाग की पूजा करें। नाग की पूजा करने से ये दोष खत्म हो जाती है। नाग के अलावा सोमवार को शिवलिंग पर जल चढ़ाने से और शिवलिंग का अभिषेक करने से भी इस श्राप से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में ये श्राप है वो इसका निवारण जरूर करें।
पितृ श्राप
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जब अष्टम स्थान में राहु या अष्टमेश राहु से पापाक्रांत हो तक ये दोष कुंडली में बनता है। इस दोष का मतलब होता है कि आपके पितृ आप से खुश नहीं होते हैं । ये दोष होने पर अपने पितृों के लिए पूजा करवाएं। ताकि वो शांत हो जाएं। साथ में ही सूर्य देव की पूजा करने से भी पितृ श्राप से मुक्ति मिल जाती है।
मातृ श्राप
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मातृ श्राप के कारण भी संतान या पुत्र की प्राप्ति नहीं होती है। जब पंचमेश और चंद्रमा के संबंधों पर आधारित हो तब ये योग कुंडली में बनता है। इसके अलावा मंगल, शनि और राहु के कारण भी ये दोष कुंडली बन जाता है। मातृ श्राप होने पर मां की जितनी हो सके उतनी सेवा करें और महिलाओ को सम्मान करें। ये उपाय करने से इस श्राप से राहत मिल जाती है।
भ्रातृ श्राप
भ्रातृ श्राप की वजह से भी दंपत्तियों को संतान का सुख नहीं मिल पाता है। जातक या उसके परिवार के सदस्यों द्वारा जब अपने भाई का अपमान किया जाता है तब ये श्राप लग जाता है। भ्रातृ श्राप होने पर हनुमान चालीसा और हरिवंश पुराण को पढें। इसके अलावा शालिग्राम की पूजा भी करें।
ब्रह्म श्राप
ब्रह्म श्राप कुल 7 प्रकार का होता है। ब्राह्मण का अपमान करने पर ये दोष बनता है। इस दोष को दूर करने के लिए ब्राह्मण की सेवा करें और उन्हें भोजन करवाएं। ब्राह्मणों की सेवा करने से इस दोष से मुक्ति मिल जाएगी और संतान होने में जो भी बाधा आ रही है वो दूर हो जाएगा।
ग्रह दोष
बुध और शुक्र ग्रह की गलत दिशा होने पर संतान होने में बाधाएं आती हैं। इस दोष को दूर करने के लिए बुधवार के दिन हरी चीजों का दान करें और शुक्रवार के दिन शिव जी की पूजा करें।