पीरियड्स के दौरान इन कारणों से होती है क्रेविंग की समस्या, जानें इससे बचने के उपाय
पीरियड्स के दौरान कई सारी महिलाओं को क्रेविंग की समस्या होती है और तरह-तरह की चीजें खाने का मन करता है। क्रेविंग होना मामूली बात है। लेकिन अधिक क्रेविंग होने पर इसे नजरअंदाज ना करें। पीरियड्स के दौरान क्रेविंग होने के पीछे कई सारे कारण छूपे होते हैं और कई वजहों के चलते महिलाओं को अधिक क्रेविंग होने लग जाती है। क्रेविंग होने पर महिलाएं अधिक खाना खाती हैं और इसका असर उनकी सेहत पर पड़ता है। पीरियड्स के दौरान क्रेविंग क्यों होती है, अधिक क्रेविंग होने पर शरीर को क्या नुकसान पहुंचते हैं और किस तरह से क्रेविंग की समस्या से बचा जा सकता है। इन सभी सवालों के जवाब इस लेख में दिए गए हैं।
पीरियड्स के दौरान क्रेविंग होने के कारण
हार्मोनल बदलाव
महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होना आम बात है। लेकिन कई बार हार्मोनल बदलाव के कारण क्रेविंग की समस्या हो जाती है। पीरियड्स से पहले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के बढ़ने से क्रेविंग होती है। हार्मोन में बदलाव आने से लेप्टिन का उत्पादन सही से नहीं होता है और ऐसा होने पर ‘ग्रीलिन’ हार्मोन जो कि भूख लगने के लिए जिम्मेदार होता है उसमें वृद्धि आ जाती है। हार्मोनल बदलाव के चलते कई महिलाओं को अधिक भूख लगती हैं और वो तरह-तरह की चीजें खाना शुरू कर देती हैं।
तनाव
पीरियड्स के दौरान कई औरतों को तनाव की खूब समस्या होती है। दरअसल एस्ट्रोजन हार्मोन के चलते किसी भी काम में मन नहीं लगता है और ऐसा होने पर दिमाग अशांत रहता है और तनाव होने लग जाता है। तनाव महसूस होने पर कई महिलाएं ओवर ईटिंग करने लग जाती हैं।
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर (Premenstrual Dysphoric Disorder)
प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्फोरिक एक प्रकार का डिसऑर्डर माना जाता है जिसके कारण महिलाएं चिड़चिड़ापन महसूस करती हैं। ये डिसऑर्डर कई बार तनाव का कारण भी बनता है। तनाव में आने से महिलाएं अवसाद का शिकार हो जाती हैं और उनकी भूख भी एकदम से बढ़ जाती हैं। जिसके कारण पीरियड्स शुरू होने से पहले ही कई तरह का भोजन खाने का मन करता है जो कि पीरियड्स खत्म होने तक रहता है।
क्रेविंग होती है खतरनाक
अगर आप सोच रहे हैं कि क्रेविंग होने आमबात है तो ये सोच गलत है। क्योंकि क्रेविंग होने पर भूख अधिक लगती है और ज्यादा भोजन खाने से शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचते हैं। डॉक्टरों के अनुसार महिलाओं को क्रेविंग की समस्या हो हल्के में नहीं लेना चाहिए और क्रेविंग के चलते अपनी डाइट को खराब नहीं करना चाहिए। वहीं क्रेविंग के कारण शरीर को क्या रोग लग सकते हैं वो इस तरह से हैं –
हो सकती है शुगर की बीमारी
अधिकतर महिलाओं को पीरियड्स के दौरान मीठी चीज खाने की क्रेविंग होती है। अधिक मीठा खाने से खून में शुगर का स्तर एकदम से बढ़ जाता है और ऐसा होने पर मधुमेह हो जाती हैं।
उच्च रक्तचाप
कई महिलाओं को तीखा खाने की क्रेविंग होती है और वो मसाले दार चीजें पीरियड्स के दौरान खूब खाती हैं। मसालेदार चीजों का सेवन करने से रक्तचाप बढ़ जाता है और महिलाएं उच्च रक्तचाप के रोग से ग्रस्त हो जाती हैं।
वजन पर पड़ता है असर
अधिक खाना खाने से वजन पर बुरा असर पड़ता है और धीरे-धीरे शरीर मोटापे का शिकार हो जाता है। इसके अलावा ज्यादा मात्रा में खाना खाने से नींद भी अधिक आती है और शरीर एकदम से आलसी बन जाता है।
इस तरह से करें बचाव
- क्रेविंग होने पर अपने आप पर कंट्रोल रखें और ओवर ईटिंग करने से बचें।
- पीरिएड्स के वक्त खानपान का ख्याल रखें और वो ही चीजें खाएं जिनसे भूख कम लगती है और जो भूख मारने का काम करती हैं।
- अगर किसी कारण से आप ओवर ईंटिंग कर भी लेते हैं तो योग और व्यायाम करें। ऐसा करने से वजन नहीं बढ़ेगा और खाना आसानी से पच भी जाएगा।
- डोनट्स, कैंडी और चॉकलेट का सेवन बिलकुल ना करें। क्योंकि ये चीजे क्रेविंग को और बढ़ाने का काम करती है।
- जितना अधिक हो सके उतना पानी पीएं। पानी पीने से क्रेविंग मर जाती है।
- क्रेविंग होने पर ध्यान लगाएं। ध्यान लगाने से क्रेविंग पर काबू पाया जा सकता है।
- पीरिएड्स के समय कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना अधिक खाएं । कार्बोहाइड्रेट यु्क्त खाना खाने से पेट भरा रहता है। बीन्स, दाल, ताज़े फल, सब्जियां में कार्बोहाइड्रेट उच्च मात्रा में पाया जाता है।