जानें क्या है कुपोषण, इसके लक्षण, कारण और कुपोषण से बचने के उपाय
कुपोषण का शिकार अधिकतर बच्चे होते हैं। कुपोषण होने पर शरीर कमजोर बन जाता है और कई तरह के अन्य रोग भी शरीर को लग जाते हैं। भारत में अधिकतर बच्चे इस रोग से ग्रस्त हैं।
कुपोषण क्या है
शरीर के लिए ज़रूरी संतुलित आहार काफी लंबे समय तक नहीं मिलना ही कुपोषण होता है। कुपोषण होने का मुख्य कारण सही खाना नहीं मिल पाना होता है। बच्चों में पाई जाने वाली यह बीमारी जानलेवा भी साबित होती है और अगर वक्त रहते इसका इलाज ना किया जाए तो जान भी जा सकती है।
यह बीमारी होने पर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है और एकाग्रता की कमी हो जाती है। शरीर बेहद ही कमजोर बन जाता है और कई तरह की बीमारियों की चेपट में आ जाता है।
कुपोषण के कारण
कुपोषण के कारण के बारे में बात की जाए तो, इसकी चपेट में आने का मुख्य कारण शरीर में पोषक तत्वों की कमी होना है। यह रोग आमौतर पर छोटे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को अधिक होता है। जिन बच्चों को और गर्भवती महिलाओं को सही आहार नहीं मिलता है वो इस रोग से ग्रस्त हो जाते हैं।
कुपोषण के लक्षण
यह बीमारी उन लोगों को होती हैं जो सब्जियों का सेवन बहुत ही कम मात्रा में करते हैं। इस बीमारी के कुछ गंभीर लक्षण होते हैं जैसे – पाचन तंत्र में समस्या, प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना और त्वचा से संबंधित रोग होते हैं। आइये जानते हैं कुपोषण के लक्षण :
- कुपोषण का शिकार होने पर बच्चे अपनी उम्र से काफी कम दिखते हैं।
- ये रोग होने पर शरीर हमेशा थका हुए रहता है।
- आंखे धंसी दिखती हैं और शरीर की रोग- प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
- त्वचा और बालों की सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। बाल और त्वचा रुखी हो जाती है और बाल झड़ने लग जाते हैं।
- कुपोषण होने पर मसूड़ों में सूजन आ जाती है और दांतो में सड़न हो जाती है।
- पेट फूलना, अधिक ज्यादा रोना, चिड़चिड़ापन भी कुपोषण के लक्षण होते हैं।
- मांसपेशियों में खूब दर्द होना।
- हड्डियों-जोड़ों में दर्द रहना और नाखूनों का अपने आप टूटना जाना।
- भूख का ना लगना और आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ना।
कुपोषण क्या है, कुपोषण के कारण और कुपोषण के लक्षण पढ़ने के बाद इस बीमारि से बचने के घरेलू उपाय भी जान लें। नीचे बताए गए उपाय आजमाने से यह रोग सही हो जाता है और इस रोग से रक्षा होती है।
कुपोषण से बचने के उपाय
अभी हमने जाना कुपोषण क्या होता हैं और इसके लक्षण। अब चलिए जानते हैं कुपोषण से बचने के उपाय। इन उपाय का सही से पालन करने पर आप इस रोग को ठीक कर सकते हैं। नीचे बताए गए कुछ ऐसे उपाय हैं जिनका सेवन करने से आप इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।
सब्जियां खाएं
कुपोषण से बचने के लिए हरी सब्जियों का सेवन खूब करें। हरी सब्जियां खाने से इस रोग से बचा जा सकता है। पालक, बींस, गाजर, गोभी और इत्यादि प्रकार की सब्जियों में विटामिन और मिनरल्स भरपूर पाए जाते हैं और इन्हें खाने से बच्चों को स्वस्थ शरीर मिलता है।
बींस के अंदर मौजूद तत्व इस रोग को जड़ से खत्म कर देते हैं। बींस की सब्जी को काटकर उबाल लें और इसमें नमक छिड़ककर खाएं। एक महीने तक ये सब्जी और अन्य सब्जियां खाने से शरीर को सभी तरह के विटामिन और मिनरल्स मिल जाते हैं।
अखरोट
कुपोषण से बचने के उपाय के तहत अखरोट का सेवन करें। अखरोट में मोनो सैचुरेटिड फैट पाया जाता है जो कि सेहत के लिए फायदेमंद होता है और अखरोट खाने से कुपोषण का रोग सही हो जाता है। (और पढ़ें – अखरोट के फायदे)
दूध
दूध को सेहत के लिए उत्तम माना जाता है और दूध पीने से शरीर अंदर से मजबूत बन जाता है। शरीर को कई तरह के रोगों से लड़ने की ताकत भी मिलती है। कुपोषण का रोग होने पर बच्चों को रोज कम से कम 300-500 मिली लीटर दूध पीने को दें।
जबकि गर्भवती महिलाएं दिन में दो गिलास दूध पीएं। दूध पीने से शरीर को इस रोग से लड़ने मेें ताकत मिलती है और हड्डियां मजबूत हो जाती हैं। दूध के अलावा डाइट में पनीर, दही और दूध से बनें अन्य उत्पादों को भी शामिल करें।
किशमिश खाएं
किशमिश खाने से शरीर इस रोग से मुक्त हो जाता है। इसलिए जो भी बच्चे या गर्भवती महिलाएं कुपोषण की चेपट में हैं, उन्हें किशमिश जरूर खाने को दें। रात को लगभग 50 ग्राम किशमिश पानी में भिगोने के लिए रख दें। सुबह किशमिश को पानी से निकाल दें और इसे खा लें। लगातार 3 महीने रोज किशमिश खाने से शरीर कुपोषण मुक्त हो जाएगा और वजन भी बढ़ने लग जाएगा। किशमिश को गर्म दूध के अंदर डालकर खाने से भी फायदा मिलता है।
दाल को करें डाइट में शामिल
दालों को प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत माना जाता है और दाल खाने से भी ये रोग दूर हो जाता है। जो कुपोषण से ग्रस्त होते हैं उन्हें रोज एक कटोरी दाल पीने को दें। आप कोई सी भी दाल उबाल लें और बिना तड़का लगाए दाल बच्चों को खाने को दें। तीन महीने तक दाल खाने से बच्चे की सेहत पर अच्छा असर पड़ेगा और बच्चे एकदम स्वस्थ हो जाएगा। इसी तरह से गर्भवती महिला दिन में दो कटोरी दाल पीएं।
चने
काले भूने चने खाने से शरीर को पोषण मिलता है और कुपोषण की बीमारी सही हो जाती है। भूने चने के अलावा चनों को पानी में भिगोकर खाने से भी शरीर को फायदा मिलता है। एक कटोरी काले चने को पानी में भिगों दें और सुबह इन चनों का सेवन करें। 2 हफ्ते तक रोज चने खाने से शरीर में ताकत आ जाएगाा और पोषक तत्व शरीर को मिल जाएंगे।
कुपोषण क्या है, कुपोषण के लक्षण, कुपोषण के कारण, कुपोषण से बचने के उपाय की जानकारी इस लेख की मदद से देने की कोशिश की गई है। यह रोग खतरनाक रोग माना जाता है और हर साल लाखों बच्चों की मौत इस रोग से होती है। बच्चों और गर्भवती महिलाओं की रक्षा इस रोग से हो सके इसके लिए सरकार द्वारा कई स्कीम भी चलाई गई है और सुपोषित अभियान के तहत बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मदद की जा रही है। कई गांवों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मुफ्त में आहार आंगनबाड़ी द्वारा दिया जाता है।