मधुमक्खी के डंक का उपचार करे इन घरेलू तरीके से
मधुमक्खी के डंक का उपचार : मधुमक्खी का डंक बेहद ही खतरनाक माना जाता है और कई बार मधुमक्खी के काटने से लोगों की मौत भी हो जाती है। मधुमक्खी के डंक मारने से शरीर में जहर फैल जाता है, जिसकी वजह से शरीर को कई तरह के संक्रमण लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए मधुमक्खी द्वारा काटे जानें पर या डंक मारने पर आप इसे अनदेखा ना करें तुरंत इसका उपाचर करें।
मधुमक्खी के डंक का उपचार
मधुमक्खी के डंक का उपचार घरेलू तरीकों से भी किया जा सकता है और नीचे बताए गए उपचारों की सहायता से डंक के जहर को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है। मधुमक्खी के डंक का उपचार किसी तरह से किया जाए, इसकी जानकारी इस प्रकार से है।
शहद लगाएं
मधुमक्खी के डंक का उपचार शहद से भी किया जा सकता है। मधुमक्खी के काटने पर डंक वाली जगह पर शहद को लगा लें। शहद का लेप लगाने से फौरन आराम मिल जाता है और जहर शरीर में नही फैलता है। शहद को डंक पर लगाने से सूजन भी नहीं होती है। शहद के अंदर आप हल्दी भी मिला सकते हैं और इन दोनों चीजों का लेप भी लगा सकते हैं।
लोहा
अगर कभी आपको मधुमक्खी काट ले तो बिना कोई देरी किए डंक वाली जगह पर लोहे की धातु को रगड़ लें। लोहे की धातु को रगड़ने से जहर खत्म हो जाता है और डंक बाहर आ जाएगा।
सिरका लगाएं
सेब का सिरका भी मधुमक्खी के डंक उपचार में से एक है। डंक लगने पर आप थोड़ा सा सिरका रुई में लगा लें और इस रुई को डंक वाली जगह पर रख दें। सिरका लगाते ही डंक से आराम मिल जाएगा और डंक के कारण हुई सूजन भी बैठ जाएगी।
बर्फ लगाएं
डंक के प्रभाव को कम करने के लिए बर्फ का प्रयोग भी किया जा सकता है। मधुमक्खी के डंक का उपचार के तहत आप एक बर्फ को कपड़े में बांध दें और इस कपड़े को डंक वाली जगह पर कुछ देर के लिए रख दें। दरअसल बर्फ को लगाने से हिस्सा सुन हो जाता है और बर्फ विषाक्त पदार्थ को फैलने नहीं देती है। साथ में ही डंक की वजह से होने वाला दर्द भी कम हो जाता है। इसलिए मधुमक्खी के काटने के बाद समय-समय पर डंक वाली जगह पर बर्फ को रगड़ते रहें।
एंटीसेप्टिक क्रीम
एंटीसेप्टिक क्रीम लगाने से जहर नहीं फैलता है और सूजन भी नहीं होती है। डंक लगने पर सबसे पहले साबून से प्रभावित हिस्से को साफ करें। उसके बाद एंटीसेप्टिक क्रीम इस पर लगा लें। आपको तुरंत डंक से आराम मिल जाएगा। ये क्रीम दिन में कम से कम चार बार लगाएं।
बेकिंग सोडा
मधुमक्खी के डंक का उपचार करने के लिए बेकिंग सोडे का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। बेकिंग सोडा लगाने से जहर नहीं फैलता है, सूजन कम हो जाती है और दर्द से आराम मिल जाता है। दरअसल बेकिंग सोडे में अल्कलाइन होता है। जोकि जहर के असर को खत्म कर देता है और ऐसा होने से डंक के कारण शरीर को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। (यह भी पढ़ें – बेकिंग सोडा के फायदे)
टूथपेस्ट
मधुमक्खी द्वारा काटे जाने पर सफेद टूथपेस्ट का प्रयोग करें और इसे तुरंत डंक वाली जगह पर लगा लें। टूथपेस्ट अम्लीय प्रभाव को कम करने का कार्य करता है और इसे लगाने से दर्द में राहत मिलती है और जहर भी खत्म हो जाएगा।
चूना
मधुमक्खी के डंक का उपचार चूना लगा कर भी किया जा सकता है। चूना में अल्कोलाइड उच्च मात्रा में पाया जाता है। अल्कोलाइड लगाने से डंक का जहर फैलने से रुकता है। इसलिए डंक लगने पर थोड़ा सा चूना लेकर उसमें पानी मिलाकर लेप तैयार कर लें। उसके बाद इस लेप को प्रभावित जगह पर अच्छे से लगा दें। यह लेप आप दिन में कम से कम पांच बार लगाएं। आपको फौरन आराम मिल जाएगा।
गेंदे का फूल
बेहद ही कम लोगों को इस उपचार के बारे में जानकारी होती है। मधुमक्खी के काटने पर प्रभावित जगह पर गेंदे के फूल का रस लगाने से डंक का असर खत्म हो जाता है। दरअसल इस फूल के रस में एंटीफंगल तत्व पाये जाते है, जो कि डंक से होने वाली जलन और सूजन को खत्म कर देते हैं।
डंक लगने पर एक गेंदे का फूल लेकर उसके पत्ते तोड़ लें और इन पत्तों को डंक वाली जगह पर रगड़ लें। आप चाहें तो गेंदे के फूल को पीसकर इसका लेप भी तैयार कर सकते हैं और इस लेप को डंक पर लगा सकते हैं।
कैलामाइन लोशन
मधुमक्खी के डंक का उपचार लोशन से भी होता है। मधुमक्खी के डंक लगने पर कैलामाइन लोशन लगा लें। इसे लगाने से डंक का प्रभाव खत्म हो जाएगा। इस लोशन को कम से कम 1 घंटे के लिए डंक वाली जगह पर लगे रहने दें। पांच घंटे के अंतराल के बाद फिर से इसे लगा लें।
मधुमक्खी के डंक का असर कम से कम दो दिनों तक रहता है। वहीं डंक लगने पर हल्दी वाला दूध पीना कारगर साबित होते है और यह दूध पीने से डंक का जहर शरीर में नहीं फैल पाता है। इसलिए मधुमक्खी के काटने पर ऊपर बताए गए मधुमक्खी के डंक का उपचार के अलावा हल्दी का दूध भी पीएं।
मधुमक्खी के काटने पर क्या होता एवं लक्षण
मधुमक्खी के काटने पर नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं-
- मधुमक्खी के डंक मारते ही तेज दर्द होती है और जिस जगह पर काटा होता है वहां पर सूजन भी आ जाती है।
- कई बार डंक वाली जगह एकदम लाल पड़ जाती है और उसमें बेहद ही खुजली भी होती है।
- अगर मधुमक्खी के डंक का जहर बेहद ही तेज हो तो तेज बुखार तक आ जाता है।
मधुमक्खी के डंक का उपचार आजमाने के बाद भी आपको आराम ना मिले तो डॉक्टर से चेक करवाएं। इसके अलावा अगर डंक लगने के बाद बुखार कम ना हो तो भी बिना देरी किए डॉक्टर से संपर्क कर लें। क्योंकि कई बार मधुमक्खी का जहर इतना घातक साबित होता है कि जान तक जा सकती है।