घोड़ी पर सवार हाथ में तलवार लिए एक साथ दो दुल्हने बारात लेकर पहुंची दूल्हें के घर, जानिये वजह
भारत में इन दिनों शादी ब्याह का माहोल हैं. हर गली चौराहे पर आपको किसी ना किसी की बारात जाते हुए दिख ही जाती हैं. आमतौर पर भारतीय बारात में दुल्हा घोड़ी पर सवार होता हैं और अपने बाराती रिश्तेदारों एवं दोस्तों के साथ बारात लेकर दुल्हन के घर जाता हैं. सालों से कई जगह इसी परंपरा को निभाया जाता आ रहा हैं. हालाँकि मध्यप्रदेश के खंडवा शहर में लोग उस समय हैरान रह गए जब उन्हें घोड़े पर बैठी दो दूल्हें दिखाई दी. इन दुल्हनों के साथ में तलवार थी और ये बैंड बाजा के साथ अपनी बारात लेकर दुल्हे के घर जा रही थी. जिसने भी ये नजारा देखा उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ. उसके मन में बस यही सवाल था कि दुल्हन बारात लेकर जा रही हैं तो दूल्हें साहब कहाँ हैं. तो चलिए इस पूरी खबर को थोड़ा और विस्तार से जानते हैं.
दरअसल हम यहाँ जिन दो दुल्हनों की बात कर रहे हैं उनका नाम साक्षी पाटीदार और सृष्टि पाटीदार हैं. ये दोनों दुल्हनें आपस में सगी बहनें हैं. मध्य प्रदेश के खंडवा में रहने वाली इन दोनों बहनों ने अपनी शादी पाटीदार समाज की परंपरा से करने का फैसल लिया था. यही वजह हैं कि इन्होने दूल्हें को मंडप में इंतज़ार करने को कहा और खुद हाथ में तलवार लिए और घोड़ी चढ़ बैंड बाजे से बरात लेकर चली गई.
Madhya Pradesh: Sakshi and Srishti, two sisters who had their wedding ceremonies on 22nd January, took out their own wedding procession (baraat) and rode horses to reach houses of their grooms in Khandwa, as a tradition followed by Patidar community. pic.twitter.com/80o27FtZuY
— ANI (@ANI) January 24, 2020
ये घटना 22 जनवरी की हैं. यही वो दिन था जब दोनों बहनों ने अपनी शादी बड़ी ही धूमधाम और पुरे उत्साह के साथ संपन्न की हैं. न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सृष्टि ने बताया कि मुझे अपने पाटीदार समुदाय का हिस्सा होने पर फख्र हैं. यही वजह हैं कि हम अपनी इस परंपरा का पालन कर रहे हैं. वहीं इन दोनों दुल्हों के पिता अरुण ने अन्य समुदाय के लोगो से ये आग्रह किया हैं कि वे भी महिलाओं को सम्मान देने की नियत से इस परंपरा को जरूर निभाए. इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा. एक तरह से ये चीज समाज में महिलाओं के बराबर अधिकार को भी दर्शाती हैं.
अरुण बताते हैं कि ये परंपरा करीब 400 से 500 साल पुरानी हैं. वर्तमान में हम इसे ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के तर्ज पर आगे ले जा रहे हैं. हम समाज में ये संदेश देना चाहते हैं कि देश की बेटियों के साथ कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. उनके साथ भी समाज में एक समान व्यवहार करना चाहिए. हमारी लोगो से विनती हैं कि वे भी इस परंपरा को जारी रखे.
शादी करने का ये अनोखा तरिका सोशल मीडिया पर भी बहुत वायरल हो रहा हैं. इसे देख कई लड़कियां प्रेरित हो रही हैं. अब उनका भी मन हो रहा हैं कि अपनी शादी में वे घोड़ी चढ़ बारात लेकर जाए. एक तरह से इस तरह की पहल काफी अच्छी हैं. इससे समाज में एक पॉजिटिव संदेश जाता हैं. हम उम्मीद करते हैं कि समाज के लोग आगे आने वाली शादियों में इस तरह लड़की को बारात ले जाने का मौका जरूर देंगे.
वैसे आपको लड़की का बारात ले जाने वाला आईडिया कैसा लगा?