जानिए, भारतीय प्रधानमंत्री मोदी आज भी अपनी मातृभाषा गुजराती में क्यों लिखते हैं नोट!
कोई भी बच्चा जब पैदा होता है तब वह सबसे पहले जो भाषा बोलता है, वह उसकी मातृभाषा होती है। कोई भी इंसान कितना भी बड़ा क्यों ना हो जाए, वह अपनी मातृभाषा को भूलता नहीं है। आजकल कुछ लोग शर्म की वजह से अपनी मातृभाषा का उपयोग नहीं कर रहे हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह भूल चुके हैं। आज के माहौल के हिसाब से उन्होंने किसी और भाषा को अपना लिया है।
अपनी मातृभाषा को देते हैं सम्मान:
आप तो जानते ही हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री मोदी अपने काम और अपने आचरण की वजह से इस समय देश की जनता के दिलों पर राज कर रहे हैं। अभी हाल ही में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि वह आज भी अपनी मातृभाषा को उतना ही सम्मान देते हैं, जितना पहले दिया करते थे। आज भी वह अपने व्यक्तिगत काम अपनी मातृभाषा गुजराती में ही करते हैं।
प्रधानमंत्री के दिल में आज भी जिन्दा है गुजरात प्रेम:
आपको जानकर हैरानी होगी कि वह आज भले ही वाराणसी संसदीय क्षेत्र से सांसद हों लेकिन आज भी उनके दिल में गुजरात प्रेम जिन्दा है। वह आज भी किसी मीटिंग में होते हैं तो उसमें बोली जाने वाली कोई जरुरी बात किसी अन्य भाषा में नहीं बल्कि अपनी मातृभाषा गुजराती में लिखना पसंद करते हैं। आप तो जानते ही हैं कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं, और एक प्रधानमंत्री के ऊपर कितनी सारी जिम्मेदारियां होती हैं। इस वजह से उन्हें कई बार देर रात तक अपने प्रशासनिक अधिकारीयों से मीटिंग करनी पड़ती है। ऐसे में वह उसमे कही जाने वाली बातें गुजराती में लिखते हैं।
कोई पढ़ ना सके उनकी लिखी बात, इसलिए लिखते हैं गुजराती में:
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमन्त्री मोदी ऐसा इसलिए करते हैं कि उन्हें गुजराती भाषा बहुत पसंद है और दूसरा उनका लिखा हुआ कोई अन्य ना पढ़ सके। अपनी जिम्मेदारियों के चलते उन्हें कई घंटों रात में जागकर काम करना पड़ता है। कुछ दिन पहले ही इस बात का खुलासा हुआ था कि प्रधानमंत्री मोदी 18 घंटे तक काम करते हैं और अपने सभी मंत्रियों से भी ऐसा करने के लिए कहते हैं। वह किसी जरुरी काम की देख-रेख खुद ही करते हैं और काम के दौरान सख्ती बरतते हैं।