अध्यात्म

विष्णु जी को गुड़ चने का प्रसाद चढ़ाने से पूरी हो जाती है हर कामना, पढ़ें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

विष्णु जी की पूजा करते हुए उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो लोग विष्णु जी को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है। विष्णु जी को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाने से एक कथा जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक बार देवर्षि नारद को आत्मा का ज्ञान हासिल करने की इच्छा हुई। अपनी ये इच्छा लेकर नारद जी विष्णु जी से मिलने के लिए उनके पास गए और विष्णु जी से कहा, कृपा करके आप मुझे आत्मा का ज्ञान दें। देवर्षि नारद की बात सुनने के बाद विष्णु जी ने उनसे कहा, ये ज्ञान हासिल करने के लिए पहले उन्हें इसके योग्य बनना होगा। जब वो योग्य बन जाएंगे तो वे उन्हें आत्मा का ज्ञान देंगे।

विष्णु जी की बात को मानते हुए देवर्षि नारद ने कठोर तपस्या की। देवर्षि नारद को लगा की तपस्या करने से विष्णु जी प्रसन्न होकर उनकी बात को मान लेंगे। लेकिन कई समय तक तपस्या करने के बाद भी विष्णु जी प्रसन्न नहीं हुए। जिसके बाद देवर्षि नारद ने धरती जाने का फैसला लिया। एक दिन धरती में घूमते हुए देवर्षि नारद ने देखा की विष्णु जी एक बूढ़ी महिला के साथ बैठे हुए हैं और महिला के हाथ से गुड़ और चना खा रहे हैं। ये देखकर देवर्षि नारद हैरान रहे गए। विष्णु जी के जाने के बाद देवर्षि नारद ने महिला से पूछा की आखिर कैसे विष्णु जी उनसे मिलने के लिए धरती लोक आ गए। महिला ने देवर्षि नारद को बताया कि वो विष्णु जी की पूजा करती है, उनके लिए व्रत रखती है और उन्हें गुड़ और चना खिलाती है। ऐसा करने से विष्णु जी मेरे से प्रसन्न रहते हैं। इतना ही नहीं विष्णु जी ने मेरे को वैकुंठ धाम जाने का आशीर्वाद भी दिया और ये वादा भी किया है कि जो लोग उन्हें गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित करेंगे। उनकी हर कामना को वो पूरा कर दें।

बूढ़ी महिला की बात सुनने के बाद देवर्षि नारद ने विष्णु जी की पूजा की, उनका व्रत रखा और पूजा करते समय उन्हें चने और गुड़ का प्रसाद चढ़ाना शुरू कर दिया। देवर्षि नारद की ये भक्ती देख एक दिन विष्णु जी स्वयं प्रकट हुए और उन्होंने नारद से कहा, मैं तुम्हारी सच्ची भक्ती से प्रसन्न हुआ हूं। देवर्षि नारद ने विष्णु जी से आत्मा का देने को कहा और विष्णु जी ने देवर्षि नारद को आत्मा का ज्ञान दे दिया। तभी से विष्णु जी को गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई और जो भी लोग हर गुरुवार के दिन विष्णु जी को गुड़ और चने का प्रसाद अर्पित करते हैं उनकी हर कामना पूरी हो जाती है।

विष्णु जी के अलावा माता रानी और हनुमान जी को भी गुड़ और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता है। मां की पूजा गुड़ और चने के प्रसाद के बिना अधूरी मानी जाती है। वहीं हनुमान जी को ये प्रसाद चढ़ाने से जीवन की बाधाएं दूर हो जाती हैं।

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