अध्यात्म

जानिए क्या होता है देव दोष और इस दोष से बचने के सरल उपाय

ज्योतिष शास्त्र में कई सारे दोषों का जिक्र किया गया है और इन्हीं दोषों में से एक दोष देव दोष के नाम से जाना जाता हैै। देव दोष का संबंध देवताओं से होता है और ये दोष पूर्वजों या परिवार के बुजुर्गों से मिलता है। दरअसल जिन लोगों के पूर्वजों द्वारा गुरु, पुरोहित, कुलदेवी या देवताओं का सम्मान नहीं किया जाता है। उन लोगों को ये दोष लग जाता है।

देव दोष के कारण

देव दोष लगने के कई सारे कारण माने जाते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं।

  • अगर परिवार में कोई व्यक्ति देवताओं का अपमान करता है तो ये दोष प्रारंभ हो जाता है।
  • आपके पूर्वजों द्वारा अगर पवित्र पेड़, जैसे पीपल काटा जाता है। तब भी ये दोष शुरू हो जाता है। पेड़ के अलावा अगर भगवान की मूर्ति का स्थान बदला जाता है या मंदिर का स्थान तोड़ा जाता है। तब भी आप इस दोष का शिकार हो जाते हैं।
  • जिन जातकों के परिवार वालों ने कभी साधु की बात ना मानी हो या जो नास्तिक हों उन जातकों की कुंडली में भी ये दोष प्रारंभ हो जाता है।
  • जो लोग अपने कुल देवताओं का पूजन नहीं करते हैं उन्हें भी देव दोष लग जाता है।
  • अगर कोई मन्नत मांगते समय उससे जोड़ा कोई वादा भगवान से किया जाता है और मन्नत पूरी होने के बाद वादे को पूरा नहीं किया जाता है। तब भी देव दोष लग जाता है।

इस दोष का प्रभाव

कुंडली में देव दोष होने का बुरा प्रभाव बच्चों के जीवन पर पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि देव दोष का प्रभाव तीसरी पीड़ी पर पड़ता है। तीसरी पीड़ी के बच्चों का जीवन केवल पीड़ा से भरा होता है और जीवन में सुख नहीं मिल पाते हैं। कुछ लोगों को धन हानि होने लग जाती है, तो कई लोगों को सेहत से जुड़ी परेशानियां उम्र भर रहती है। इसके अलावा घर का माहलौ भी सदा तनाव से भरा रहता है ।

देव दोष से बचने के और इसे खत्म करने के उपाय

कुंडली में देव दोष शुरू होने पर नीचे बताए गए उपायों को करें। इन उपायों को करने से देव दोष से मुक्ति मिल जाती है।

पहला उपाय

इस दोष से मुक्ति पाने हेतु अपने कुल के देवी-देवता की पूजा जरूर करें। कुल के देवी-देवताओं की पूजा करने से ये दोष दूर हो जाता है। पूजा करते हुए उन्हें सुंदर फूल, खुशबूदार धूप और इत्यादि चीजें अर्पित करें और उनसे क्षमा मांगे।

दूसरा उपाय

अपने धर्म का सही से पालन करें और ग्रंथों का पाठ किया करें। इसके अलावा समय-समय पर मंदिर में चीजें अर्पित किया करें।

तीसर उपाय

तीसर उपाय के तहत एक पीपल के पेड़ को लगाएं। इस पेड़ को लगाकर इसकी पूजा हर शनिवार के दिन करें। इसके अलावा इस पेड़ के आसपास सफाई भी रखें।

चौथा उपाय

जितना हो सके पुण्य और धर्म से जुड़े कार्यों में हिस्सा लें। ब्राह्मणों की सेवा करें और उन्हें समय समय पर भोजन करवाएं और वस्तुओं का दान भी करें।

ऊपर बताए उपायों को करने से देव दोष से मुक्ति मिल जाती है।

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