19 जिलों में रह रहे हैं 40 हजार शरणार्थी, UP सरकार ने नागरिकता के लिए केंद्र के पास भेजी रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उनके राज्य में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के प्रवासियों के नामों की सूची गृह मंत्रालय को भेज दी गई है। नागरिकता संशोधन काननू (सीएए) लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक प्रवासियों की सूची तैयार की थी और इस सूची को अब गृह मंत्रालय को सौंप दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के 19 जिलों में रहने वाले 40 हजार अवैध प्रवासियों की जानकारी जुटाई है। जो सूची गृह मंत्रालय को सौंपी गई है उसमें आगरा, रायबरेली, सहारनपुर, गोरखपुर, अलीगढ़, रामपुर, मुजफ्फरनगर, हापुड़, मथुरा, कानपुर, प्रतापगढ़, वाराणसी, अमेठी, झांसी, बहराइच, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ और पीलीभीत समेत 19 जिलों में रहने वाले धार्मिक अल्पसंख्यक प्रवासियों की जानकारी है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार इन 19 जिलों में करीब 40 हजार गैर-मुस्लिम अवैध प्रवासियों रहते हैं और ये सभी शरणार्थी पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हैं। 19 जिलों मेें से पीलीभीत में सबसे अधिक शरणार्थी रह रहे हैं। आकड़ों के मुताबिक 40 हजार शरणार्थी में से 30 से 35 हजार शरणार्थी पीलीभीत में रहते हैं। शरणार्थी की सूची तैयार करने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों को दी थी। जिसके बाद जिला मजिस्ट्रेटों ने उन लोगों की पहचान की जो कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से शरणार्थियों के तौर पर आए हुए हैं।
दिलाई जाएगी नागरिकता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गई सूची में शामिल लोगों को भारतीय नागरिकता दी जा सकती है और ये लोग भारत के नागरिक बन सकते हैं। वहीं जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है उसमें हर शरणार्थी की कहानी भी लिखी गई है। इस रिपोर्ट का नाम उत्तर प्रदेश सरकार ने ‘यूपी में आए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के शरणार्थियों की आपबीती कहानी’ रखा है। इस रिपोर्ट के माध्यम से ये बताया गया है कि इन लोगों के साथ धर्म के आधार पर क्या-क्या जुर्म इन देशों में हुए हैं। इस रिपोर्ट में शरणार्थियों के नामों के साथ उनका बैकग्राउंड भी बताया गया है।
अन्य जिलों में भी तैयार की जा रही है सूची
19 जिलों की सूची तैयार करने के बाद उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में रहने वाले शरणार्थी की भी सूची तैयार की जा रही है। सूची तैयार होने के बाद गृह मंत्रालय को शरणार्थी के नाम भेज दिए जाएंगे। जिसके बाद गृह मंत्रालय इस बात का फैसला लेगा की इन लोगों को भारत की नागरिकता दी जाए की नहीं।
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन काननू लागू करने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जा रही है। गृह मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों को आदेश दिए गए हैं कि वो उनके राज्य में रहे है पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के शरणार्थियों की सूची तैयार करके उन्हें दें ताकि इन शरणार्थियों को नागरिकता दी जाए।
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 5 करोड़ शरणार्थी रहे रहे हैं जो कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत में आए हैं। वहीं कई ऐसे शरणार्थी भी हैं जो अपने देश वापस लौटने लगे हैं। क्योंकि इस कानून के तहत मुस्लिम धर्म को छोड़कर अन्य धर्म के लोगों को ही भारत की नागरिकता दी जा रही है। ऐसे में ये लोग वापस अपने देश जा रहे हैं। वहीं उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बना है जिसने शरणार्थियों की सूची गृह मंत्रालय को दी है।