आरोपियों की सजा टलने से नाराज़ हुई निर्भया की माँ, बोली ‘केजरीवाल सरकार हैं जिम्मेदार..’
पुरे देश में लड़कियों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. एक के बाद एक महिलाओं के साथ होने वाले दुष्कर्म की घटनाएं सामने आती रहती हैं. ऐसे में इन्हें रोकने की पहल करने वाली आम जनता का यही मानना हैं कि लड़कियों के साथ गलत काम करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. दोषियों के मन में डर पैदा होना जरूरी हैं. हालाँकि हमारे सिस्टम और अन्य वजहों से ऐसा बहुत कम या देरी से देखने को मिलता हैं. मसलन 2012 में हुआ दिल्ली का निर्भया केस तो आप सभी को याद होगा ही. इस घटना को हुए 7 साल से ज्यादा समय बीत गया लेकिन अभी तक इसके आरोपी फांसी पर नहीं लटके हैं. कुछ दिनों पहले ही खबर आई थी कि निर्भया केस के सभी आरोपियों को 22 जनवरी के दिन फांसी पर लटका दिया जाएगा. हालाँकि अब खबर आ रही हैं कि ये तारीख भी टल गई हैं. ऐसे में इस बात से नाराज़ निर्भया की माँ दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं.
फांसी की तारीख टलने के बाद हाल ही में निर्भया की माँ आशा देवी का एक बयान सामने आया हैं. इसमें वे नाराज होकर कहती हैं कि दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि दोषियों को फांसी हो जाए. दरअसल पटियाला हाउस कोर्ट में मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई हुई थी जिसके चलते आरोपियों को फांसी देना फिलहाल टाल दिया गया. ये खबर सुनते ही निर्भया की मां आशा देवी का गुस्सा फूट पड़ा और वे इसके लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराने लगी.
आशा देवी कहती हैं ‘फांसी में जो देरी हुई हैं इसकी जिम्मेदार दिल्ली सरकार हैं. आखिर आरोपियों को इसका लाभ क्यों मिल रहा हैं. मेरी बेटी की हत्या हुए सात साल हो गए लेकिन में अभी भी न्याय पाने के लिए लड़ाई कर रही हूँ. इसमें सरकार की गलती हैं. मैं बस एक कोर्ट से दुसरे कोर्ट भटक रही हूँ. मुझे क्यों ये सजा मिल रही हैं?‘
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कोर्ट के आदेश के अनुसार निर्भया केस के सभी दोषियों को 22 जनवरी 2020 को फांसी देना तय था. हालाँकि इस केस के एक आरोपी मुकेश सिंह की याचिका पटियाला हाउस कोर्ट पहुंची जिसके चलते ये फांसी फिलहाल टल गई. इस संबंध में कोर्ट ने जेल अधिकारीयों से ये रिपोर्ट भी मांगी कि वे 22 जनवरी को सभी दोषियों को फांसी नहीं देंगे.
इसी संबंध में गुरुवार को दिल्ली सरकार ने भी एक रिपोर्ट दाखिल की. इस रिपोर्ट में उन्होंने मुकेश की अर्जी रिजेक्ट कर एलजी को सेंड करने की बात कही. ऐसे में कोर्ट ने दिल्ली सरकार और जेल अथॉरिटी से इस बारे में पूरी डिटेल्ड रिपोर्ट सबमिट करने को कहा हैं.
बता दे कि साल 2012 में एक चलती बस के अंदर निर्भया के साथ चार लोगो ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म किया था. इस दौरान निर्भया की जान तक चली गई थी. इस जुर्म के खिलाफ दिल्ली के एक कोर्ट ने चारों आरोपियों के खिलाफ डेथ वारंट भी जारी किया था. इस डेथ वारंट को पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जारी करते हुए सभी आरोपियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी पर लटकाने के आदेश दिए थे. इस मामले में पवन गुप्ता, मुकेश सिंह, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर दोषी पाए गए थे.