Politics

धरती पर कोई भी ताकत नहीं है जो संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के काम को रोक पाए – भाजपा

पिछले एक महीने से देश का माहौल कुछ ऐसा हो गया है कि यहां रहने वालों को भी डर लगने लगा है। 11 दिसंबर को गृह राज्य मंत्री ने एक बिल प्रस्तुत किया जिसका नाम CAA है और इसके साथ ही NRC का भी जिक्र कर दिया। इसके बाद 15 दिसंबर को दिल्ली सहित कई दूसरे राज्यों में इस कानून के विरोध में देशभर से छात्र और दूसरे संघ के लोग सड़कों पर आ गए। सबसे ज्यादा बर्बता दिल्ली के जामिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई जहां पर पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा। स्थिति संभालना काफी मुश्किल हो गया था मगर बीजेपी ने हमेशा लोगों को भरोसा दिलाया कि इस बिल से किसी को नुकसान नहीं पहुंचेगा। अब जबकि CAA कानून लागू हो गया है तो बीजेपी का CAA पर आया बड़ा बयान और उन्होंने विरोध करने वालों को सतर्क कर दिया है।

बीजेपी का CAA पर आया बड़ा बयान

CAA के समर्थन में उतरी हजारों हस्तियां, कहा-'लोग फैला रहे हैं डर...'

कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति ने अपनी बैठक की की। उनकी मांग ये थी कि सीएए को वापस लिया जाए और एनपीआर की प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया जाए। इसके बाद बीजेपी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। भाजपा ने शनिवार को कहा, ‘धरती पर कोई भी ताकत नहीं है जो संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के काम को रोक पाए।’ इसके साथ ही पार्टी ने इस कानून और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस पर दोहरा चरित्र का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, ‘सीएए पहले से ही प्रभावित हो चुका है और धरती पर किसी की भी ताकत नहीं है कि इस काम को रोक पाए। अपने सभी प्रयसों में भाजपा सीएए और एनपीआर पर कांग्रेस के दोहरे चरित्र को बताती है।’ उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस राजस्थान चुनाव घोषणा पत्र में हिंदू शरणार्थियों के लिए नागरिकता के दावे करती थी उसका क्या हुआ?

भाजपा के प्रवक्ता यहीं पर नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, ‘राजस्थान और गुजरात में हिंदू शरणार्थियों के लिए नागरिकता को साल 2005 और 2006 में दो मौकों पर मनमोहन सरकार ने बढ़ाया था।’ उन्होंने विपक्ष को निशाना बनाते हुए कहा, ‘विपक्ष नेता के रूप मे सिंह ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता की मांग की थी। मगर अब क्या हुआ।’ भाजपा प्रवक्ता राव ने आगे कहा, ‘एनपीआर पर भी कांग्रेस को ये बताने की जरूरत नहीं है कि साल 2010 में एनपीआर धर्मनिरपेक्ष और स्वीकार क्यों हो गया था जबकि साल 2020 में ये आपके लिए खतरनाक हो गया। सीएए और एनपीआर दोनों ही कांग्रेस के ढोंग थे। भाजपा कांग्रेस पार्टी के इस दोगलेपन को बेनकाब करके रहेगी।’

Back to top button