पाकिस्तान ने गैर मुस्लिमों के चुनाव लड़ने पर लगाई रोक
पाकिस्तान में हिंदु-सिख या अन्य गैर मुस्लिम समुदाय के लोग अब बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुल्तान की डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के वकीलों की ओर से एक प्रस्ताव लाया गया है। इस प्रस्ताव के अनुसार हिंदु-सिखों और गैर मुस्लिम समुदाय के लोग बार काउंसिल के चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। इस प्रस्ताव के अनुसार इस चुनाव में केवल मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही भाग लेने की अनुमति है। गौर है कि इससे पहले अन्य अहम पदों पर भी हिंदु-सिख या अन्य गैर मुस्लिम समुदाय के लोगों की नियुक्ती पर रोक लगा दी गई थी और अब मुल्तान डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन की और से बार काउंसिल के चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी गई है। बार काउंसिल के इस फैसले से साफ है कि इस देश में अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह का बर्ताव किया जा रहा है।
जानें पूरा मामाला
हाल में पाकिस्तान में सिखों के पवित्र गुरुद्वारे पर हमला किया गया था। जिसके बाद से इस देश में तनाव का माहौल और बढ़ गया था। वहीं इस हमले के कुछ ही दिनों बाद पाकिस्तान में किसी भी बड़े संवैधानिक पद यानी शीर्ष पुलिस, आर्मी अफसर पद पर हिंदु-सिखों और गैर मुस्लिम समुदायों के लोगों की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी। इस फैसले की काफी आलोचना भी की गई थी। वहीं अब मुल्तान बार एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित किया है। इस प्रस्ताव के अनुसार बार काउंसिल के चुनाव में कोई भी गैर मुस्लिम हिस्सा नहीं ले सकता है और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को एक शपथपत्र भी देना होगा। इस शपथ पत्र पर उसे ये बताना होगा कि वो इस्लाम धर्म में विश्नास रखता है।
ये प्रस्ताव पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार बढ़ रहे अपराधों के बीच प्रारित किया गया है। इस प्रस्ताव के आने से ये साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान देश में अल्पसंख्यकों की हालात बेहद ही खराब है और अल्पसंख्यकों पर खूब अत्याचार किए जा रहे हैं। धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों को उनका अधिकार नहीं दिया जा रहा है। वहीं इस तरह के फैसलों से ये साफ जाहिर होती है कि अल्पसंख्यकों को उनका धर्म बदलने पर भी मजबूर किया जा रहा है।
अक्सर पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों पर हमला होने की खबर आती रहती है। इस देश में अल्पसंख्यकों का जबरन धर्मांतरण करवाया जाता है, महिलाओं का अपहरण कर उनके साथ रेप किया जाता है और उन्हें कैदी बनाकर रखा जाता है। ऐसे कई सारे केस देखे गए हैं जहां पर हिंदू धर्म की महिलाओं का अपहरण कर पहले उनका धर्म बदलवाया गया फिर उनसे जबरन शादी की गई। इस देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अपराधों का शिकार हिंदू धर्म के अलावा क्रिश्चियन, सिख, अहमदिया और शिया मुस्लिम भी शामिल हैं।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आबादी में बारी गिरावट भी देखी गई है और इस देश में अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों की आबादी कुल आबादी की महज दो प्रतिशत ही रहे गई है।