इन 15 फिल्मों ने समाज को दिखाया आईना, सामजिक मुद्दों को उठाकर लोगो को किया जागरूक
फ़िल्में सिर्फ मनोरंजन के लिए ही नहीं बनाई जाती हैं बल्कि कई बार इसमें कुछ अच्छे और सामजिक संदेश भी छिपे होते हैं. ऐसे में आज हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने भारत के मुद्दों को उठाया और समाज में उन्हें सुधराने हेतु अपनी तरफ से फिल्म में प्रयास किया.
OMG! ओह मॉय गॉड
इस फिल्म में ह्यूमर के माध्यम से लोगो को ये बताया गया कि विश्वास और अंधविश्वास में क्या अंतर होता हैं. फिल्म में धर्म को बिजनेस बनाकर चलाने वालो को एक्सपोज किया गया था.
टॉयलेट: एक प्रेम कथा
इस फिल्म में गाँव के लोगो को टॉयलेट के महत्त्व के प्रति जागरूक किया गया था. फिल्म में बताया गया था कि कैसे खुले में शौच करना सेहत के लिए तो हानिकारक हैं ही लेकिन साथ में महिलाओं की सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक हैं.
3 इडियट्स
इस फिल्म में बताया गया था कि कैसे एजुकेशन सिस्टम और करियर को लेकर सोशल प्रेशर होता हैं. फिल्म में करियर और स्टूडेंट के ऊपर पढ़ने वाले प्रेशर को बखूबी दिखाया गया था.
तारे जमीन पर
इस फिल्म में उन स्पेशल चाइल्ड के बारे में बताया गया था जो किसी ना किसी बिमारी से पीड़ित हैं. ऐसे में सोसाइटी को उन्हें कैसे हैंडल करना चाहिए इस पर बहुत अच्छा चित्रण था. फिल्म में 8 साल के बच्चे को dyslexic होता हैं जिससे ओवरकम करने के लिए आमिर खान बच्चों को ट्रीट करने का सही तरीका बताते हैं.
दामिनी
ये एक महिला प्रधान फिल्म थी जिसमे बताया था कि कैसे एक महिला समाज में न्याय पाने के लिए लड़ती हैं. इस फिल्म में वुमेन एमपॉवरमेंट पर जोर दिया गया था.
मर्दानी 1 और 2
इस फिल्म में रानी मुखर्जी ने दबंग महिला पुलिस वाली का किरदार निभाया था. मर्दानी 1 में ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मुद्दा उठाया गया था जबकि मर्दानी 2 में महिलाओं के साथ होने वाली बलात्कार की घटनाओं को हाईलाईट किया गया था.
मात्रभूमि: A Nation Without Women
इस फिल्म में कन्या एवं भ्रूण हत्या के ऊपर बात हुई थी. साथ ही फिल्म में महिला की शादी 5 भाइयों से हो जाती हैं. ऐसे में समाज की क्रूरता को भी फिल्म में हाईलाईट किया गया था.
पिंक
इस फिल्म में महिलाओं के अधिकार और आज़ादी को लेकर बात हुई थी. साथ ही महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ को भी बताया था.
ए वेडनसडे
इस फिल्म में बताया गया था कि कैसे क्राइम रेट बढ़ने की वजह से आम आदमी को कई परेशानियाँ उठानी पढ़ती हैं.
बजरंगी भाईजान
फिल्म में सलमान एक ऐसे हनुमान भक्त हिंदू का रोल करते हैं जो गलती से भारत आई पाकिस्तान की गूंगी मुस्लिम बच्ची को उसके घर छोड़ने जाते हैं. फिल्म में धर्म को आड़ में रख प्रेमभाव रखने की सिख दी गई थी.
पैड मैन
सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म में बताया गया था कि कैसे एक आदमी ने महिलाओं की हेल्थ का ध्यान रखते हुए सस्ता sanitary napkin बनाकर महिलाओं को कपड़े की बजाए पैड इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया था.
आर्टिकल 15
इस फिल्म में हायर कास्ट और लोवर कास्ट के बीच के अंतर और इन्हें लेकर समाज में होने वाले भेदभाव को दिखाया गया था.
अछूत कन्या
इस फिल्म में एक ब्राह्मण लड़के और हरिजन लड़की की लव स्टोरी बताकर ये दिखाया गया था कि प्यार में कास्ट नहीं देखना चाहिए.
हिंदी मीडियम
भारत के एजुकेशन सिस्टम में कितने झोलझाल होते हैं उसे इस फिल्म में कॉमेडी के माध्यम से प्रदर्शित किया गया था.
छपाक
हाल ही में रिलीज हुई इस फिल्म में एसिड अटैक का शिकार हुई महिलाओं के बारे में समाज को बताया गया था.