
ठुकराए दहेज के 10 करोड़, जेल से आकर की इस लड़की से शादी, ऐसी है फूलन देवी के हत्यारे की कहानी
हर किसी ने फूलन देवी की कहानी के बारे में सुना ही होगा। एक जमाने में बैंडिट क्वीन के नाम से प्रसिद्ध फूलन देवी के जीवन में बहुत सी ऐसी घटनाएं हुईं लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और राजनीति में अलग मुकाम हासिल किया। फिर उनकी हत्याकर राजनीति से हटाने का पूरा बंदोबस्त किया गया जिसमें उनके दुश्मन कामयाब हुए। अब उनका हत्यारा जेल से बाहर आ गया है और MLA की बेटी से शादी कर अपने नये जीवन की शुरुआत की है। कुछ ऐसी है फूलन देवी के हत्यारे की कहानी, चलिए बताते हैं कौन हैं ये?
ऐसी है फूलन देवी के हत्यारे की कहानी
देशभर में सबसे चर्चित हत्याकांडों में फूलन देवी हत्याकांड प्रचलित है। 38 साल पहले यूपी के बहमई गांव में दस्यु सुंदरी फूलन देवी ने 20 लोगों की गोली मारकर सामूहिक हत्या की थी। बेहमई कांड का फैसला आने की संभावना के बाद एक बार फिर से फूलन देवी का नाम सुर्खियों में आ गया है। फूलन देवी का कभी चंबल में खौफ हुआ करता था और फूलन देवी का मध्यप्रदेश से भी संबंध रहा है।
फूलन देवी की हत्या शेर सिंह राणा ने की और समाजवादी पार्टी की सांसद रहीं फूलन देवी 25 जुलाई, 2001 को जब दिल्ली स्थिति अपने आवास से बाहर नहीं निकली तो शेर सिंह राणा ने गोली मारकर फूलन देवी की हत्या की थी। फूलन देवी की हत्या के बाद शेरसिंह राणा ने छतरपुर जिले के एक पूर्व विधायक की बेटी से शादी कर ली थी। शेर सिंह राणा की शादी छतरपुर जिले के पूर्व विधायक राणा प्रताप सिंह की बेटी प्रतिमा राणा से हुई और ये शादी 20 फरवरी, 2018 को उत्तराखंड के रुजड़ी में हुई थी।
ऐसा बताया जाता है कि इस दौरान शेर सिंह राणा को दहेज के तौर पर 10 करोड़ रुपये की खदान और 31 लाख रुपये दिए गए थे लेकिन शेर सिंह राणा ने दहेज लेने से मना कर दिया। शेर सिंह राणा को फूल देवी की हत्या के मामले में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जमानत में बाहर आने के बाद शेर सिंह राणा से शादी की थी।
13 फरवरी, 1983 को फूलन देवी ने भिंड में सरेंडर किया था। जब फूलन देवी ने सरेंडर किया तब मध्यप्रदेश के तत्कालीन सीएम अर्जुन सिंह मंच पर मौजूद थे। अर्जुन सिंह के सामने ही फूलन देवी ने आत्मसमर्पण करके चंबल और बीहड़ की दुनिया से अपना रिश्ता खत्म किया। 14 फरवरी, 1981 को उत्तर प्रदेश कानपुर जिले के बेहमई गांव में ये हत्याकांड हुआ। इस हत्या कांड को बेहमई कांड के नाम से जाना जाता है और फूलन देवी ने अपने गिरोह के साथ मिलकर 20 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।
बेहमई कांड के बाद फूलन देवी चंबल की बैंडिट क्वीन के नाम से प्रसिद्ध हो गईं, दरअसल फूलन देवी के पिता की 40 बीघा जमीन पर उसके चाचा ने कब्जा कर लिया। फूलन देवी ने जब चाचा से जमीन मांगी तो चाचा ने फूलन पर डकैती का मामला दर्ज किया और इस मामले फूलन को जेल भेज दिया। जेल से बाहर आने के बाद वो डकैतों के संपर्क में आईं और चाचा से बदला लेने के लिए फूलन ने बेहमई के 20 लोगों को गोली मारकर हत्या की।