अजय देवगन को सता रहा है बॉलीवुड से निकाले जाने का डर, कहा- कोई मुझे निकाले इससे पहले मैं..
बॉलीवुड के सिंघम के नाम से मशहूर अभिनेता अजय देवगन इस वक्त बॉलीवुड की जान बने हुए हैं, यह कहना गलत नहीं होगा. अजय देवगन फिलहाल तो बड़े पर्दे पर नजर आ रहे हैं, मगर संभव है कि आने वाले वर्षो में वे पूरी तरह से प्रोड्यूसर के तौर पर ही नजर आएं. जी हां, खुद उन्होंने इसका खुलासा किया है. अजय देवगन ने मीडिया में बताया है कि उन्हें मालूम है कि अभिनेताओं की एक सीमा होती है. आने वाले वर्षो में वे मुख्य धारा में अभिनय नहीं कर पाएंगे. संभव है कि उन्हें कैरेक्टर रोल करना पड़े. इसलिए वे धीरे-धीरे प्रोडक्शन पर फोकस करने जा रहे हैं.
लाइमलाइट का नशा
अजय देवगन से जब लाइमलाइट के नशे के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि लाइमलाइट का नशा बिल्कुल उन्हें भी होता है, लेकिन वे इसे पकड़कर रखने के पक्ष में नहीं हैं. अजय देवगन ने तो यहां तक कह दिया कि इससे पहले कि उन्हें बॉलीवुड से निकाल दिया जाए, वे खुद से ही बाहर हो जाना चाहते हैं.
चिंता तो होती है
इन दिनों अजय देवगन अपनी आने वाली फिल्म तानाजी: द अनसंग वॉरियर के प्रमोशन में काफी व्यस्त चल रहे हैं. फिल्म के रिलीज होने में केवल दो दिनों का वक्त रह गया है. फिल्म 10 जनवरी को रिलीज हो जाएगी. इस फिल्म के बारे में जब अजय देवगन से पूछा गया कि क्या वे इसे लेकर डर नहीं रहे हैं तो इसके जवाब में अजय देवगन ने कहा कि उन्हें फिल्म को लेकर किसी तरह का डर नहीं सताता. हालांकि, वे इस बात की चिंता जरूर करते हैं कि आखिर क्या होगा. देवगन ने कहा कि यह चिंता भी इसलिए होती है कि फिल्म को बनाने में पूरी टीम खासी मेहनत करती है.
परीक्षा परिणाम की तरह
देवगन ने कहा है कि वे लोगों से इस फिल्म को देखने और इसे पसंद करने की उम्मीद करते हैं. इस सवाल के जवाब में कि कहीं वे गलत हो जाएं और फिल्म लोगों की अपेक्षाओं पर खरा न उतर पाए तो क्या होगा, अजय देवगन ने कहा कि पूरी तरह से यह परीक्षा परिणाम की तरह ही है. इसका हमें इंतजार करना पड़ता है. हम और आप नहीं जानते कि फिल्म पर दर्शकों की कैसी प्रतिक्रिया आएगी. ऐसे में चिंता होना तो वाजिब है.
एडिटिंग और निर्देशन
एक सफल बॉलीवुड अभिनेता के तौर पर हमने अजय देवगन को जरूर देखा है, लेकिन वे बताते हैं कि किशोरावस्था से ही फिल्म की एडिटिंग और निर्देशन में वे शामिल रहे हैं. देवगन के मुताबिक अपने पिता वीरू देवगन से उन्होंने फिल्म एडिटिंग से जुड़ी बहुत सी चीजें सीखी हैं. घर में वे सीखी हुई चीजों को प्रयोग में भी लाते थे और इसका आउटपुट अपने पिता के सामने रखते थे. उन्होंने कहा है कि इसी वजह से अपनी खुद की फिल्मों की शूटिंग उन्होंने शुरू कर दी. फिल्म के सेट तैयार करने के साथ-साथ क्रेन्स और ट्रॉली के अलावा शूटिंग से जुड़ी हर चीज को इस्तेमाल में लाते थे. देवगन के मुताबिक इसमें उन्हें बहुत मजा आता था. इसलिए आखिरकार उन्होंने फिल्म निर्माता शेखर कपूर और फिर दीपक शिवदासानी को असिस्ट करना भी शुरू कर दिया. हालांकि जिन शॉट्स और सीक्वेंस को अजय देवगन ने देखा था और एडिट भी किया था, उनके मुताबिक वे उन्हें खो चुके हैं.
इस फिल्म से आई थी गंभीरता
आखिर किस फिल्म से अजय देवगन गंभीर हुए थे, इस सवाल के जवाब में उन्होंने बताया है कि वर्ष 1991 में आई फिल्म फूल और कांटे की शूटिंग शुरू करने के साथ ही वे गंभीर हो गए थे. वे मानते हैं कि जो कुछ भी आप कर रहे हैं, उसे सही तरीके से करना जरूरी है. नहीं तो आप वह नहीं कर सकते. जिस दिन वे सेट पर पहुंचे थे, उसी दिन वे गंभीर हो गए थे. फिल्म के रिलीज होने के बाद इसके चल निकलने से जिम्मेदारी बढ़ गई थी. लोगों ने उन्हें पसंद किया था तो उन्हें आगे भी अच्छा काम करना जरूरी था.
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