एक संत के आश्रम में चोर चोरी करने आता है, लेकिन संत का आचरण देख चोर का हृदय परिवर्तन हो जाता है
अगर व्यक्ति का आचरण सही हो तो अपने आचरण के दम पर ही गलत इंसान को सही रहा दिखा सकता है। किसी भी गलत व्यक्ति को सही रास्ते पर लगाने के लिए आप अपने आचरण को सही रखें। इस विषय से एक कथा जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार एक संत अकेले ही एक आश्रम में रहा करता था। ये संत जो भी भविष्यवाणी करता था। वो सदा सत्य ही होती थी। इस संत पर कई लोगों को विश्वास था और कई सारे राजा भी इस संत को अपने महल बुलाया करते थे। इस संत को राजाओं द्वारा खूब दक्षिणा दी जाती थी। इस संत का आश्रम सोने की चीजों से भरा हुआ था।
एक दिन गांव के एक व्यक्ति को इस संत के बारे में पता चलता है। ये व्यक्ति संत से मिलने के लिए उसके आश्रम जाता है। संत के आश्रम जाकर व्यक्ति हैरान रहा जाता है क्योंकि आश्रम में कई सारी सोने की वस्तुएं रखी हुई थी। इतना सारा सोना देखकर व्यक्ति के मन में लालच आ जाता है और वो सोचता है कि आखिर ये संत इतने सोने का क्या करेगा। क्यों ना में इसमें से थोड़ा सोना चुरा लूं।
ये व्यक्ति रात होने का इंतजार करता है। वहीं रात होते ही ये चोरी करने के लिए संत के आश्रम पहुंच जाता है। संत जिस कमरे में सो रहे होते हैं वहां जाकर ये व्यक्ति चोरी करने लग जाता है और गठरी में खूब सारा सोना भर लेते है। तभी संत की आंख खूल जाती है। लेकिन संत इस व्यक्ति को कुछ नहीं बोलता है। वहीं जब ये व्यक्ति गठरी को उठाने लगता है तो वो फट जाती है। संत उठकर इस चोर को एक चादर देता है और कहता है कि तुम एक काम करों ये सोना इसमें भर लों। व्यक्ति बिना कुछ बोले सोना चादर में भर लेता है और अपने घर चले जाता है।
घर जाकर ये व्यक्ति अपनी पत्नी को सब कुछ बताता है और कहता है कि संत बेहद ही बेवकूफ था। मैं उसके सामने चोरी करता रहा और उसने मुझे कुछ बोला तक नहीं । व्यक्ति की पूरी बात सुनने के बाद उसकी बोलती है कि संत ने तुम्हें चोरी करने दी क्योंकि उनका आचरण सही थी। अगर वो चाहते तो तुमको पकड़ कर चोरी करने की सजा दे सकते थे। तुमने जो किया वो गलत है। पत्नी की बात सुनने के बाद इस व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास हुआ और ये तुरंत संत के पास जाकर संत से माफी मांगता है। संत इस व्यक्ति को माफ कर देता है और जीवन में सही राह पर चलने को कहता है।
कथा की सीख
कई बार हम लोगों के आचरण की वजह से ही लोगों का हृदय परिवर्तन आसानी से हो जाता है और उन्हें सही राह चुनने में मदद मिलती है। इसलिए आप अपने आचरण को सही रखें और लोगा का मार्ग दर्शन करते रहे।