विधानसभा 2017 – अखिलेश सरकार का कारनामा, जहां मतदान खत्म वहां से बिजली कट!
नई दिल्ली – यूपी में चार चरणों के मतदान हो चुके हैं, पांचवे चरण का मतदान शेष है जो 27 फरवरी को होना है। प्रदेश की जनता को चुनावी सीजन में अखिलेश सरकार कि ओर से काफी अच्छी बिजली आपूर्ति मुहैया कराई गयी। लोग खुश थे कि कम से कम चुनाव तक तो उन्हें अच्छी बिजली आपूर्ति मिलेगी, लेकिन जिस दिन से मतदान खत्म हुआ है। उसी दिन से इन इलाकों में भयंकर बिजली कटौती शुरु हो गई है। सूबे में जहां भी मतदान हो गए वहां पर भंयकर बिजली कटौती की जा रही है। मतदान से पहले जहां 24 घंटे बिजली दी जा रही थी वहां अब दिन में सिर्फ 4 से 5 घंटे ही बिजली दी जा रही है। Electricity issue in Uttar Pradesh.
पीएम मोदी भी लगा चुके हैं ‘भेदभाव’ का आरोप –
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बीच बिजली का मुद्दा मरमाया। पीएम मोदी ने भी अभी कुछ दिन पहले ही यूपी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2012 में बिजली व्यवस्था के लिए काम करने का दावा करने वाले अखिलेश ने वादा किया था कि दो सालो में बिजली की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20 घंटे और शहरी इलाकों के लिए 22 घंटे हो जाएगी, साथ ही बिजली चोरी पर भी पूरी तरह से लगाम लग जाएगी, लेकिन हालात ये हैं कि पूरे प्रदेश में बिजली की समस्या जस की तस बनी हुई है। पीएम मोदी ने आगे कहा था कि, ईद पर तो बिजली मिलती है, लेकिन होली पर नहीं। अखिलेश सरकार जनता से भेदभाव करती है।
सूबे के कई जिलों से गायब हुई बिजली, लोगों में नाराजगी –
अलीगढ़ में मतदान हो चुके हैं, जिसके बाद से यहां बिजली कटौती की समस्या भयंकर बनी हुई है। बिजली कटौती का यही हाल गाजियाबाद और मेरठ का भी है। यहां भी दिन में करीब 10 घंटे तक बिजली की कटौती कि जा रही है। मुज्जफ्फर नगर में चुनाव के बाद से ही दिन में 9 घंटे तक बिजली काटी जा रही है। यही हाल सहारनपुर के देवंबद, सीतापुर का भी है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तो पिछली तीन दिनों से जबरदस्त बिजली कटौती की जा रही है। वहीं प्रदेश में भंयकर बिजली कटौती के बाद भी अखिलेश सरकार कि ओर से कहा जा रहा है कि कहीं भी बिजली नहीं काटी जा रही है।