कड़कड़ाती सर्दी में 12 किलोमीटर पैदल चलकर सीआरपीएफ के जवानो ने भूखे बच्चों के लिए पहुंचाया खाना
जम्मू-कश्मीर के रामबन के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग पर लैंडस्लाइड की वजह से फसे एक परिवार के सदस्यों के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान भगवान का रूप बनकर पहुंचे. कड़कड़ाती सर्दी और 12 किलोमीटर तक गाड़ियों की लंबी लाइन के बीच फसे भूखे प्यासे बच्चों के लिए सीआरपीएफ के बहादुर जवानों ने खाने पीने की चीजें और दूध पहुंचाने का तारीफ़ से भरा काम किया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मददगार बनकर पहुंचे सीआरपीएफ के जवानों को कहर ढाती ठंडी में पहाड़ी रास्ते पर 12 किलोमीटर का सफर पैदल चलकर तय करना पड़ा. सीआरपीएफ बटालियन के 84 वीं बटालियन के कमांडेंट डी पी यादव ने एक इंटरव्यू में बताया कि “जम्मू श्रीनगर राजमार्ग पर रामबन के डिगडोल इलाके में फसी आसिफा ने भूखे बच्चों का पेट भरने के लिए सीआरपीएफ से सहायता मांगी थी.
आसिफा के परिवार के लोगों ने सीआरपीएफ की मददगार हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया था. इसके बाद मददगार हेल्पलाइन की तरफ से सीआरपीएफ की 84 वीं बटालियन के जवानों को फौरन इस परिवार की मदद के लिए भेज दिया गया. इस टीम में इंस्पेक्टर रघुवीर के साथ सीआरपीएफ के और जवान परिवार के बच्चों और दूसरे लोगों के लिए दूध और खाना लेकर पहुंचे. इंटरव्यू के दौरान सीआरपीएफ के कमांडेंट ने कहा की लैंडस्लाइड की वजह से इतना ज्यादा ट्रैफिक जाम हो गया था जिसकी वजह से परिवार तक किसी गाड़ी से पहुंचना बहुत ही कठिन था. इस वजह से सीआरपीएफ के यह जवान पैदल चलकर ही कड़कड़ाती सर्दी के बीच 12 किलोमीटर का सफर तय करके मुश्किल में फंसे परिवार के पास पहुंचे.
@crpfindia troops led by Insp Raghuveer of 157 Bn @JKZONECRPF walked 12 Kms to provide food, water and other items to the family of Asifa who was stuck for hours at Digdol NH-44 along with her kids due to a massive landslide. Asifa had contacted @CRPFmadadgaar for help. pic.twitter.com/LwFtdz52GK
— CRPF Madadgaar (@CRPFmadadgaar) January 5, 2020
इसके बाद सीआरपीएफ के जवानों ने बच्चों को दूध और खाने का सामान दिया. सीआरपीएफ की विशेष मदद पर आसिफा के परिवार में मददगार हेल्पलाइन के लोगों और मौके पर आए जवानों को दिल से धन्यवाद दिया. रामबन जिले के डिगडोल और चंद्रकोट इलाके में भारी लैंडस्लाइड की वजह से नेशनल हाईवे बुधवार की देर शाम से ही बंद कर दिया गया है. भूस्खलन के कारण यहां पर अधिक मात्रा में मलबा और पत्थर गिर रहे थे. जिसकी वजह से हाईवे से मलबा और पत्थर हटाने के काम में कर्मचारियों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड रहा था. हालांकि, रविवार के दिन सुबह से हाईवे को एक तरफ से खोल दिया गया. जिस समय कश्मीर में पांच अगस्त को इंटरनेट और टेलीफोन बंद कर दिए गए थे तब लोगों की सहायता के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की श्रीनगर आधारित हेल्पलाइन ने अपना फ़ोन नंबर बदल दिया था.
इस बात की जानकारी सीआरपीएफ की मददगार हेल्पलाइन ने ट्विटर पर भी दी थी. कश्मीर में टेलीफोन सेवा बंद होने के बाद मददगार हेल्पलाइन ने बहुत सारे लोगों की सहायता की थी. इस मददगार हेल्पलाइन ने देश के अलग अलग हिस्सों में रहने वाले लोग जो कि कश्मीर में अपने परिवार वालों से संपर्क नहीं कर पा रहे थे, उनके लिए भी इस हेल्पलाइन को शुरू किया था.