ये थी बॉलीवुड की पहली महिला कॉमेडियन, जिसने अच्छे-अच्छों को चटी दी थी धुल
आज के समय में बॉलीवुड फिल्मों में महिलाओं की बात आते ही लोगों के दिमाग में सबसे पहले हॉट एंड ग्लैमरस अभिनेत्री की छवि उभरती है. फिल्म जगत में कदम रखते ही हर लड़की फिल्म की मुख्य अभिनेत्री बनने के लिए संघर्ष करने लगती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अभिनेत्री के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे बॉलीवुड की पहली कॉमेडियन एक्ट्रेस माना जाता है. इन्होंने अपने शानदार अभिनय से पुराने समय में अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. आज हम आपको बॉलीवुड की पहली महिला कॉमेडियन के बारे में बताने जा रहे हैं. आज हम आपको जिनके बारे में बताने जा रहे हैं उनका नाम है उमा देवी… यानी टुनटुन .
टुनटुन को फिल्म जगत की पहली महिला कॉमेडियन माना जाता है. अपने फनी अंदाज और गुदगुदाने वाली अदाओं से भरपूर टुनटुन ने उस समय अपनी एक अलग पहचान बनाई थी. जब मुख्य अभिनेत्रियों को भी अपने पैर जमाने के लिए जबरदस्त संघर्ष करना पड़ता था. उस समय में किसी महिला का कॉमेडी करना और लोगों को इंप्रेस कर लेना आसान नहीं था. टुनटुन फिल्मों में खुद को इस तरह दर्शाती थी कि जैसे ही लोगों ने स्क्रीन पर देखते थे उनकी हंसी निकल पड़ती थी. एक समय तो ऐसा भी था जब टुनटुन के बिना कोई भी फिल्म पूरी नहीं होती थी.
यहां तक फिल्मों में उनके लिए अलग से किरदार लिखे जाते थे. टुनटुन कॉमेडियन बाई चांस ही बन गई. वह बचपन से ही मुंबई जाकर सिंगर बनना चाहती थी. उस समय लड़कियों को पढ़ने के लिए बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. लेकिन उनके नसीब में लिखा था कॉमेडियन बनना. टुनटुन एक गांव में रहती थी. जहां से वह अपनी एक सहेली के साथ मुंबई आई. उनकी सहेली की जान पहचान फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों से थी. मुंबई आने के बाद उनकी मुलाकात संगीतकार नौशाद साहब से हुई.
यहां पर कुछ ऐसा किया जिससे सभी लोगों के चेहरे पर स्माइल आ गई. उन्होंने नौशाद साहब से काम देने की जिद की और यह भी कहा अगर उन्हें मौका नहीं दिया गया तो वह समुद्र में कूदकर आत्महत्या कर लेंगी. उनकी बात सुनने के बाद नौशाद साहब ने उनका एक छोटा सा ऑडिशन लिया और फर्स्ट ऑडिशन में उनकी आवाज ने नौशाद साहब को इंप्रेस कर दिया. आपको वह गाना याद ही होगा “अफसाना लिख रही हूं” इस गाने को टुनटुन ने गाय था. इस गाने को लोगों ने खूब पसंद किया था. आज के समय में भी यह गाना लोगों की जुबान पर है. कुछ समय तक टुनटुन का सिंगिंग करियर बहुत अच्छा चला. उसके बाद नौशाद साहब ने ही टुनटुन को एक्टिंग करने की सलाह दी. टुनटुन ने पहली बार दिलीप कुमार के साथ “बुलबुल” फिल्म में काम किया. इस फिल्म में टुनटुन के अभिनय की जमकर तारीफ की गई. उन्होंने अपने फिल्मी करियर में 200 से अधिक फिल्मों में काम किया. 2003 में भले ही टुनटुन ने दुनिया से विदा ले ली लेकिन आज भी वह अपनी कॉमेडी के द्वारा लोगों के दिलों में जिंदा है.