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कथा: जीवन में संतुष्ट रहना सबसे ज्यादा जरूरी होता है, क्योंकि संतुष्ट व्यक्ति सदा खुश रहता है

एक लोक कथा के अनुसार एक किसान बहुत ही परेशान रहा करता था और अपने जीवन से काफी दुखी था। एक बार इस किसान के गांव में एक संत आता है। ये किसान संत के पास जाकर संत को बताता है कि वो बेहद ही परेशान है और उसे इन परेशानियों से निकलने का रास्ता बताएं। संत किसान को एक मंत्र बताता है और कहता है कि तुम रोज इस मंत्र का जाप करों। इस मंत्र का जाप करने से तुम्हारे सामने एक देवी प्रकट होंगी और तुम जो चाहते हों वो देवी से मांग लेना।

किसान संत द्वारा बताए गए मंत्र का जाप रोज करता है और एक दिन किसान के सामने देवी प्रकट हो जाती है। देवी को देख किसान काफी खुश हो जाता है। देवी किसान से कुछ भी मांगने को कहती है। हालांकि किसान दुविधा में पड़ जाता है कि वो देवी से क्या मांगगा जाए। काफी विचार करने के बाद किसान देवी से कहता है कि इस समय मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। आप कृपा करके कल आ सकती हैं? ताकि मुझे आप से क्या वरदान चाहिए ये सोचने के लिए कुछ समय मिल सके। देवी किसान की बात मान लेती है और किसान से कहती है कि वो कल फिर से आएगी और कल तक किसान ये सोच ले की वो क्या पाना चाहता है।

देवी के जाते ही किसान इस सोच में पड़ जाता है कि वो रहने के लिए घर, खूब सारी जमीन और पैसों में से क्या मांगे। किसान पूरी रात इसी चिंता में रहता है। सुबह होते ही किसान फिर से मंत्र का जाप करता है और मंत्र का जाप करते ही देवी प्रकट हो जाती है। देवी किसान से वरदान मांगने को कहती है। किसान देवी से कहता आप मुझे ये वरदान दें की मैं हर हाल में संतुष्ट रहूं।

किसान के बात सुनने के बाद देवी  किसान को तथास्तु कहे देती है। तथास्तु कहने के बाद देवी किसान से एक सवाल करते हुए पूछती है। आज तक लोगों ने केवल मेरे से वरदान में धन-संपत्ति ही मांगी है। लेकिन तुम पहले ऐसे इंसान हो जिसने वरदान में मेरे से संतुष्ट मांगी है। ऐसा क्यों?

किसान देवी से कहता है मेरे पास धन बिलकुल भी नहीं है। आपके प्रकट होने के बाद मैं इस सोच में पड़ गया कि आप से मैं घर, पैसे और जमीन में से क्या मांगू और इस चिंता में मुझे रात भर नींद नहीं आई और मैं पूरे दिन बैचेन रहा। जिसके कारण मेरा सिर दर्द होने लग गया। इसलिए मुझे जीवन में ऐसा धन नहीं चाहिए जिसके चलते मेरी शांति भंग हो जाए। मैं जीवन में खुश और संतुष्ट रहना चाहता हूं। इसलिए मैं आपसे ये वरदान मांग।

कथा की सीख

इस कथा से हमें ये सीख मिलती है कि जीवन में खुश रहने के लिए धन से ज्यादा जरूरी संतुष्टि होती है। जो लोग जीवन में संतुष्ट रहते हैं वो सदा खुश रहते हैं और हर तरह की परेशानी उनसे दूर रहती है।

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