नोटबंदी ने कैश को वैक्यूम क्लीनर की तरह सोख लिया, हो सके तो गावों में पुराने नोट चलायें: आईएमएफ!
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा से बातचीत के दौरान नोटबंदी पर एक बड़ा बयान दिया है उन्होंने नोटबंदी की तुलना वैक्यूम क्लीनर से की. उन्होंने कहा कि भारत में नोटबंदी से कैश की बड़ी समस्या पैदा हुई है, उनका मानना है कि इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ा है. कैश की किल्लत से अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी ने वैक्यूम क्लीनर की तरह नकदी को सोख लिया. और अब कैश को बदले जाने की रफ़्तार बेहद धीमी है.
नोटबंदी की स्थितियों की तुलना वैक्यूम क्लीनर से :
यह बयान देने वाले अधिकारी पॉल ए कैशीन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में में एशिया और प्रशांत विभाग के सहायक निदेशक हैं. उन्होंने नोटबंदी की स्थितियों की तुलना वैक्यूम क्लीनर से की और कहा कि आपने गैर परंपरागत मौद्रिक नीतियों के जरिये हेलिकॉप्टर से पैसे गिराए जाने के बारे में सुना होगा, ठीक इसी तरह से नोटबंदी को भी लिया जा सकता है, नोटबंदी वैक्यूम क्लीनर रही जिसने चलन से पूरी नकदी को सोख लिया. उन्होंने कहा कि अब वैक्यूम क्लीनर उल्टा चलकर पैसा डाल रहा है, लेकिन इसकी रफ़्तार बेहद धीमी है.
उन्होंने कहा कि नकदी की कमी से संकट पैदा हुआ है, इसका नकारात्मक असर उपभोग पर भी पड़ेगा क्योंकि उपभोक्ता की क्रय शक्ति पहले के मुकाबले कम हो गई है. दरअसल नकदी होने की स्थिति में उपभोग के लिये उपभोक्ता की तत्परता बनी रहती है, लेकिन नकदी की कमी के चलते तत्परता प्रभावित होती है जिसकी वजह से उपभोग भी प्रभावित होता है.
गौरतलब है कि आईएमएफ ने अपनी वार्षिक कंट्री रिपोर्ट जारी की है जिसमें भारत सरकार से नये नोटों को जल्द से जल्द बैंकों में डालने को कहा गया है, आईएमएफ ने इस काम में तेजी लाने की बात खी है साथ ही जरूरत के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में अस्थाई छूट देने की बात भी कही है. साथ ही हो सके तो ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में पुराने नोटों के इस्तेमाल की अनुमति भी दी जानी चाहिये.