1 जनवरी से बदल जाएंगे आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े ये नियम, जान लें नहीं तो हो सकती है परेशानी
साल 2019 खत्म होने की कगार पर है. सभी लोग नए साल का स्वागत करने की तैयारी में जुटे हुए हैं, पर नए साल का स्वागत करने के साथ-साथ कुछ और चीजों के बारे में जानना बेहद जरूरी है. आने वाले साल में बहुत सारे नियमों में बदलाव होने वाले हैं. अगर आपको इन बदले हुए नियमों की जानकारी नहीं है तो आपको परेशानी हो सकती है. आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से उन सात बदले हुए नियमों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जिनके बारे में जानना बहुत जरूरी है.
अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक करवाने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की गई है. अगर आपने 31 दिसंबर से पहले अपने पैन को आधार से लिंक नहीं किया तो पैन कार्ड इन ऑपरेटिव हो जाएगा. मतलब आपके पैन कार्ड की सहायता से किसी भी प्रकार का वित्तीय लेनदेन नहीं किया जा सकेगा. पहले पैन कार्ड को आधार से लिंक करने की डेडलाइन 30 सितंबर तय की गई थी. पैन 10 अल्फान्यूमैरिक कैरक्टर वाली पहचान संख्या होती है. जिसे इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी किया जाता है. पैन ना होने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया जा सकता है. वित्त वर्ष 2018 – 19 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न 31 मार्च 2020 तक फाइल कर सकते हैं. लेकिन अगर आप 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको कम लेट फीस जमा करनी पड़ेगी. डेट आगे बढ़ाने के बाद 31 अगस्त तक रिटर्न फाइल करने पर किसी भी प्रकार का फाइन नहीं लगाया जाएगा. अगर आप 31 अगस्त से 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको ₹5000 जुर्माना जमा करना पड़ेगा. 1 जनवरी 2020 से जुर्माने की रकम बढ़कर ₹10000 हो जाएगी. हालांकि जिन लोगों की इनकम 500000 से कम है उन्हें सिर्फ ₹1000 का जुर्माना ही चुकाना पड़ेगा.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मैग्नेटिक स्ट्राइप वाले कार्ड को चेंज करने की अंतिम तारीख 1 जनवरी 2020 तय की है. 2 तारीख से यह कार्ड बेकार हो जाएगा. जिससे आपको परेशानी हो सकती है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने कस्टमर से लगातार कह रहा है कि वह अपना पुराना कार्ड बदलवा कर नया कार्ड ले ले. कार्ड बदलने के लिए किसी भी प्रकार की धनराशि नहीं लगेगी.
सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी से जुड़े पुराने लंबित विवादित मामलों की समस्या का समाधान करने के लिए बनाई गई “सबका विश्वास योजना” 31 दिसंबर को समाप्त होने वाली है. इस योजना को आगे बढ़ाने की संभावना नज़र नहीं आ रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी से जुड़े पुराने विवादों और मामलों की समस्या का समाधान करने के लिए चालू वित्त वर्ष के बजट में इस योजना की घोषणा की थी. इस योजना का नाम “सबका विश्वास योजना” रखा गया था. “सबका विश्वास योजना” के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को पुराने विवादित मामले में खुद के बकाए की घोषणा करते हुए उसे चुकाने का नियम रखा गया है.
आने वाले साल में कस्टमर्स को बैंक की तरफ से नई सौगात मिली है. 1 जनवरी 2020 से कस्टमर्स को बैंकों से एनईएफटी के द्वारा किए जाने वाले लेनदेन के लिए कोई शुल्क राशि जमा नहीं करनी पड़ेगी. नोटबंदी की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर डिजिटल लेनदेन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया था. 16 दिसंबर से 24 घंटे नेफ्ट ट्रांजैक्शन सेवा शुरू की गई थी..
जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आधार के द्वारा जीएसटी रजिस्ट्रेशन करने का निर्णय लिया गया है. एनुअल रिटर्न फाइल करने की तारीख 2 महीने बढ़ाकर 30 अगस्त 2019 तय की गई थी. जबकि नया रिटर्न जीएसटी रिटर्न फाइलिंग सिस्टम एक जनवरी 2020 से शुरू होने वाला है.