गोरखपुर: पहले तो जमकर बर्बाद की सरकारी संपत्ति, जब हुई कार्रवाई तो मांग रहे रहम की भीख
कोई भी व्यक्ति या धर्म के लोग सड़कों पर उतरकर दंगा फसाद मचाने से पहले कभी भी यह नहीं सोचते है कि वह किसी कानूनी दांवपेच या किसी तरह की परेशानी में फंस सकते हैं. आप इसे आवेश कहे या बहकावे पर इसमें फंसकर जो भी कानूनी पचड़ों में फंसा है उसके अंदर की सारी हेकड़ी खत्म हो जाती है. पुलिस अपना काम ज़्यादा मुस्तैदी से करने लगी है. अब जब पुलिस की सख्ती बढ़ गई तो अपना बचाव करने के लिए आरोपियों के परिवार वाले सभी जगह फरियाद करने के लिए तैयार हैं और लोगों के सामने अपने बच्चों को बचाने के लिए रहम की भीख मांग रहे है.
आरोपियों के परिवार वाले अपने बच्चो को बचाने के लिए कभी जनप्रतिनिधियों के आगे हाथ जोड़कर फरियाद कर रहे हैं तो कभी पीस कमेटी की मीटिंग में आने वाले उन इमाम मौलवी से आरोपियों की पैरवी करवा रहे हैं जो पुलिस के नजदीक हो ताकि उनके बच्चे इन आरोपों से बरी हो सके. पुलिस सबूतों के आधार पर कार्रवाई करने रही है और जिन आरोपियों की कम गलती है उन्हें शर्त के साथ रियायत दे सकती है कि उन्होंने अगर दोबारा गलत काम किया या फिर से शहर में दंगा फसाद मचाने का प्रयास किया तो उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही की जाएगी. और इस बार उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
पुलिस ऑफिसर्स के पास रोज आने वाले ऐसे लोगों की गिनती 10 से अधिक हो चुकी है. इसके अलावा बसपा सपा के नेता उनके घर और हालात की दुहाई देकर लोगों से अपील कर रहे हैं और अपने परिजनों को बचने के लिए सहायता मांग रहे हैं. तो किसी आरोपी के परिजन मुस्लिम धर्मगुरु की सहायता की उम्मीद के साथ ऑफिस के पास जा रहे हैं. इन लोगों में से अधिकतर वे लोग हैं जिनके खिलाफ शांति भंग के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है और 14 दिन की रिमांड पर रखा गया है. अब पुलिस का भी यही प्रयास है की शहर में हमेशा अमन और शांति बरक़रार रहे. जिसकी वजह से वह प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर कुछ लोगों को रियायत देने की तैयारी कर रही है.
यह वह लोग हैं जिनके परिवार वालों ने उनकी जिम्मेदारी इस शर्त पर ली है कि दोबारा वह अपने बच्चों की गलती करने पर उनकी पैरवी करने नहीं आएंगे. बहरहाल इन आरोपियों को जुमे की नमाज अदा करने के बाद ही रियायत देने का फैसला लिया गया है, पर पुलिस ऑफिसर्स के पास रोजाना इस तरह के आने वाले लोगों की गिनती लगातार बढ़ती जा रही है. जानकारी के अनुसार पुलिस उन सभी गलतियों को सुधारने में लगी है जो पिछले शुक्रवार को हुई थी. पिछले शुक्रवार को जब दंगे फसाद हुए तब पुलिस गलियों में मौजूद नहीं थी. पुलिस ने बुजुर्ग संभ्रांत लोगों की बातों पर विश्वास लिया. इस बार पुलिस पिछली की गयी सभी गलतियों से सबक लेकर मुहल्ले में मुस्तैदी से तैनात है. जिससे दोबारा किसी प्रकार का दंगा फसाद ना फ़ैल सके.