बेटे का हुनर देख मां ने बेची पुरखों की जमीन, पाई ऐसी मंजिल कि आ गया जापान से बुलावा
दुनिया में एक से बढ़कर एक टैलेंट है लेकिन हमारे भारत में भी टैलेंट की कोई कमी नहीं है। माना यहां पर जाति-धर्म को लेकर लड़ाईयां हो जाती हैं लेकिन अगर टैलेंट की बात होती है बड़े-बड़े फिल्म स्टार, साइंटिस्ट, आर्मी के जवान या फिर खिलाड़ी तो भारत में इन सभी की कोई कमी नहीं है। ऐसा ही एक लड़का है और बेटे का हुनर देख मां ने बेची पुरखों की जमीन, अब जापान में वैज्ञानिकों के साथ करेंगे काम।
बेटे का हुनर देख मां ने बेची पुरखों की जमीन
देश की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए मिसाइल का मॉडल तैयार करने वाले नौहझील क्षेत्र के गौतम चौधरी अब जापान की मशहूर कंपनी में काम करेंगे। इन्हें 40 लाख के सालाना पैकेज पर चुना गया गया है औ रये कंपनी भारत के लिए रक्षा उपकरण तैयारी करने का काम करती है। मथुरा के पास नौझिल नाम का एक गांव है जहां पर रहने वाले छात्र गौतम चौधरी साल 2015 से 2019 तक एक ऐसी मिसाइल का मॉडल तैयार किया है जो कई लक्ष्यों पर हमला कर सकती हैष।
अपने परिवार की जमापूंजी को लगाकर गौतम चौधरी ने ऐसी मिसाइल तैयार की है और ऐसा दावा किया है कि इस मॉडल का काम किया जा तो ये दुनिया में अब तक निर्मित मिसाइलों से अलग साबित हो सकती है। ये एक साल अपने लक्ष्य पर हमला कर सकती है और इस मॉडल का प्रदर्शन उसके द्वारा मथुरा डीएम सर्वज्ञराम मिश्र ने किया है। अलग-अलग स्तर से जानकारी जुटाने के बाद पिछले हफ्ते गौतम चौधरी ने अपनी मॉडल का प्रदर्शन बंगलुरू स्थित इसरो सेंटर में किया था। यहां से मिली जानकारी के बाद उसने भारत के लिए हथियार बनाने वाली कंपनी के बंलुरू स्थित कार्यालय से संपर्क किया। यहां कंपनी को अपने काम की सारी जानकारी दी और इसके आधार पर जापान में काम करने वाली इस कंपनी ने गौतम को अपने यहां 40 लाख रुपये के पैकेज में चयनित कर लिया है।
नौहझिल के गांव जटपुरा निवासी कुंती देवी जो कि गौतम की मां हां उन्होंने अपने बेटे को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। साल 2015 में मिसाइल बनाने का जुनून गौतम पर सवार हुआ और फिर उसने दिन-रात एक करके इसे बनाया। चार साल तक अलग-अलग विशेषज्ञों की मदद से उसने ये मॉडल तैयार किया। गौतम ने ये भी दावा किया था कि इस मॉडल पर तैयार होने वाली मिसाइल एक साथ 10 निषान साध कर सकती है। इसमें सॉलिड बूस्टर और जेट जैसे दो इंजन लगे गैं। इसका वजन 35 से 40 किलोग्राम तक है। बेटे के इस सपने को साकार करने में कुंती देवी ने अपने पुरखों की जमीन बेच दी और चार लाख रुपये के कर्ज के साथ इसे तैयार कर लिया।