रियलिटी शो का काला सच: फिक्स विजेता से लेकर कंटेस्टेंट की झूठी दुःखभरी कहानी तक होता हैं ये झोल
टीवी पर रियलिटी शो बड़ी अच्छी टीआरपी बटोरते हैं. इन शो को कई लोग बड़ी उत्सुकता के साथ देखते हैं. शो में कौन विजेता होगा या आपके वोट से शो पर क्या फर्क पड़ेगा इस चीज को लेकर उनमे बड़ा जोश रहता हैं. हालाँकि जब आप सच्चाई सुनेंगे तो उदास हो सकते हैं. ये रियलिटी शो बाहर से जैसे दिखाई देते हैं अंदर से वैसे होते नहीं हैं. यहाँ तक कि शो में दिखाए गए कॉमन व्यक्ति की बेकग्राउंड स्टोरी तक मंगढ़त हो सकती हैं. ऐसे में आइए इन रियलिटी शो का काला सच विस्तार से जानते हैं.
कौन बनेगा करोड़पति
अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति हम सभी को बहुत पसंद आता हैं. कई लोग इसे बड़े शौक से देखते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई बार इस शो में आने वाले कंटेस्टेंट की दुःखभरी कहानियां झूठी होती हैं या उन्हें बड़ा चड़ा कर बताया जाता हैं ताकि ज्यादा टीआरपी आ सके. कंटेस्टेंट को शो के एयर होने तक अपने बारे में कोई भी राज खोलने की आजादी भी नहीं होती हैं.
शो में जीते पुरे पैसे कंटेस्टेंट को नहीं मिलते हैं. इसमें 0.9% cess और 30% TDS कटता हैं. मतलब यदि किसी ने 1 करोड़ रुपए जीते तो उसे सिर्फ 69.10 लाख रुपए ही मिलते हैं.
केबीसी का ऑडियंस पोल भी कई बार फिक्स होता हैं. मतलब यदि सवाल कम पैसो का हो तो ये राईट जवाब पर ज्यादा वोट्स बताता हैं. वहीं सवाल बड़ा जैसे 1 करोड़ का हो तो इस पोल के जवाब को इस तरह बांटा जाता हैं कि कंटेस्टेंट कंफ्यूज हो जाए.
बिग बॉस
इन दिनों बिग बॉस का 13वा सीजन बहुत पॉपुलर हो रहा हैं. इसका पहला राज हैं कि घर सदस्यों का एलिमिनेशन आपके वोट नहीं बल्कि बिग बॉस की मैनेजमेंट टीम हैंडल करती हैं. आप किसी को कितना भी वोट दे, कौन घर से बाहर जाएगा या अंदर रहेगा ये फैसला उस सदस्य के टीआरपी में योगदान से तय किया जाता हैं. यदि कोई कंटेंट नहीं दे पा रहा तो उसे शो से बाहर कर दिया जाता हैं.
बिग बॉस घर में साफ़ सफाई के लिए एक अलग स्टाफ होता हैं. ये ही इतने बड़े घर की समय समय पर साफ़ सफाई करते हैं. ये भी माना जाता हैं कि कई बार कूकिंग के लिए भी एक अलग स्टाफ होता हैं जो इन्हें कभी कबार खाना बना दे देता हैं.
बिग बॉस के घर स्मोकिंग का अलग रूम हैं जिसे कैमरा पर नहीं दिखाते हैं. लेकिन शराब पिने के आदि लोगो का भी इंतजाम हैं. इन लोगो को शराब जूस के पैकेट में दी जाती हैं.
इंडिया गोट टैलेंट और इंडियन आइडल
इस तरह के शो में विजेता पहले से फिक्स होता हैं. इसका फैसला उस कंटेस्टेंट की बेकग्राउंड स्टोरी, शो की स्क्रिप्ट और दर्शकों के बीच लोकप्रियता से होता हैं.
इस तरह के शो में बेकार गाने वाले या बुरा परफॉर्म करने वाले जानबुझ कर लाए जाते हैं. इससे शो में कॉमेडी होती हैं और उसकी टीआरपी भी बढ़ती हैं.
इन रियलिटी शो में सिर्फ ऑडिशन देकर आप एंटर नहीं हो सकते हैं. ऐसा कहा जाता हैं कि सुबह से ऑडिशन की लाइन में लगने के बाद भी इस चीज की ग्यारंटी नहीं होती हैं कि आपका शो में सिलेक्शन होगा. इसमें सेलेक्ट होने के लिए आपका जैक होना चाहिए या फिर खुद शो वाले आपके टेलेंट से कुछ ज्यादा ही प्रभावित होकर आपको कॉल कर सकते हैं. इनमे भी कई बार ये शो की टीम वाले ही कंटेस्टेंट ढूंढ ढूंढ कर लाते हैं.