बिहार की बेटी शिवांगी बनेगी भारतीय नौसेना की शान, पहली महिला पायलट बन ऊंचा किया मां-बाप का नाम
दुनिया में जन्म लिया हर इंसान यह सपना देखता है कि पूरी दुनिया में उसका एक सफल इंसान के रूप में नाम हो और उसकी फोटो अखबार और टीवी मीडिया पर छाई रहे. लेकिन उस सपने को हकीकत बनाने के लिए मेहनत की बहुत जरूरत होती है जो बहुत कम लोग कर पाते हैं. दुनियाभर के करोड़ों लोगों में जो मेहनत कर पाते हैं उनमें से एक है भारत के बिहार राज्य से आने वाली बेटी शिवांगी. इनके कारनामे ने इस बात को सिद्ध कर दिया कि ‘लड़कियां लड़को से कमजोर नहीं होती’. जब बात देश की आए तो वह भी दुश्मन के दांत खट्टे करने के लिए तैयार हैं.
बनी पहली महिला नौसेना पायलट
आपको जानकर गर्व महसूस होगा कि शिवांगी अपनी कड़ी मेहनत के कारण भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बन गई है. शिवांगी अब नौसेना में सब लेफ्टिनेंट का दर्जा प्राप्त कर चुकी हैं. 2 दिसंबर 2019, सोमवार को हुए पासिंग आउट परेड के बाद अपनी जिम्मेदारी संभालने वाली शिवांगी फिलहाल कोच्चि नेवल बेस में ऑपरेशनल ड्यूटी ज्वॉइन कर चुकी हैं.
माता-पिता को है गर्व, घर में शुरू हुआ जश्न
समाज के हर माता पिता अपने बच्चों की छोटी और बड़ी हर कामयाबी में गर्व महसूस करते हैं. जैसे ही यह खुश कर देने वाली खबर शिवांगी के परिवार तक पहुंची इनके माता पिता बहुत खुश हुए. शिवांगी के पिता जो को पेशे से शिक्षक हैं, बकौल हरिभूषण सिंह जी कहते हैं कि, “हम साधारण परिवार से आते हैं, फिर भी हमारी बेटी ने बहुत बड़ी ऊंचाई हासिल कर ली है. मैं तो दुनिया के हर माता पिता को कहता हूं कि चाहे बेटा हो या बेटी अपने बच्चों को सपोर्ट करें. जैसे आज मैं गर्व कर रहा हूं वैसे एक दिन आपको भी होगा. दूसरी ओर शिवांगी की मां कहती हैं कि, “मैंने कभी शिवांगी को हार नहीं मानने दिया, हमेशा उसके साथ थी और उसका हौसला बढ़ाया”.
उड़ना ही था मेरा सपना
बिहार के मुजफ्फरपुर से आने वाली शिवांगी ने अपने स्कूल को शिक्षा यानी कि 12वीं तक की पढ़ाई डीएवी-बखरी से पूरी की. इसके बाद बीटेक की डिग्री सिक्किम मणिपाल इंस्टिच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से प्राप्त की. वह अपने इस दिन को हमेशा याद रखना चाहती हैं और कहती हैं कि. “यह मेरे लिए अद्भुत दिन है, हमेशा से इसी का सपना देखा जिसको आज हकीकत के रूप में देख रही हूं”.
इस वजह से लिया फैसला
बता दें, शिवांगी नौसेना में फिक्स्ड विंग डोर्नियर सर्विलांस विमान को उड़ान देंगी. उन्होंने नौसेना में शामिल होने का फैसला तब लिया जब उनके बीटेक करने के टाइम उनके कॉलेज में एक नेवी ऑफिसर पहुंचे, जिससे शिवांगी बेहद प्रभावित हो गई. इसके बाद शिवांगी ने इस फील्ड को चुनने का फैसला लिया और आखिरकार अपने सपने को सच कर दिखाया. आज शिवांगी के माता-पिता के साथ-साथ पूरे बिहार को उन पर गर्व है.
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